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ग्रहणकाल के दौरान गर्भवती महिलाओं को रखना चाहिए विशेष ध्यान
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी रखनी चाहिए. ग्रहण काल के समय गर्भवती महिलाएं ही घर के अंदर रहें, गर्भ पर ग्रहण की छाया पड़ना शुभ नहीं माना जाता है.
राशियों का पड़ सकता है ये प्रभाव
एक तरफ कुछ राशियों के लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगा, तो कुछ राशियों के लिए स्थितियां नकारात्मक भी बनेंगी. ज्योतिषों के अनुसार इस सूर्य ग्रहण पर गुरु चंडाल योग बन रहा है, जिसे बहुत ही खराब माना जाता है. इस योग में राहु और गुरु एक ही स्थान पर होते हैं. इससे मेष, कर्क, मिथुन, कन्या, तुला और मकर राशि पर विपरीत प्रभाव पड़ता है.
ग्रहण काल के दौरान भूलकर भी ना करे ये काम
ग्रहण काल के दौरान सोना भी निषिद्ध माना गया है इसलिए इस समय भूलकर भी नहीं सोना चाहिए. विशेष परिस्थितियों में या वृद्ध एवं बच्चों के लिए सोने का नियम मान्य नहीं है.
ग्रहण काल के दौरान बरतें सावधानी
ग्रहणकाल में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. सूर्य से संबंधित मंत्र का मानसिक जाप करें तथा आदित्यहृदय स्त्रोत या गायत्री मंत्र का जप करें. ग्रहण आद्रा नक्षत्र और मिथुन राशि पर लगेगा, जिसकी वजह से मिथुन राशि विशेष प्रभावित होगी.
महामृत्युंजय का जाप है जरुरी
ग्रहण के दौरान महामृत्युंजय मंत्र या भगवान शिव के नाम का जाप करें. ग्रहण खत्म होने के बाद फिर से नहाना चाहिए. ग्रंथों के अनुसार ऐसा करना जरूरी है.
कैसे लगता है सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है. वैज्ञानिक परिभाषा के अनुसार, जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा तीनों एक सीध में रहते हैं और पृथ्वी और सूर्य के बीच में चंद्रमा आ जाता है. इससे सूर्य की आंशिक या पूर्ण रोशनी धरती पर नहीं आ पाती है और इसी घटना को सूर्यग्रहण कहते हैं.
वृश्चिक राशि के जातकों को सावधानी की जरूरत
यह सूर्य ग्रहण भारत में भले ही दिखाई नहीं देगा लेकिन इस सूर्य ग्रहण के दौरान वृश्चिक राशि के जातकों को विशेष सावधानी बरतनी होगी, क्योंकि इस बार का सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि में ही लगने जा रहा है. सूर्य ग्रहण के दौरान यात्रा करने से बचें.
भारत में नहीं दिखेगा ग्रहण
यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा क्योंकि ग्रहण तब लगेगा जब भारत में सूर्यास्त हो चुका होगा. हालांकि इसे ऑनलाइन देखा जा सकता है. इसलिए ग्रहण उन्हीं देशों में दिखाई देगा जहां इस दौरान सूर्योदय रहेगा. भारत में ग्रहण न दिखने के चलते यहां सूतक भी नहीं लगेगा.
ग्रहण का ये होगा प्रभाव
ये ग्रहण वृश्चिक राशि और ज्येष्ठा नक्षत्र में होगा. यह ग्रहण दक्षिण अफ्रीका, दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत महासागर में दिखाई देगा. इस ग्रहण का अधिकांश हिस्सा महासागर में पड़ने जा रहा है. आंशिक सूर्य ग्रहण बोलेविया, पेरू, ब्राजील, उरुग्वे व एक्वाडोर से नजर आएगा.
ग्रहण के दौरान सूर्य देव की करें उपासना
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ विशेष उपाय करने चाहिए. इस समय सूर्य देव का ध्यान करते रहना चाहिए. साथ ही सूर्यदेव से संबंधित मंत्रों का जाप करने से सूर्य ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव जीवन में नहीं पड़ता है.
