Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha: 10वीं सदी में बने किलेनुमा हनुमानगढ़ी मंदिर के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चाहे राजनेता हो या आमजन अयोध्या में रामलला से पहले हनुमानगढ़ी में विराजमान बजरंगबली के बालरूप के दर्शन करते हैं. अयोध्या में ऊंचे टीले पर स्थित इस सिद्धपीठ के मंदिर में माता अंजनी की गोद में बाल हनुमान विराजमान है. हनुमानजी के दर्शन के लिए 76 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है. अयोध्या के प्रमुख मेलो, पर्व और त्योहारों पर हनुमानगढ़ी में दर्शन करने वालों की लाखों की भीड़ का रेला आम बात है. आखिर, हनुमानगढ़ी इतनी महत्वपूर्ण सिद्धपीठ कैसे बनी? इसके पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है.
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Video: अयोध्या में रामलला से पहले क्यों पूजे जाते हैं हनुमानगढ़ी के बजरंबली
अयोध्या में रामलला से पहले हनुमानगढ़ी में विराजमान बजरंगबली के बालरूप के दर्शन करते हैं. हनुमानजी के दर्शन के लिए 76 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है. इस सिद्धपीठ के मंदिर में माता अंजनी की गोद में बाल हनुमान विराजमान है.
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.
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