हजारीबाग. हजारीबाग नगर भवन में गुरुवार को राज्य स्तरीय शहरी महिला स्वयं सहायता समूह के साथ परिचर्चा का आयोजन किया गया. उद्घाटन झारखंड के नगर विकास आवास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू, निदेशक सत्येंद्र कुमार सिंह, डीसी नैंसी सहाय और नगर आयुक्त योगेंद्र प्रसाद ने संयुक्त रूप से किया. मौके पर मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि नगर निगम, नगर निकाय और एसएचजी महिला समूह के विकास कार्य की नीतियां दिल्ली और रांची में बनायी जाती हैं. इस नीति में सहभागी बनने के लिए संवाद के माध्यम से एसएचजी दीदी का विचार, योजना और रोजगार चयन के सुझावों को शामिल किया जायेगा. उन्होंने महिला समूहों को अपनी इच्छानुसार रोजगार का चयन कर सामग्री का उत्पादन करने के लिए प्रेरित किया. मंत्री ने कहा कि महिला समूह से जुड़ने के बाद महिलाओं को समाज में अलग पहचान, सम्मान और रोजगार मिला है. इस परिचर्चा में यह भी पता चला कि महिलाएं सिर्फ अचार और पापड़ ही नहीं, बल्कि स्वरोजगार से जुड़ कर कई प्रकार की सामग्रियों का उत्पादन कर रही हैं. महिला समूह द्वारा उत्पादित वस्तुओं को ब्रांडिंग और बाजार मिले, इस पर सरकार पहल करेगी. झारखंड में 20 हजार शहरी एसएचजी ग्रुप बने हैं, जिनमें करीब दो लाख महिलाएं जुड़कर काम कर रही हैं. आनेवाले दिनों में इस संख्या को 40 हजार तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है. कार्यक्रम में विभिन्न नगर निगम और नगर निकायों की महिलाओं ने अपने विचार साझा किये. पलामू की सावित्री देवी ने बताया कि 10 हजार रुपये ऋण लेकर चना, सत्तू और बेसन का व्यवसाय समूह द्वारा किया गया. खूंटी की सुधा देवी ने मडुवा लड्डू से अपने व्यवसाय की शुरुआत की है. उन्होंने इस क्षेत्र में प्रशिक्षण और मार्केटिंग की मांग रखी. हजारीबाग की गरिमा पूर्वी ने अचार, पापड़ व्यवसाय के साथ जूट बैग सहित अन्य उत्पादों की जानकारी दी. कार्यक्रम में देवघर के नगर आयुक्त रोहित सिन्हा, ज्योति सिंह, सहायक नगर आयुक्त विपिन कुमार, अनिल पांडेय, फुसरो से राजीव रंजन, रंजीत कुमार सिंह, मेदिनीनगर से विश्वजीत महतो, चंद्रदीप कुमार, रामगढ़ से मनीष कुमार, चक्रधरपुर से संतोषीणी मुर्मू, राहुल कुमार और सोमा खंडेल समेत कई लोग शामिल थे
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