भारत में नहीं है सूतककाल मान्य
इस सूर्य ग्रहण में सूतक काल का प्रभाव नहीं रहेगा, जिस कारण से मंदिरों और घरों पर पूजा पाठ पहले की ही तरह होंगे. शास्त्रों में माना गया है जब भी सूतक लग जाता है तब किसी भी तरह का शुभ कार्य, भगवान की पूजा और खाना नहीं खाया जाता है. सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले से सूतक काल प्रभावी हो जाता है. भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई न देने के कारण यहां पर सूतककाल मान्य नहीं होगा.
ग्रहण के बाद करना चाहिए यह काम
सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य से संबंधित मंत्रों का जाप करना चाहिए. ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान कर नए कपड़े पहन कर दान करना चाहिए। ग्रहण खत्म होने के बाद पूरे घर में गंगाजल डालकर शुद्धि करें.
साल 2020 में कितने ग्रहण?
अब से कुछ ही देर के बाद साल का आखिरी ग्रहण शुरू हो जाएगा। जो रात के 12 बजे तक चलेगा। इस वर्ष कुल 6 ग्रहण लगे, जिसमें 4 चंद्र ग्रहण 2 सूर्य ग्रहण.
ये होते हैं ग्रहण में सबसे ज्यादा प्रभावित
ज्योतिषीय दृष्टि के अनुसार, सूर्य ग्रहण का प्रभाव देश और दुनिया पर पड़ता है. कहते हैं कि सूर्य ग्रह सत्ता, सत्ताधारी और घर के मुखिया को सबसे अधिक प्रभावित करता है. इसलिए सूर्य ग्रहण को बहुत प्रभावशाली माना जाता है. ज्योतिष विद्वानों का मानना है कि सूर्य ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर शुभ-अशुभ रूप से पड़ता है.
ग्रहण का महत्व
ज्योतिष में राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है. इन दोनों ग्रहों का कोई वास्तविक आकार नहीं है और दोनों ग्रह किसी भी राशि के स्वामी भी नहीं है. लेकिन फिर भी ये दोनों ग्रह ज्योतिषीय गणना में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। अगर किसी की कुंडली में राहु-केतु की स्थिति ठीक न हो तो उसको जीवन में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इनकी ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सूर्य और चंद्रमा भी इसके प्रभाव से नहीं बच पाते हैं.
सूर्य ग्रहण का सूतक
सूर्य ग्रहण में सूतक काल ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले लग जाता है और ये ग्रहण समाप्ति के साथ ही खत्म होता है. इस अवधि में कई चीजों का विचार किया जाता है. हिन्दू धार्मिक आस्था के केन्द्रों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. पूजा पाठ एवं अन्य प्रकार के मंगल अनुष्ठान रुक जाते हैं और जब ग्रहण समाप्त होता है तो गंगा जल से घर, मंदिर, मूर्तियों को शुद्ध किया जाता है.
शुभ कार्य करने से बचें
सूतक लगने पर किसी भी तरह का कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए. ग्रहण में किया गया कोई भी शुभ कार्य सफल नहीं होता.
सूतक काल में रखें ये ख्याल
सूतक लगने पर और ग्रहण के दौरान सबसे ज्यादा नकारात्मक शक्तियां हावी रहती हैं. ग्रहण में कभी भी श्मशान घाट में नहीं जाना चाहिए
ग्रहण काल के दौरान संतान पर पड़ता है बुरा असर
ग्रहण के दौरान शारीरिक संबंध बनाने से गर्भधारण में संतान पर बुरा असर पड़ता है
गर्भवती स्त्रियों को रखना चाहिए ये ख्याल
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान ना तो ग्रहण देखना चाहिए और ना ही घर के बाहर निकलना चाहिए
ग्रहण के वक्त मंदिरों के कपाट हो जाते हैं बंद
ग्रहण में घर के मंदिरों के कपाट बंद कर देना चाहिए. ताकि भगवान पर ग्रहण का असर ना हो सके
सूर्य ग्रहण का प्रभाव
ज्योतिषीय दृष्टि के अनुसार, सूर्य ग्रहण का प्रभाव देश और दुनिया पर बहुत अधिक पड़ता है. कहते हैं कि सूर्य ग्रह सत्ता, सत्ताधारी और घर के मुखिया को सबसे अधिक प्रभावित करता है. इसलिए सूर्य ग्रहण को बहुत प्रभावशाली माना जाता है. विद्वानों का मानना है कि सूर्य ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों के जातकों पर शुभ-अशुभ रूप से पड़ता है.
