23 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

महंगे डेंटल चेयर को बनाया सस्ता

आइआइटी के छात्रों की मेहनत लायी रंग जीवनोपयोगी वस्तुएं जब बाजार में महंगी मिलती हैं, तो लोगों की परेशानी बढ़ जाती है. दांत मनुष्य के अंगों का अहम हिस्सा है. आज के भाग-दौड़ भरी जिंदगी में डेंटल क्लिनिकों में भी रोगियों की संख्या बढ़ने लगी है. ऐसी स्थिति में रोगियों के इलाज के लिए दंतचिकित्सकों […]

आइआइटी के छात्रों की मेहनत लायी रंग
जीवनोपयोगी वस्तुएं जब बाजार में महंगी मिलती हैं, तो लोगों की परेशानी बढ़ जाती है. दांत मनुष्य के अंगों का अहम हिस्सा है. आज के भाग-दौड़ भरी जिंदगी में डेंटल क्लिनिकों में भी रोगियों की संख्या बढ़ने लगी है. ऐसी स्थिति में रोगियों के इलाज के लिए दंतचिकित्सकों को बाजार से महंगे दामों पर कुर्सी खरीदनी पड़ती थी. आइआइटी के तीन छात्रों ने ऐसा जुगाड़ निकाला कि अधिकतम डेढ़ लाख में मिलनेवाली कुर्सी 20 हजार में मिलने लगी. कैसे, पढ़िये रिपोर्ट…
आइआइटी कानपुर के तीन छात्र हैं अमित कुंडल, मोहित तिवारी और शिव कुमार एम. इन तीनों ने मिल कर एक ऐसी डेंटल कुर्सी विकसित की, जो पूरे देश के दंत चिकित्सकों को उनके इलाज में सहायक सिद्ध हो रही है. इन तीनों छात्रों ने कोलंबिया के स्टैंडफोर्ड यूनिवर्सिटी, पोंटिफिसिया यूनिवर्सिटी, जावेरियाना यूनिवर्सिटी और लखनऊ स्थित सरदार पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल एंड मेडिकल साइंस के सहयोग से इस कुर्सी का निर्माण किया.
इन तीनों छात्र ने आइआइटी कानपुर के प्रोफेसर शांतनु भट्टाचार्य के दिशा-निर्देशन में इस काम को पूरा किया. इस नयी कुर्सी का नाम फ्लक्स दिया गया. बाजार में डेंटल इंस्ट्रुमेंट के साथ इसकी कीमत महज 20 हजार रुपये निर्धारित की गयी है, जबकि बाजार में इस तरह की कुर्सी की कीमत एक से डेढ़ लाख रुपये रखी गयी थी.
लखनऊ में तैयार की गयी कुर्सी : मीडिया में आयी रिपोर्टों के अनुसार, लखनऊ स्थित सरदार पटेल इंस्टीट्यूट में इन तीन छात्रों द्वारा एक प्रोटोटाइप कुर्सी का निर्माण किया गया. इसे सितंबर 2015 में संस्थान में ही पहली बार उपयोग किया गया.
इसके निर्माण के बाद छात्रों में इस बात की उम्मीद जगी कि भविष्य में इस कुर्सी का व्यापक तरीके से उत्पादन किया जा सकता है. यह दंत चिकित्सकीय कुर्सी अन्य कुर्सियों के मुकाबले दांत के रोगियों के इलाज के लिए काफी आरामदायक और बेहतरीन है. इसके साथ ही यह दंत चिकित्सकों के लिए भी लाभदायक है. इस कुर्सी में दांतों और मसूड़ों के ऑपरेशन करने के लिए टूल्स भी लगाये गये हैं, जिससे चिकित्सकों को काफी सहूलियत होती है.
पीएचडी स्कॉलर अमित कुंडल का कहना है कि काफी अध्ययन करने के बाद इस कुर्सी का निर्माण किया गया है. उनका कहना है कि यह दंत चिकित्सकों और रोगियों को ध्यान में रख कर बनायी गयी है. उनका कहना है कि आम तौर पर चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के नाम पर क्लिनिकों में रोगियों से अधिक से अधिक रकम वसूली जाती है. इससे इलाज की रकम में भी कमी आयेगी.
हर मिनट एक रोगी : इस कुर्सी के निर्माताओं में शामिल मोहित तिवारी का कहना है कि भारत में प्रति एक मिनट दांत का एक रोगी दंत चिकित्सकों के पास पहुंचता है. वे बताते हैं कि ग्रामीण इलाकों में एक दंत चिकित्सक साल में करीब ढाई लाख लोगों का इलाज करते हैं. ऐसे में यदि चिकित्सकीय उपकरणों के दाम कम होंगे, तो रोगियों को इलाज का खर्च भी कम देना पड़ेगा.
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel