हजारीबाग. विनोबा भावे विश्वविद्यालय जनजातीय अध्ययन केंद्र में पठन-पाठन जल्द शुरू होगा. कुलपति प्रो दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि विभावि मुख्यालय में स्थित जनजातीय अध्ययन केंद्र भवन में पठन-पाठन सहित अन्य गतिविधियों को प्रारंभ करना विश्वविद्यालय की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इस संबंध में बहुत जल्द सांसद मनीष जायसवाल और पद्म पुरस्कार विजेता एवं जनजातीय मामलों के विशेषज्ञ अल्फ्रेड बुलू ईमान से मार्गदर्शन के लिए संपर्क किया जायेगा. विभावि जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ सुकल्याण मोइत्रा ने बताया कि जनजातीय अध्ययन केंद्र भवन के निरीक्षण के बाद कुलपति ने मानव विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ विनोद रंजन को इस संबंध में प्रस्ताव बनाने का दायित्व सौंपा है. प्रस्ताव का प्रारूप दो मई को समर्पित करने को कहा गया है. जल्द विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा (टिआरएल) विभाग को इस कार्य से जोड़ा जायेगा. कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय मुख्यालय में कार्यरत जनजाति शिक्षक एवं जनजाति मामलों के जानकार शिक्षकों को भी इसमें शामिल करते हुए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन जल्द किया जायेगा. पहले चरण में प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है. विश्वविद्यालय द्वारा समर्पित प्रस्ताव को राजभवन और राज्य सरकार से स्वीकृति के लिए भेजा जायेगा. आसपास के जनजाति एवं अन्य ग्रामीण समुदाय के लोगों के लिए कुछ छोटे-छोटे व्यावसायिक प्रशिक्षण की शुरुआत की जायेगी.
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