Surya Grahan 2020 : लगने वाला है थोड़ी देर में सूर्य ग्रहण, वोट कर बताइए मान्यताओं को कितना मानते हैं आप
महामृत्युंजय मंत्र का करें जाप
ग्रहण के दौरान महामृत्युंजय मंत्र या भगवान शिव के नाम का जाप करें अथवा ग्रहण के प्रभावों से बचने के लिए सूर्य ग्रह के बीज मंत्र का जप करना चाहिए. इससे आपके ऊपर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ेगा. सूर्य ग्रह के बीज मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए. सूर्य ग्रह का बीज मंत्र - ॐ घृणि: सूर्याय नम:
भारत पर ये होगा असर
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण हमारी राशियों पर प्रभाव डालते हैं. जिसकी वजह से हमारे जीवन में बदलाव होते हैं. ग्रहण के दौरान सूतक काल लग जाता है. इस समय शोर मचाना, खाना-पीना और कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है. लेकिन 14 दिसंबर को संध्याकाल में लगने वाला ये सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा. ऐसे में ग्रहण के दौरान किसी भी तरह के कार्यों पर पाबंदी नहीं होगी.
क्या सूतक काल माना जाएगा?
सूतक काल के दौरान प्रकृति अपेक्षाकृत ज्यादा संवेदनशील हो जाती है. सूतक काल के दौरान किसी अप्रिय घटना के होने की संभावना ज्यादा रहती है. लेकिन 14 दिसंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. भारत में नजर ना आने की वजह से इस बार सूतक के नियम (Sutak Kaal) नहीं माने जाएंगे. साथ ही ग्रहणकाल के दौरान मांगलिक कार्यों पर भी रोक नहीं लगेगी. सूतक काल मान्य ना होने की वजह से मंदिरों के कपाट बंद नहीं किए जाएंगे और ना ही पूजा-पाठ वर्जित होगी.
ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने का लिए करें ये काम
ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिए महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें. ग्रहणकाल के बाद गंगाजल छिड़क कर घर का शुद्धिकरण कर लें. सूर्य ग्रहण के अगले दिन धनु संक्रांति है तो आप सूर्य से संबंधित कोई वस्तु दान करें. आप अगले दिन तांबा, गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र और तांबे की कोई वस्तु दान कर सकते हैं.
साल 2020 का आखिरी सूर्यग्रहण आज
इस साल मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण भी लग रहा है. यह खग्रास सूर्य ग्रहण है जो पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्ध में अटलांटिक , चिली, अर्जेंटीना आदि क्षेत्रों में लगेगा जो युनिवर्सल टाइम 13 :33 से प्रारंभ अर्जेंटीना में दिखेगा. युनिवर्सल टाइम 17:13 पर मोक्ष सुदूर दक्षिण अफ्रीका के समुद्री क्षेत्र में दिखाई देगा. सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देने के कारण इसका सूतक और कोई धार्मिक महत्व नहीं होगा.
ग्रहण काल का सूतक
यह ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. ये ग्रहण दक्षिणी अफ्रीका, अधिकांश दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और हिंद महासागर और अंटार्कटिका में पूर्ण रूप से दिखाई देगा। आमतौर पर सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है.सूतक काल (Sutak kaal) में शुभ कार्य वर्जित होते हैं. सूतक काल में पूजा-पाठ भी नहीं की जाती है। इस दौरान मंदिर के कपाट भी बंद रहते हैं.कहते हैं कि गर्भवती महिलाओं को सूतक काल में छोंक, तड़का, धारदार और नुकीली वस्तुओं से दूर रहना चाहिए। सूर्य ग्रहण में सूतक काल 12 घंटे का होता है.
यहां दिखाई देगा ग्रहण
सोमवार को सूर्य ग्रह भारत में दिखाई नहीं देगा क्योंकि यह देर शाम को होगा. पूर्ण सूर्यग्रहण दक्षिण अमेरिका में चिली और अर्जेंटीना के कुछ हिस्सों से सबसे अच्छा दिखाई देगा. चिली और अर्जेंटीना में स्काई-वॉचर्स दिन के दौरान दो मिनट और दस सेकंड के अंधेरे को देख सकते हैं, क्योंकि चंद्रमा सूरज को अवरुद्ध करता है. दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी भाग, दक्षिण-पश्चिम अफ्रीका और अंटार्कटिका आंशिक सूर्य ग्रहण का गवाह बनेंगे. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा लोगों को दुनिया में कहीं से भी सूर्यग्रहण देखने के लिए एक लाइव लिंक प्रदान करेगा.
