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सरदार वल्लभ भाई पटेल पर विशेष :कोर्ट में पत्नी की मृत्यु का तार मिला, उसे जेब में रखा और लड़ते रहे केस

वकालत के दौरान कई ऐसे केस लड़े जिन्हें दूसरे वकील नीरस मानते थे सरदार पटेल ने साल 1900 में गोधरा में वकालत शुरू की थी. उन्होंने कई ऐसे केस लड़े, जिन्हें दूसरे वकील नीरस और हारा हुए मानते थे. वह अपना कर्तव्य पूरी ईमानदारी, समर्पण व हिम्मत से साथ पूरा करते थे. 1909 में एक […]

वकालत के दौरान कई ऐसे केस लड़े जिन्हें दूसरे वकील नीरस मानते थे
सरदार पटेल ने साल 1900 में गोधरा में वकालत शुरू की थी. उन्होंने कई ऐसे केस लड़े, जिन्हें दूसरे वकील नीरस और हारा हुए मानते थे. वह अपना कर्तव्य पूरी ईमानदारी, समर्पण व हिम्मत से साथ पूरा करते थे.
1909 में एक दिन वह कोर्ट में बहस कर रहे थे, उसी समय उन्हें पत्नी की मृत्यु (11 जनवरी, 1909) हो जाने का तार मिला. पढ़कर उन्होंने उसे इस प्रकार जेब में रख लिया, जैसे कुछ हुआ ही न हो. दो घंटे तक बहस कर उन्होंने वह केस जीत लिया.
बहस पूर्ण हो जाने के बाद न्यायाधीश व अन्य लोगों को जब यह खबर मिली कि सरदार पटेल की पत्नी का निधन हुआ गया, तब उन्होंने सरदार से इस बारे में जिज्ञासा प्रकट की. तब सरदार पटेल ने कहा कि उस समय मैं अपना फर्ज निभा रहा था, जिसका शुल्क मेरे मुवक्किल ने न्याय पाने के लिए मुझे दिया था. मैं उसके साथ अन्याय कैसे कर सकता था?
1927 में गुजरात में देश की पहली आवासीय सोसाइटी बनवायी
देश की पहली आवासीय सोसाइटी की स्थापना गुजरात में सरदार वल्लभ भाई पटेल के नेतृत्व में 1927 में हुई थी. पटेल जब अहमदाबाद में एक वोट से नगर निगम का चुनाव जीत अध्यक्ष बने, तो उन्होंने पहली बार शहरी विकास की अवधारणा पेश की. उन्होंने पहला प्रयोग मध्यम आय समूह वाले लोगों को घर देने के लिए आवासीय सोसाइटी बनाकर किया. प्रीतम राय देसाई को इस परियोजना से जोड़ा गया.
गांधीजी के कहने पर नहीं बने कांग्रेस अध्यक्ष
1946 में ही यह फैसला हो चुका था कि कांग्रेस का अध्यक्ष ही पीएम होगा. उस वक्त कांग्रेस की कमान मौलाना आजाद के हाथ में थी, लेकिन गांधीजी ने उन्हें मना कर दिया. तब गांधी ने पीएम के लिए नेहरू का समर्थन किया था, पर 15 में से 12 राज्यों ने पटेल का समर्थन किया. तब गांधी को लगा कि कांग्रेस टूट न जाये, इसलिए उन्होंने पटेल से बात की. गांधी के सम्मान में उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया.
1948 में आरएसएस पर लगाया प्रतिबंध
जब महात्मा गांधी की हत्या कर दी गयी, तब पटेल ने फरवरी 1948 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर पहली बार प्रतिबंध लगाया था. उस वक्त वह देश के गृह मंत्री थे. उन्होंने प्रतिबंध लगाते हुए चिट्ठी में कहा था कि हिंदुओं की मदद करना एक बात है, लेकिन गरीब, असहाय, महिला और बच्चों पर हमला असहनीय है.
खास बातें
सरदार पटेल को बारदोली सत्याग्रह में भाग लेने वाली महिलाओं ने ‘सरदार’ की उपाधि दी थी. उन्होंने ही गुजराती किसानों को कैरा डिस्ट्रिक्ट को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स यूनियन बनाने के लिए प्रेरित किया, जो बाद में अमूल बना.
देश के पहले गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री पटेल को आइएएस, आइपीएस और केंद्रीय सेवाओं का जनक कहा जाता है.1950 में पटेल ने नेहरू को पत्र लिखकर चीन से सतर्क रहने की सलाह दी थी. दुर्भाग्य से पंडित नेहरू इस खतरे को भांप नहीं पाये. भारत को साल 1962 में चीन से युद्ध का सामना करना पड़ा.
Prabhat Khabar Digital Desk
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