बड़कागांव बाजार में फुटका 800 से 1000 प्रति किलो बिक रहा है, जबकि खुखड़ी और टेकनस 600 से 800 प्रति किलो तक बेचे जा रहे हैं 18हैज5में- बड़कागांव दैनिक बाजार में खुखंडी, फुटका बेचती महिलाएं बड़कागांव. प्रखंड के दैनिक और साप्ताहिक बाजारों में बरसाती मटन कहे जाने वाले फुटका (रुगड़ा) की बिक्री इन दिनों जोरों पर है. सावन के मौसम में इसकी मांग काफी बढ़ जाती है, क्योंकि यह केवल बरसात के समय जंगलों में उपलब्ध होता है. इसके अलावा खुखड़ी और टेकनस जैसी अन्य जंगली मशरूम प्रजातियों की भी अच्छी मांग है. अंबा टोला के बुधन मांझी, कुमुद टुडू, शुक्री मुंडा, सुनीता देवी और प्रकाश महतो ने बताया कि वे सुबह जंगलों में जाकर फुटका, खुखड़ी और टेकनस एकत्र करते हैं और दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे तक बाजार में बेचते हैं। इस व्यवसाय से प्रतिदिन 5,000 से 10,000 रुपये तक की आमदनी हो जाती है. खास बात यह है कि इस काम में सबसे अधिक महिलाएं सक्रिय हैं. आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. अरुण महतो के अनुसार, फुटका पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसमें विटामिन, फॉस्फोरस, पोटेशियम, जिंक, आयरन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, फोलिक एसिड, कैल्शियम और प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है, जिससे यह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है. कांड़तरी वन संरक्षण समिति के पूर्व अध्यक्ष बालेश्वर महतो ने बताया कि ये मशरूम प्रजातियां जमीन के अंदर साल वृक्षों की दरारों में बारिश के पानी से पनपती हैं. परिपक्व होने पर ग्रामीण इन्हें एकत्र कर बाजार में बेचते हैं. बरसाती मटन कहा जाने वाला फुटका की बिक्री बड़कागांव के दैनिक एवं साप्ताहिक बाजार में बिक्री खूब हो रही है.
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