Jharkhand Administrative : प्रमुख संवाददाता, रांची राज्य सरकार ने सीएनटी एक्ट से आच्छादित भूमि पर नक्शा स्वीकृति में आने वाली बाधा दूर करने के लिए बिल्डिंग बाइलॉज संशोधित कर दिया है. नक्शा स्वीकृति के दौरान पब्लिक यूटिलिटी के लिए भूमि देने की अनिवार्यता है. पूर्व में सड़क चौड़ीकरण के लिए चिह्नित भू पट्टी व अन्य भूमि संबंधित प्राधिकार या नगर निकाय को हस्तांतरित करने का प्रावधान था. प्रभावित भूखंड के एवज में ट्रांसफर ऑफ डेवलपर्स राइट के तहत भूखंड के शेष रकबा पर फ्लोर एरिया रेश्यो देने का भी प्रावधान है. परंतु, सीएनटी एक्ट से आच्छादित भूमि की सड़क चौड़ीकरण के लिए आवश्यक भू पट्टी प्राधिकार और स्थानीय निकाय को हस्तांतरण संभव नहीं है. ऐसे में सीएनटी एक्ट से आच्छादित समुदाय या जातियों को नक्शा स्वीकृति में दिक्कत आ रही थी. बाइलॉज में संशोधन के बाद अब सीएनटी एक्ट में शामिल भूमि स्वामी स्वेच्छा से भूमि का इस्तेमाल नहीं करने से संबंधित शपथ पत्र देकर नक्शा स्वीकृति प्राप्त कर सकेंगे. बिल्डिंग बाइलॉज में एक अन्य संशोधन करते हुए ग्रीन बिल्डिंग के लिए एसोचैम जेम के झारखंड चैप्टर को भी अधिकृत किया गया. 100 किलो वाट या इससे अधिक बिजली की खपत करनेवाली संस्थाओं को ग्रीन बिल्डिंग से संबंधित प्रमाण पत्र हासिल करना होता है. इसके लिए संबंधित भवन में सौर ऊर्जा, वेस्ट वाटर रिसाइकिलिंग जैसे वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की स्थापना जरूरी है. अब तक केवल दो संस्थाओं गृह व आइजीबीसी की ग्रीन बिल्डिंग का प्रमाण पत्र प्रदान करती थी. अब उक्त दो संस्थाओं के अलावा एसोचैम जेम के झारखंड चैप्टर को भी ग्रीन बिल्डिंग का प्रमाण पत्र प्रदान करने के लिए अधिकृत कर दिया गया है.
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संशोधित हुआ बिल्डिंग बाइलॉज, सीएनटी की जमीन पर नक्शा स्वीकृति हुआ आसान
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Prabhat Khabar Digital Desk
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