विष्णुगढ़. आज जब सरकारें अंतिम गांव तक विकास पहुंचाने का दावे कर रही हैं, वहीं हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ प्रखंड के गोविंदपुर पंचायत का गिधनिया गांव उन दावों की सच्चाई बयां कर रहा है. यह गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं सड़क, स्वास्थ्य सेवा और यातायात से वंचित है. बीमार, गर्भवती महिला या मृत व्यक्ति को गांव तक लाने का एकमात्र विकल्प खटिया ही है.तीन अगस्त को एक बार फिर गिधनिया गांव की बदहाली सामने आयी जब गांव के शनिचर मरांडी की मृत्यु के बाद उनके परिजनों को शव लाने के लिए खटिया का सहारा लेना पड़ा. ग्रामीणों ने बताया कि शव को करीब पांच किमी पैदल रास्ता तय कर खटिया पर लादकर गांव लाया गया. चार लोग बारी-बारी से खटिया ढोते रहे. परिवार और ग्रामीणों के चेहरे पर दुख के साथ-साथ सिस्टम के प्रति नाराजगी भी साफ झलक रही थी. शनिचर मरांडी की मौत कर्नाटक में काम करने के दौरान दो अगस्त को हो गयी थी. शव तीन अगस्त की शाम चार बजे एंबुलेंस से विष्णुगढ़ के चितरामो पहुंचा था.
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