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15 तरीकों से रोजमर्रा की जिंदगी में उपयोगी बन रहे ड्रोन

ड्रोन का इस्तेमाल अब पश्चिमी देशों तक ही सीमित नहीं रहा. मौजूदा तकनीकी युग में दुनियाभर में विभिन्न कार्यों में इसकी मदद ली जा रही है. हालांकि, अब तक आप इसके विभिन्न प्रकार के इस्तेमाल के बारे में जान चुके होंगे, लेकिन उनकी संख्या सीमित हो सकती है. आज ड्रोन का इस्तेमाल लोगों को जीवनदान […]

ड्रोन का इस्तेमाल अब पश्चिमी देशों तक ही सीमित नहीं रहा. मौजूदा तकनीकी युग में दुनियाभर में विभिन्न कार्यों में इसकी मदद ली जा रही है. हालांकि, अब तक आप इसके विभिन्न प्रकार के इस्तेमाल के बारे में जान चुके होंगे, लेकिन उनकी संख्या सीमित हो सकती है. आज ड्रोन का इस्तेमाल लोगों को जीवनदान देने में सहायक बनने से लेकर व्यापार संबंधी कार्यों को आसान बनाने में हो रहा है. ड्रोन के इस्तेमाल के 15 प्रमुख तरीकों के बारे में जानते हैं आज के साइंस टेक आलेख में …
सामान की डिलीवरी
मौजूदा दौर में इ-काॅमर्स का प्रचलन तेजी से बढ रहा है और इसमें ऑनलाइन शॉपिंग की व्यापक हिस्सेदारी है. ऑनलाइन शॉपिंग लोकप्रिय होने का बडा कारण है कि समयाभाव में लोग अपनी इच्छित और जरूरी चीजों को बिना बाजार गये खरीदना चाहते हैं. और इस लिहाज से इ-कॉमर्स ने उन्हें एक बडा विकल्प मुहैया कराया है. हालांकि, डोमिनोज और एमेजन ने सबसे पहले इसकी शुरुआत की थी. लेकिन आज दुनिया के अनेक इलाकों में ड्रोन के माध्यम से वस्तुओं की डिलीवरी की जा रही है.
अपराध की निगरानी
दुनिया के सभी समाज में अपराध पर पाबंदी है, लेकिन इसकी निगरानी करना आसान नहीं. ऐसे में प्राथमिक जांच के लिए अब ड्रोन का सहारा लिया जा रहा है. इसकी मदद से सुरक्षा बल इंटेलिजेंस सेवाएं प्राप्त करते हैं और उससे हासिल इनपुट्स के आधार पर संभावित चुनौतियों से निपटने के लिए सक्षम रणनीति बनाते हैं. हालांकि, इससे नागरिकों की निजता का हनन जरूर होता है, लेकिन इसके बावजूद चुनौतियों से सक्षम तौर पर निबटने की इसकी खासियतों के चलते इसके प्रति आकर्षण बढ रहा है.
सीमाओं की सुरक्षा
आज दुनिया में ज्यादातर देश प्रवासियों, खासकर सीमा से जुडी सुरक्षा से बेहद चिंतित हैं. तमाम सुरक्षा के बावजूद घुसपैठिये कहीं-न-कहीं से सेंधमारी कर लेते हैं. ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों के लिए घुसपैठ को रोकने में ड्रोन से बडी मदद मिल रही है. हालांकि, अनेक देशों की सरकारें सीमा सुरक्षा के लिए इसका इस्तेमाल कर रही हैं, लेकिन ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने हाल ही में इसे औपचारिक रूप से सीमा की सुरक्षा के लिए तैनात किया है.
वनीय इलाकों की निगरानी
वनीय इलाकों, खासकर खतरे में मौजूद प्रजातियों की सुरक्षा और उनकी निगरानी के लिए ड्रोन की मदद ली जा सकती है. इंडोनेशिया के वैज्ञानिकों ने ड्रोन आधारित इस निगरानी प्रणाली का कॉन्सेप्ट विकसित किया है. विलुप्त जीवों के आवासीय इलाकों में वैज्ञानिक ड्रोन के इस्तेमाल से निगाह रख रहे हैं.
