उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिल्किया टनल में फंसे झारखंड के 15 श्रमिकों समेत देश के अलग-अलग हिस्सों के 41 मजदूरों को सुरक्षित निकाले जाने के बाद पूरे देश ने राहत की सांस ली है. ये सभी लोग 17 दिन तक टनल में फंसे रहे. अब तक के सबसे बड़े लंबे ऑपरेशन के बाद इन्हें निकाला गया. विदेशी मदद भी ली गई. लेकिन, अंतत: देशी तकनीक ही काम आई और सभी मजदूर सुरक्षित निकाले गए. झारखंड की राजधानी रांची के ओरमांझी स्थित गांव के तीन युवक टनल में फंसे थे. उनके बाहर आने के बाद प्रभात खबर की टीम ने अनिल बेदिया के परिवार से एक्सक्लूसिव बातचीत की. अनिल बेदिया के परिजनों के चेहरे पर अब खुशी की लहर है. आसपास के लोग भी खुश हैं. अनिल बेदिया के स्वागत की तैयारी चल रही है. उसके माता-पिता ने कहा कि 17 दिन बाद रात में सो पाए. वे अपने बेटे का कैसे स्वागत करेंगे, इसके बारे में भी बताया. आप भी देखिए प्रभात खबर (prabhatkhabar.com) का ये एक्सक्लूसिव वीडियो.
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VIDEO: उत्तरकाशी के टनल में फंसे रांची के अनिल बेदिया के माता-पिता 17 दिन बाद रात में सोए, अब करेंगे ये काम
अनिल बेदिया के परिजनों के चेहरे पर अब खुशी की लहर है. आसपास के लोग भी खुश हैं. अनिल बेदिया के स्वागत की तैयारी चल रही है. उसके माता-पिता ने कहा कि 17 दिन बाद रात में सो पाए.
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.
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