केरल के कोझिकोड जिले में जानलेवा ‘निपाह’ वायरस से अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है और कई की हालत नाजुक है. इसे NiV इन्फेक्शन भी कहते हैं.
प्रमुख लक्षणों में सांस की तकलीफ, बुखार, सिरदर्द, जलन, चक्कर आना और बेहोशी हैं. अब तक इसका कोई टीका विकसित नहीं हुआ है. डॉक्टरों की मानें तो खास तरह का चमगादड़ (फ्रूट बैट) इसका मुख्य वाहक है, जो फलों के रस का सेवन करता है. यह संक्रमित सूअर, चमगादड़ से इंसानों में तथा संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है.
1998 में मलयेशिया के काम्पुंग सुंगई निपाह में पहली बार पता चला था. 2001 में सिलीगुड़ी में इससे पीड़ित 66 लोगों में से 45 की मौत हो गयी थी. मृत्यु दर 74.5 फीसदी है.