Bhagalpur news श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह जीवात्मा और परमात्मा का मिलन : ओम प्रकाश जी
कहलगांव ओगरी गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ
कहलगांव ओगरी गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन कथा व्यास ओम प्रकाश जी महाराज ने कथा वाचन के दौरान श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह व श्रीकृष्ण सुदामा चरित का वर्णन करते हुए कहा कि श्रीकृष्ण रुक्मिणी विवाह का आध्यात्मिक रहस्य है. जीवात्मा और परमात्मा का मिलन है. श्रीकृष्ण सुदामा चरित का आध्यात्मिक रहस्य है. जीव अगर परमात्मा के स्वभाव को जान लेता है, तो वह संसार का खुशामद नहीं करता है. तब परमात्मा उस जीव को अपना स्वरूप और ऐश्वर्य प्रदान कर देते है. जो भगवान श्रीकृष्ण ने सुदामा जी को दे दिया. मृत्यु से पूर्व शुकदेव जी महाराज ने परीक्षित को परमात्मा में मिला दिया, अर्थात् मोक्ष प्रदान कर दिया. मोक्ष का अर्थ है मोह का क्षय होना. जो भागवत कथा सुनकर उन्हें प्राप्त हुआ. उन्होंने युवाओं को नशा मुक्त रहने व बच्चियों को धर्मांतरण से बचने का निर्देश दिया. कथा का श्रवण करने के लिए आसपास के श्रद्धालु सहित ग्रामीण व आयोजन समिति के सदस्य मौजूद थे.
श्रीकृष्णा के बाल लीलाओं को सुन श्रद्धालु आनंदित
कहलगांव सियां में सात दिनों तक चलने वाले श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन वृंदावन से पधारे कथावाचक बाबा नवनाथ कृष्ण जी महाराज ने श्रीकृष्णा का बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कथा के साथ झांकी दिखाते हुए कान्हा के माखन चुराना, मटकी फोड़ना, नहाते वक्त गोपियों का वस्त्र चुराना, गौ माता को चराने वक्त बांसुरी बजा कर पूरे वृंदावन वासियों को मोहित करना. उनकी लीला देख भगवान इंद्र ने अपना कोप दिखाकर मूसलधार तूफानी हवा और बारिश करा कर गोकुल वासियों को अस्त व्यस्त करना चाह रहे थे. उसे वक्त श्री कृष्ण जी ने गिरिराज गोवर्धन पर्वत उठा कर तूफान और वर्षा से रक्षा किया, तो इंद्र को उनके आगे शर्म से झुकना पड़ा और माफी भी मांगना पड़ी. उन्होंने कृष्ण का मथुरा गमन, कंस उद्धार, गोपी उद्धव संवाद व अंत में श्री कृष्णा और रुक्मिणी विवाह की कहानी सुनायी. ऐसी कथाओं को सुन श्रोता आनंदित हो रहे थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है