किसानों के लिए मददगार
किसानों को सालभर विविध प्रकार के मौसम की दशाओं में कठिन श्रम करना होता है. साथ ही उन्हें फसल की कटाई और उसे सुरक्षित तौर पर रखना प्राथमिकता के आधार पर करना होता है. खेती-किसानी के लिए खास तौर से बनाये गये ड्रोन से किसानी का काम आसान हो सकता है, क्याेंकि इसमें बडे खेतों की निगरानी के लिए इंफ्रा-रेड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है. फसल की बुआई से लेकर उन्हें बेहतर तरीके से कैसे उगाया जाये और अधिकतम अनाज की प्राप्ति हो सके, इस खास ड्रोन की मदद से इन कार्यों में आसानी होगी.
पर्यावरण की सुरक्षा
आप शायद इस पर पर भरोसा करें या नहीं, लेकिन दुनियाभर में विभिन्न प्राधिकरण अब पर्यावरण के शत्रुओं को पकडने के लिए ड्रोन्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. पर्यावरण एजेंसियां खास प्रकार के ड्रोन्स का इस्तेमाल कर रही हैं, जिसकी मदद से पर्यावरण को प्रदूषित करनेवालों को रंगे हाथों पकडा जा रहा हे. नासा ने भी ओजोन परत की निगरानी के लिए ड्रोन्स की मदद लेनी शुरू कर दी है. साथ ही अनेक पर्यावरण एजेंसियां भी पॉल्यूशन सैंपलिंग के लिए ड्रोन्स का इस्तेमाल कर रही हैं.
खेल कवर करना
खेलों के आयोजन को विविध एंगल से कवर करने में फोटो पत्रकारों को दिक्कत होती थी. ड्रोन ने इसे आसान बना दिया है. ड्रोन के इस्तेमाल से दुनियाभर में कहीं भी आयोजित खेल को किसी भी एंगल से कवर किया जा सकता है. इस लिहाज से ड्रोन दर्शकों को खेल के विविध आयामों को दर्शाने में कामयाब हो रहे हैं. इस तकनीक की बदौलत ओलिंपिक को भी ज्यादा-से-ज्यादा आकर्षक बनाया जा रहा है.
सेलिब्रिटीज के फोटाे लेना
किसी कार्यक्रम के दौरान दूर से सेलिब्रिटी के फोटो लेना बेहद मुश्किल होता है. फोटो पत्रकारों के लिए ड्रोन्स की मदद से अब ऐसा करना आसान हो रहा है. पिछले कुछ वर्षों से फोटोग्राफर शादी समाराेह या किसी अन्य बडे आयोजन में ड्रोन्स के जरिये इच्छित तसवीर हासिल कर पा रहे हैं. विशेषज्ञों को उम्मीद है कि निजी समारोहों में भी ड्रोन्स के जरिये वीडियोग्राफी में तेजी आयेगी.
कला
क्या आपने कभी सोचा है कि ड्रोन की मदद से अनोखे किस्म की कला का सृजन किया जा सकता है? वर्ष 2012 में एक डच आर्टिस्ट में कुछ इस तरह का कारनामा कर दिखाया था, जिस कारण वह अखबार में सुर्खियों में आया. दरअसल, उस कलाकार ने ड्रोन के जरिये एक अनोखी तसवीर ली थी, जिसे अपनी कला में ढाल दिया था.
पत्रकारिता के स्वरूप में बदलाव
वीडियो और इमेजिंग के विकास के साथ पिछले काफी वक्त से पत्रकारिता में सुधार हो रहा है, लेकिन उम्मीद की जा रही है कि ड्रोन्स के जरिये किसी घटना या इवेंट को कवर करने के नये प्रारूप से इसमें व्यापक बदलाव आ सकता है. पत्रकारिता के ज्यादातर संस्थान इस कॉन्सेप्ट को अपना रहे हैं. इन संस्थानों में छात्रों को यह सिखाया जाता है कि युद्ध के मैदान में मिनट-टू-मिनट घटनाक्रम का कवरेज करने के लिए ड्रोन का किस तरह से सक्षम तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है. इसकी बडी खासियत यह है कि युद्ध के मैदान में बिना किसी नुकसान के इसे संचालित किया जा सकता है.
