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Bizarre News: घर में खड़ी रही कार और बैंक खाते से कट गया टोल टैक्स, जानें कैसे?

Bizarre News: एनएचएआई और बैंकों से खरीदे गए फास्टैग इन दिनों गाड़ी मालिकों की परेशानी का सबब बन गया है. पिछले कुछ दिनों में सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं.

Bizarre News: आपकी कार घर पर खड़ी हो और अगर आपकी गाड़ी का टोल टैक्स कटता रहेगा, तब आपको झटका लगेगा या नहीं? यह सच है कि किसी की कार घर पर खड़ी है और उसका टोल टैक्स लगातार कटता जा रहा है. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और बैंकों से खरीदे गए फास्टैग इन दिनों गाड़ी मालिकों की परेशानी का सबब बन गया है. पिछले कुछ दिनों में सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें इस प्रकार की घटना का उल्लेख किया जा रहा है. ताजा मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का है. कार के मालिक का घर कहीं और है, लेकिन उनकी कार का टोल टैक्स कहीं और के टोल प्लाजा से कट रहा है. चौंकाने वाली बात तो यह है कि संबंधित मालिक की कार कई दिनों से घर पर ही खड़ी रही.

घर पर खड़ी कार का कटता रहा टोल टैक्स

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित शांति नगर के रहने वाले अरुण कुमार पांडेय की कार कई दिनों से घर पर ही खड़ी थी. लेकिन, उनकी कार का टोल टैक्स कभी नवाबगंज में कट रहा है, तो कभी बाराबंकी के अहमपुर टोल प्लाजा पर. उनके मोबाइल पर टोल टैक्स कटने के मैसेज धड़ाधड़ एक के बाद एक आते जा रहे थे, जिससे वे हैरान थे. अरुण कुमार पांडेय स्वास्थ्य भवन में कार्यरत है. रिपोर्ट में बताया गया है कि इससे पहले लखनऊ के ही रहने वाले एक दूसरे निवासी अचल शुक्ला की कार के साथ भी ऐसा ही हुआ. उनकी कार भी घर पर खड़ी थी, लेकिन इस दौरान टोल टैक्स कटता रहा.

अहमदपुर के टोल प्लाजा पर कटा 115 रुपये का टोल टैक्स

मीडिया से बातचीत के दौरान लखनऊ के स्वास्थ्य भवन में कार्यरत चिनहट के शिवशांति नगर कॉलोनी के निवासी ने बताया कि उनकी कार का नंबर यूपी 32 एचएक्स 0830 है, जो एक सप्ताह से अधिक समय से घर पर खड़ी है. उन्होंने बताया कि इस दौरान उनकी कार का 115 रुपये का टोल टैक्स बाराबंकी के अहमदपुर टोल प्लाजा पर कट गया. इसका पता उन्हें मोबाइल में आए मैसेज से पता चला. इसके बाद नवाबगंज के टोल प्लाजा भी उनकी कार का टोल टैक्स कट गया.

शिकायत के बावजूद समस्या का समाधान नहीं

मीडिया से बातचीत में अरुण कुमार पांडेय ने बताया कि बाराबंकी के अहमदपुर टोल प्लाजा पर उनकी कार का टोल टैक्स कटने के बाद उन्होंने एनएचएआई के टोल फ्री नंबर 1033 पर कस्टमर केयर अधिकारी से इसकी शिकायत की. इस टोल फ्री नंबर पर बैठे कस्टमर केयर अधिकारी शिकायत सुनने सलाह दी कि आपने जिस बैंक से फास्टैग खरीदा है, आप उस बैंक में जाकर शिकायत दर्ज कराएं. उन्होंने कहा कि इसके बाद उन्होंने अपने संबंधित बैंक के टोल फ्री नंबर पर भी इसकी शिकायत की, तब उन्हें बैंक के पोर्टल पर शिकायत करने की सलाह दी गई. उन्होंने पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन इसके बावजूद कोई समाधान नहीं निकला. अब उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और बैंक के अधिकारियों से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है.

क्या हुआ है इस अजीब घटना में?

एक व्यक्ति की कार, जो घर पर खड़ी थी, का टोल टैक्स विभिन्न टोल प्लाजा से कटता रहा, जबकि गाड़ी का उपयोग नहीं किया गया था।

यह मामला किस शहर का है?

यह घटना उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के शांति नगर में हुई है।

कार मालिक ने कितने टोल टैक्स का भुगतान किया?

कार मालिक अरुण कुमार पांडेय की कार का 115 रुपये का टोल टैक्स बाराबंकी के अहमदपुर टोल प्लाजा से काटा गया।

कार मालिक ने समस्या का समाधान करने के लिए क्या किया?

उन्होंने एनएचएआई के कस्टमर केयर पर शिकायत की और संबंधित बैंक में भी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ।

क्या ऐसे मामलों में कोई उपाय है?

कार मालिकों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी फास्टैग के विवरण की जांच करें और संबंधित अधिकारियों से उचित कार्रवाई की मांग करें। इसके अलावा, उचित जांच के लिए एनएचएआई और बैंक से संपर्क बनाए रखना चाहिए।

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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