2021 में सूर्य ग्रहण
साल 2021 में दो सूर्य ग्रहण पड़ेंगे. पहला 10 जून को होगा तो दूसरा 10 दिसंबर 2021 को. ज्योतिषा विज्ञान के अनुसार सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिख रहा है. लेकिन वृश्चिक राशि के जातकों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत हैं. क्योंकि इस बार का सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि में ही लगने जा रहा है.
सूर्य ग्रहण का समय
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को भारत के समय के अनुसार शाम 7 बजकर 3 मिनट से रात 12 बजकर 23 मिनट (15 दिसंबर 2020) तक लगेगा. इस ग्रहण की कुल अवधि लगभग 5 घंटे रहेगी. सूर्य ग्रहण रात 9:43 बजे चरम पर होगा.
सूर्य ग्रहण खत्म होने पर करे ये उपाय
ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचने के लिये महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए. वहीं, ग्रहणकाल के बाद गंगाजल छिड़क कर घर का शुद्धिकरण कर लें. सूर्य ग्रहण के अगले दिन धनु संक्रांति है तो आप सूर्य से संबंधित कोई वस्तु दान करें. आप अगले दिन तांबा, गेहूं, गुड़, लाल वस्त्र और तांबे की कोई वस्तु दान कर सकते हैं.
कहां देख सकते हैं सूर्य ग्रहण
टेलिस्कोप की मदद से सूर्य ग्रहण आप देख सकते है. टेलिस्कोप से सूर्य ग्रहण बहुत ही खूबसूरत दिखाई देगा. इसे आप www.virtualtelescope.eu पर वर्चुअल टेलिस्कोप की मदद से देख सकते हैं. इसके अलावा आप इसे यूट्यूब चैनल CosmoSapiens, Slooh पर लाइव भी देख सकते हैं.
जानिए कैसे बनता है गुरु चांडाल योग
जब कुंडली के किसी भी भाव में बृहस्पति के साथ राहु बैठा है तो उस वक्त गुरु चांडाल योग का निर्माण होता है. कुछ ज्योतिष मानते हैं कि यदि गुरु की राहु पर या राहु की गुरु पर दृष्टि है तो भी गुरु चांडाल योग बनता है. यह भी कहा जाता है कि राहु जिस भी ग्रह से साथ बैठता है तो उस ग्रह को ग्रहण लग जाता है. सूर्य के साथ सूर्य चांडाल योग और मंगल के साथ मंगल चांडाल योग माना जाता है, लेकिन सबसे अधिक घातक गुरु और राहु की युति को ही माना जाता है.
किन चीजों पर पड़ता है गुरु चंडाल योग का असर
सूर्य ग्रहण के दौरान गुरु चंडाल योग बन रहा है. इस योग का बुरा असर शिक्षा, धन और चरित्र पर होता है. जातक बड़े-बुजुर्गों का निरादर करता है और उसे पेट एवं श्वास के रोग हो सकते हैं. मान्यता हैं कि मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, वृश्चिक, कुंभ व मीन राशि के लोगों पर गुरु-चांडाल योग का प्रभाव अधिक पड़ता है.
करीब 5 घंटे तक रहेगा सूर्यग्रहण
ज्योतिष के अनुसार इस ग्रहण का सूतक न लगने से मंदिरों में पूजा-पाठ सहित धार्मिक कामकाज होंगे. पूजा-अर्चना करते समय कोविड-19 को लेकर लागू सुरक्षा नियमों के पालन होगा. सोमवार को लगने वाला यह सूर्य ग्रहण शाम को 7 बजकर 3 मिनट पर शुरू होगा. तकरीबन 5 घंटे तक चलने वाला ग्रहण मंगलवार रात 12 बजकर 23 मिनट पर खत्म होगा.
सूर्य ग्रहण के दौरान वृश्चिक में रहेंगे पांच ग्रह
ज्योतिष के अनुसार 2020 का आखिरी सूर्य ग्रहण वृश्चिक राशि में लगेगा. इस दौरान सूर्य के साथ पांच ग्रह मौजूद रहेंगे. वृश्चिक राशि में सूर्य के अलावा शुक्र, बुध, चंद्र और केतु भी मौजूद रहेंगे. इन सभी ग्रहों के विशेष योग से अमावस्या प्रत, स्नान आदि का पुण्य कई गुना ज्यादा बढ़ जाएगा.
