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ये है शुभ पहर
बता दें कि आज पूरे दिन बहन अपने भाई को राखी बांध सकती है. दरअसल, भद्रयोग आज सुबह 9.30 में ही खत्म हो गया है, जिसके कारण राखी कभी भी आज पूरे दिन बांधा जा सकता है. वैसे 1.35 के बाद सबसे शुभ पहर माना गया है.
इस तरह से भाइयों की कलाई पर बांधे राखी
राखी बंधवाते समय भाईयों को सिर पर रुमाल या कोई स्वच्छ वस्त्र रखना चाहिए. इसके बाद बहन सबसे पहले भाई के माथे पर रोली का टीका लगाएं. टीका के ऊपर अक्षत लगाएं और आशीर्वाद के रूप में भाई के ऊपर कुछ अक्षत छींटें. भाई की नजर उतारने के लिए दीप से आरती दिखाएं. कहीं-कहीं बहनें अपनी आंखों का काजल भी भाई को लगाती हैं. भाई की दायीं कलाई में राखी का पवित्र धागा, मंत्र बोलते हुए बांधे. इससे राखी के धागों में शक्ति का संचार होता है.
जानें कब तक रहेगी पूर्णिमा तिथि
आज रात 9 बजकर 28 मिनट के बाद पूर्णिमा तिथि समाप्त हो जाएगी. सुबह 9.28 से 10.30 बजे तक शुभ, दोपहर 1.30 से 3 बजे तक चर की चौघड़िया, दोपहर 3 से 4.30 बजे तक लाभ की चौघड़िया, शाम 4.30 से 6 बजे तक अमृत की चौघड़िया, शाम 6 से 7.30 बजे चर की चौघड़िया का योग बन रहा है. दोपहर को 1 बजकर 35 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 35 मिनट तक बहुत ही अच्छा समय है, इसके बाद शाम को 7 बजकर 30 मिनट से लेकर रात 9.28 के बीच में बहुत अच्छा मुहूर्त है.
जानें अब राखी बाधने का सही समय
रक्षाबंधन का सबसे शुभ मुहूर्त है साढ़े नौ बजे से लेकर साढ़े ग्यारह बजे तक. यह एक ऐसा मुहूर्त है जो ना सिर्फ भाई-बहन को लंबी उम्र देगा, बल्कि उनके भाग्य को भी मजबूत बनाएगा. इसलिए शुभ मुहूर्त में राखी बांधने हो तो सुबह 9 बजकर 25 मिनट से सुबह 11 बजकर 28 मिनट तक बहन अपने भाई को राखी बांध लें. इसके बाद 1 बजकर 35 मिनट पर ही राखी बांधे. 11:28 बजे से लेकर 1:35 बजे के बीच में रखी नहीं बांधे. इस बीच अशुभ समय रहेगा.
कब तक नहीं खोलनी चाहिए राखी
मान्यता है कि राखी बंधने के कम से कम एक पक्ष तक इसे नहीं खोलना चाहिए. अगर किसी कारणवश राखी खुल जाती है तो उसे बहते जल में प्रवाहित करना चाहिए या मिट्टी में भी दबा सकते हैं. राखी अधिक से अधिक समय तक अपने कलाई पर रखनी चाहिए.
जनिए भाई के किन हाथों में बांधनी चाहिए राखी
रक्षाबंधन वाले दिन सबसे पहले राखी की थाली सजाएं. इस थाली में रोली, कुमकुम, अक्षत, पीली सरसों के बीज, दीपक और राखी रखें. भाई को तिलक लगाएं और उसके दाहिने हाथ में राखी बांधें. राखी बांधने के बाद भाई की आरती उतारें. फिर भाई को मिठाई खिलाएं. अगर बहन बड़ी है, तो भाई को उसके चरण स्पर्श करना चाहिए.
पूजा थाली में रखें ये भी सामग्री
आज भाई बहनों के अटूट रिश्ते का पर्व रक्षा बंधन है. बहनें राखी बांधने की पूरी तैयारी में लगी है. अब कुछ ही देर में शुभ मुहूर्त शुरू हो जाएगा. बहनें शुभ घड़ी का इंतजार कर रही है. राखी बाधने के लिए बहनें पूजा थाली सजाती है. राखी की थाली में कुमकुम, अक्षत यानी साबुत चावल, घी का दीपक, राखी, नारियल, मिठाई और पानी से भरा कलश रखती है, इसके अलावा अगर आप भाई को कुछ गिफ्ट देना चाहती हैं तो वो भी रख सकती हैं. कई जगह पूजा की थाली में पीले सरसो के बीज भी रखे जाते हैं.
राखी बांधते समय थाली में रखे ये जरूरी चीजें
पानी का कलश - पूजा की थाली में तांबे का कलश होना होना चाहिए. कलश के पानी में तीर्थों और देवी-देवताओं का वास होता है, इसलिए भगवान और तीर्थों को साक्षी मानकर ये पवित्र कार्य किया जाता है.
चंदन और कुमकुम - रक्षाबंधन पर पूजा की थाली में चंदन और कुमकुम सबसे जरूरी होता है. धर्म ग्रंथों में बताया गया है कि किसी भी शुभ काम की शुरुआत तिलक लगाकर ही की जानी चाहिए, इसलिए रक्षाबंधन में सबसे पहले बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाते हुए उसकी लंबी उम्र की कामना करती है.
चावल - तिलक के बाद माथे पर अक्षत लगाया जाता है. चावल को अक्षत कहा जाता है. जिसका अर्थ है अक्षत यानी जो अधूरा न हो. इस तरह अक्षत लगाने से ही रक्षाबंधन का कार्य पूर्ण माना जाता है.
नारियल - नारियल को श्रीफल कहा जाता है. श्री का अर्थ होता है लक्ष्मी और समृद्धि, इसलिए भाई-बहन के जीवन में लक्ष्मी और समृद्धि की कामना से पूजा की थाली में नारियल का होना जरूरी है.
रक्षा सूत्र (राखी) - मणिबंध यानी कलाई पर रक्षासूत्र बांधने से हर तरह के दोष खत्म होते हैं. माना जाता है कि मौली के धागे का कलाई की नसों पर दबाव पड़ने से सेहत संबंधी परेशानियां नहीं रहती.
मिठाई - राखी बांधने के बाद मिठाई खिलाना इस बात का संकेत है कि रिश्तों में कभी कड़वाहट न आए. धर्म ग्रंथों के अनुसार, हर शुभ काम को करने के बाद मुंह मीठा करना चाहिए. इससे मन प्रसन्न रहता है.
दीपक - दीपक की लौ से निकलने वाली ऊर्जा आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को भाई-बहन से दूर रखती है, जिससे दोनों के बीच प्रेम बढ़ता है, इसलिए रक्षाबंधन के बाद दीपक जलाकर भाई की आरती की जाती है.