वट सावित्री पूजा को लेकर बाजार में रौनक, सुहागिनों में उत्साह

वट सावित्री पूजा भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है. इस त्योहार में सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और परिवार में सुख-समृद्धि की प्रार्थना करती हैं.

By PRAVEEN | May 25, 2025 8:59 PM
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हजारीबाग. वट सावित्री पूजा भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है. इस त्योहार में सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और परिवार में सुख-समृद्धि की प्रार्थना करती हैं. इस त्योहार को लेकर रविवार को हजारीबाग के बाजार में काफी रौनक दिखी. सुहागिन महिलाएं शृंगार सामग्री, पूजा के सामान, नयी साड़ियों की खरीदारी करते देखी गयीं. मेहंदी लगाने के लिए ब्यूटी पार्लरों में महिलाओं की भीड़ रही. प्रभात खबर प्रतिनिधि ने बट सावित्री पूजा की तैयारी में लगी महिलाओं से बातचीत की.

पहली बार पूजा करने वाली महिलाएं

वट वृक्ष की पूजा और विशेष परंपराएं

माउंट एग्माउंट स्कूल के पास रहने वाली प्रियंका पांडेय ने कहा कि 26 मई को उपवास रखकर पति की लंबी आयु के लिए पूजा करूंगी. यह पूजा मैं पिछले 10 वर्षों से कर रही हूं. पुलिस लाइन की मोनिका ने कहा कि यह पूजा हमारी परंपराओं में शामिल है. सोमवार की सुबह बरगद के पेड़ के नीचे पूजा करने के बाद पति को वर के पत्ते से पंखा लगाऊंगी. इसके बाद ही प्रसाद ग्रहण करूंगी. मटवारी की श्वेता सिंह ने कहा कि वट सावित्री पूजा मैं 14 साल से कर रही हूं. कल मैं सोलह शृंगार कर वटवृक्ष की पूजा करूंगी. कनहरी की सुनीता सिंह ने कहा कि दिनभर उपवास रखूंगी और सुबह बरगद के पेड़ में पूजा करूंगी. पति की लंबी आयु के लिए 101 फेरे लगाऊंगी. शाम में पति के नाम पर मेहंदी लगाऊंगी. मुफस्सिल थाना के पास रहने वाली किरण यादव ने कहा कि वट सावित्री पूजा को लेकर सारी तैयारी कर ली है. पति के लिए सजना अच्छा लगता है. कल उपवास रखूंगी और पूजा के बाद पति का चरण स्पर्श करूंगी. डेमोटांड़ की रीमा सिन्हा ने कहा कि यह पूजा मैं सात वर्षों से लगातार कर रही हूं. सालभर से इस त्योहार का इंतजार रहता है. पूजा के दिन पंडित जी से पतिव्रता सावित्री और सत्यवान की कथा भी सुनूंगी. देवांगना चौक की प्रियांशु ने कहा कि आज मैंने मेहंदी रचाई है. कल पति की लंबी आयु के लिए सोलह शृंगार कर वटवृक्ष की पूजा करूंगी. भारतीय संस्कृति में माना जाता है कि इसी पूजा के कारण ही सावित्री ने सत्यवान को पुनः जीवन दिलाया था.

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