आपातकाल में सहायक
ग्रेजुएशन के एक छात्र ने हार्ट अटैक के पीडित मरीज तक तेजी से डिफाइब्रिलेटर्स पहुंचाने का तरीका विकसित किया है. यह एप्लीकेशन कुछ हद तक इस मैथॉड पर आधारित होगा, जिसमें संबंधित दवाओं को ड्रोन के जरिये मरीज तक भेजा जायेगा. इसके अलावा, सांप डस चुके मरीजों समेत ऐसे सभी प्रकार के मरीजों को, जिन्हें बहुत जल्द दवा की जरूरत है, तेजी से आवश्यक दवाएं पहुंचायी जा सकती हैं.
इस्टेट एजेंसी
यह कुछ हद तक इमारत के निरीक्षण की प्रक्रिया ही है. प्रोपर्टी को किराये पर देनेवाले एजेंट अब प्रोपर्टी को विस्तार से दिखाने के लिए ड्रोन की मदद ले रहे हैं. कई एजेंट ड्रोन से बेहतर फुटेज तैयार करते हैं और सक्षम क्लाइंट्स को सृजनात्मक तरीके से प्रस्तुत करते हैं, जिससे प्रोपर्टी के पक्ष में एक सकारात्मक माहौल तैयार होता है.
दवाओं को तेजी से पहुंचाना
युद्ध या किसी प्राकृतिक अापदा की दशा में मेडिकल सामानों की आपातकालीन आपूर्ति या मदद की जरूरत होने पर ड्रोन के इस्तेमाल से मदद मिल रही है. मौजूदा पारंपरिक तरीकों के मुकाबले ऐसे मौकों पर दवाएं बेहद तेजी से पहुंचायी जा रही हैं. उदाहरण के तौर पर मैटरनेट नामक एक एविएशन कंपनी ने एक ऐसे नेटवर्क काे विकसित किया है, जो उच्च-जोखिम वाले इलाकों में मेडिकल सामान पहुंचाता है. अमेरिकी सरकार भी जोखिम की दशा में अपने सैनिकों को ड्रोन की मदद से जरूरी दवाएं पहुंचाती है.
खोज और बचाव कार्यों में सहायक की भूमिका
अक्सर ग्रामीण और जंगली समेत दूरदराज के इलाकों में खोज और बचाव अभियान में अनेक तरह की दिक्कतों का सामना करना पडता है. इसमें बहुत जोखिम और खतरे सामने आते हैं. कई बार पीडित तक पहुंचने में भी बचाव दलों को मुश्किलों का सामना करना होता है. ऐसे में ड्रोन्स की मदद से पीडित के सटीक स्थान को समझने में आसानी हो रही है और ज्यादा सक्षम तरीके से वहां तक पहुंचने में बचाव दलों को सुविधा हो रही है. ऐसे में प्राथमिक मदद का इंतजाम करने में पहले के मुकाबले ज्यादा तेजी और सुगमता आयी है.
इमारत का निरीक्षण
सर्वेक्षकों के लिए इमारत का निरीक्षण करना अब तक बेहद चुनौतिपूर्ण काम रहा है. ड्रोन की मदद से इस कार्य को अब आसान बनाया जा रहा है. इसकी मदद से इमारत के उन हिस्सों तक भी आसानी से पहुंचा जा सकता है, जहां आम तौर पर पहुंचना मुश्किल समझा जाता है. खासकर किसी प्रकार के रिनोवेशन और मरम्मत के काम के लिए इमारत के सभी जगहों पर पहुंचने में अब आसानी हो रही है.
– प्रस्तुति : कन्हैया झा
Prabhat Khabar Digital Desk
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