हजारीबाग. विनोबा भावे विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर इतिहास विभाग में बुधवार को इतिहास में उठते विवाद विषय पर व्याख्यान हुआ. मुख्य वक्ता मगध विवि के प्रो मुकेश कुमार ने इतिहास लेखन में वस्तुनिष्ठता और सामान्यीकरण के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि हड़प्पा सभ्यता का दक्षिणी विस्तार पहले जहां तक सीमित माना जाता था, अब दायमाबाद तक स्वीकार किया जा रहा है. नये साक्ष्य मिलने पर यह दायरा और बदल सकता है. उन्होंने तर्क दिया कि अकबर को सहिष्णु सम्राट मानने की धारणा स्रोतों पर आधारित है, पर यदि सांप्रदायिक नीति के साक्ष्य मिलते हैं, तो दोनों दृष्टिकोणों को महत्व देना होगा. इतिहास को साक्ष्य आधारित होना चाहिए ताकि वह आधुनिक भारत को दिशा दे सके. कार्यक्रम का संचालन भैरव आनंद ने किया. विभागाध्यक्ष डॉ हितेंद्र अनुपम ने विषय प्रवेश कराया. इस अवसर पर डॉ विकास कुमार, डॉ फ्रांसिस्का कुजूर, डॉ मंजुला सांगा समेत शोधार्थी व विद्यार्थी उपस्थित थे.
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