पदमा़ सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने और सभी बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए सरकार द्वारा स्कूल चले हम और रूआर जैसे कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. इसके बावजूद सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या लगातार घटती जा रही है. पदमा प्रखंड के मध्य विद्यालय चंपाडीह के उत्क्रमित उच्च विद्यालय बनने के साथ ही बच्चों की संख्या में गिरावट आयी है. दस साल पहले इस स्कूल में कक्षा एक से आठ तक बच्चों की संख्या लगभग 500 थी. पर पिछले कुछ वर्षों में इस स्कूल में 90 प्रतिशत बच्चों की संख्या घटकर अब मात्र 57 रह गयी है. उसमें भी उपस्थिति मात्र 20 बच्चों की ही होती है. 28 अप्रैल को कक्षा एक में नामांकित दो बच्चों में से एक भी नहीं आया. वहीं कक्षा दो में नामांकित चार में एक, कक्षा तीन में नामांकित तीन में एक, कक्षा चार में नामांकित पांच में एक, कक्षा पांच में नामांकित आठ में चार, कक्षा छह में नामांकित 14 में नौ, कक्षा सात में नामांकित 10 में दो और कक्षा आठ में नामांकित आठ में दो बच्चे उपस्थित थे. बच्चों की संख्या कम होने के कारण विद्यालय बंद होने के कगार पर पहुंच गया है. इन बच्चों को पढ़ाने के लिए तीन शिक्षक पदस्थापित हैं. मध्य विद्यालय चंपाडीह में 15 कमरे हैं, जिसमें मात्र तीन कमरे का उपयोग होता है. कक्षा एक से पांच तक के बच्चों को एक ही कमरे में पढ़ाया जाता है. वहीं कक्षा छह के बच्चों को एक कमरे में और सात व आठ के बच्चों को एक साथ बैठाया जाता है.
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