सूर्य ग्रहण पर स्नान दान करने का है विशेष महत्व
सूर्य ग्रहण के दिन भी दान का बहुत महत्व होता है. शास्त्रों के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान किया गया दान राहु, केतु और शनि के गलत प्रभावों को भी सही करता है.
सूर्य ग्रहण पर बन रहा सोमवती अमावस्या का विशेष संयोग
आज सोमवती अमावस्या मनाई जा रही है. इस दिन स्नान-दान करने का विशेष महत्व है. सोमवती अमावस्या का संयोग साल में 2 या 3 बार ही बनता है. इस बार सोमवती अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण लगने से इसका महत्व और बढ़ गया है. सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है. वहीं सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद भी पवित्र नदियों में स्नान करना शुभ माना जाता है
सूर्य ग्रहण का समय
भारतीय समायानुसार 14 दिसंबर दिन सोमवार यानि आज शाम 07 बजकर 03 मिनट से ग्रहण शुरू होगा और रात्रि 12 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा. यह ग्रहण करीब 5 घंटे से ज्यादा लंबे वक्त तक रहेगा.
ग्रहण के दौरान बरतें ये खास सावधानियां
ग्रहण काल में खाना-पीना, शोर मचाना या किसी भी प्रकार का शुभ कार्य जैसे पूजा-पाठ आदि नहीं करना चाहिए. वहीं, सूतक लगने के बाद से ही गर्भवती स्त्रियों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. क्योंकि सूर्य से निकलने वाली पराबैगनी किरणें गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक होती हैं.
जानें भारत में क्यों नहीं दिखाई देगा ग्रहण
आज लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. क्योंकि यह ग्रहण तब लगेगा जब भारत में सूर्यास्त हो चुका होगा. इसलिए यह उन क्षेत्रों में दिखेगा जहां इस दौरान सूर्योदय रहेगा.
ग्रहण के दौरान निकलती है हानिकारक किरणें
ग्रहण काल के दौरान, कई प्रकार की अशुद्ध और हानिकारक किरणें निकलती हैं. तो, कुछ कार्य हैं जिन्हें ग्रहण काल के दौरान किया जाना चाहिए.
ग्रहण काल में करें गुरु मंत्र का जाप
ग्रहण काल में गुरु मंत्र का जाप करना चाहिए, किसी मंत्र की सिद्धी, रामायण, सुंदरकांड का पाठ, तंत्र सिद्धी आदि भी कर सकते हैं.
जानें कितने देर का होगा ग्रहण
सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार शाम 7 बजकर 04 मिनट से आरंभ होगा जो कि मध्य रात्रि 12 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. इस ग्रहण की अवधि करीब पांच घंटे होगा.
जानें ग्रहण के दौरान क्या नहीं करना चाहिए
ग्रहण के दौरान सूई, कील, तलवार और चाकू जैसी नुकीली वस्तुओं का इस्तेमाल न करें. ग्रहण के समय खाना खाना, बनाना, सब्जी काटना, आसमान के नीचे खड़े होना और दीपक जलाकर पूजा आदि नहीं करना चाहिए.
भारत में नहीं दिखेगा इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण
इस साल का आखिरी ग्रहण आज शाम में लगेगा, लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका प्रभाव भारत में नहीं होगा. वहीं सूतक काल भी नहीं माना जाएगा. यह ग्रहण अफ्रीका के दक्षिणी भाग, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और हिंद महासागर और अंटार्कटिका क्षेत्र में प्रभावी रहेगा.
जानें कहां-कहां प्रभावी होगा सूतक काल
यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. ये ग्रहण दक्षिणी अफ्रीका, अधिकांश दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और हिंद महासागर और अंटार्कटिका में पूर्ण रूप से दिखाई देगा. आमतौर पर सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है.
इन राशियों पर पड़ेगा इस ग्रहण का असर
ज्योतिषों के अनुसार इस सूर्य ग्रहण पर बेहद अशुभ गुरु चंडाल योग बन रहा है. राहु और गुरु के एक ही स्थान पर बैठने से गुरु चंडाल योग बनता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मेष, कर्क, मिथुन, कन्या, तुला और मकर राशि पर गुरु चंडाल योग का सबसे बुरा असर पड़ सकता है.
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