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सड़कों पर ऐसी-वैसी हरकत करने पर हो सकती है जेल, पल भर में सबक सिखा देगा कैमरा

Traffic Rules Violation: सीसीटीवी कैमरों को ऑपरेट करने के लिए स्पेशल डेटा इन्क्रिप्शन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है. चौक-चौराहे या पर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते ही यह रिकॉर्ड कर लेता है.

Traffic Rules Violation: जब आप सड़क पर गाड़ी चलाते हैं, तो जाने-अनजाने में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन हो जाता है. अनजाने में ट्रैफिक नियमों के पालन में चूक होने पर वाहन चालक को उसका पता चलने पर अफसोस होता है और वह भविष्य के लिए सबक सीख लेता है. लेकिन, कुछ लोग फितरती जानबूझकर ट्रैफिक नियमों को ताख पर रखकर सड़क पर गाड़ी चलाते हैं. ट्रैफिक पुलिसकर्मी के टोकने पर अकड़ दिखाते हैं. यहां तक कि कई उद्दंड लोग तो मार-पिटाई करने पर भी उतारू हो जाते हैं. ऐसे उद्दंडों को सबक सिखाने के लिए सरकार ने बेहतरीन तरीका ईजाद कर लिया है. कोई भले ही सड़क या चौक-चौराहों पर जितनी मर्जी ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर ले, ट्रैफिक पुलिसकर्मी एक शब्द नहीं बोलेंगे. ऐसे लोगों का राज चौक-चौराहों और सड़कों के किनारे बिजली के खंभों पर लगे सीसीटीवी कैमरे खोल देते हैं. ऐसा करने वालों को पहले ई-चालान भेजा जाता है. चालान का भुगतान नहीं करने पर गाड़ी जब्त हो जाती है. ऐसा भी संभव है कि चालान भुगतान करने में देर करने पर जेल भी हो सकती है. आइए, जानते हैं कि सीसीटीवी कैमरा सड़क पर अकड़ दिखाने वालों को सबक कैसे सिखाता है.

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कैसे काम करता है सीसीटीवी कैमरा

सही मायने में देखा जाए, इन सीसीटीवी कैमरों की मदद से वाहनों की स्पीड का पता चल जाता है. इसके अलावा, गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन नंबर और ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन करने वाली जगहों का पता चल जाता है. 60 डिग्री की कवरेज वाले सीसीटीवी कैमरे हाई रिजॉल्यूशन के होते हैं, जिसे कंट्रोल रूम से ऑपरेट किया जाता है. चौक चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे ऑटोमैटिकली ऑपरेट होते रहते हैं. कंट्रोल रूम का ऑपरेटर ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन से संबंधित जानकारी ट्रैफिक पुलिस के संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को देता है.

सीसीटीवी कैमरे की मदद से कैस कटता है चालान

सीसीटीवी कैमरों को ऑपरेट करने के लिए स्पेशल डेटा इन्क्रिप्शन सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है. जैसे ही कोई वाहन चालक किसी भी चौक-चौराहे या किसी दूसरी जगह पर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करता है, स्पेशल डेटा इन्क्रिप्शन सॉफ्टवेयर की मदद से सीसीटीवी कैमरा वाहन चालक की सारी हरकतों रिकॉर्ड कर लेता है. यह काम इतना जल्दी होता है कि ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले वाहन चालक को इसका पता भी नहीं चलता है. सीसीटीवी कैमरे से रिकॉर्डिंग होने के बाद एसएमएस, ई-मेल या फिर कूरियर के जरिए संबंधित वाहन चालक के पास चालान भेज दिया जाता है.

चौबीसों घंटे काम करता है ट्रैफिक कंट्रोल रूम

गौर करने वाली बात यह है कि ट्रैफिक कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे काम करता रहता है. इसलिए रात के समय भी इन कैमरों की मदद से चौक-चौराहों या सड़कों पर यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर वाहन चालकों की सारी हरकतें रिकॉर्ड की जाती हैं.

चालान का भुगतान नहीं करने पर हो सकती है जेल

जब को व्यक्ति ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करता है, तो ट्रैफिक कंट्रोल रूम की ओर से एसएमएस के जरिए मोबाइल पर ई-चालान भेजा जाता है. यदि निर्धारित समय सीमा के अंदर चालान की रकम जमा नहीं की जाती है, तो वाहन जब्त किया जा सकता है. इतना ही नहीं, ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के प्रकार के आधार पर जेल की भी सजा हो सकती है.

सीसीटीवी कैमरे ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को कैसे रिकॉर्ड करते हैं?

सीसीटीवी कैमरे वाहन चालकों की हरकतों को हाई रिजॉल्यूशन में रिकॉर्ड करते हैं और स्पेशल डेटा इन्क्रिप्शन सॉफ्टवेयर की मदद से उल्लंघन की जानकारी एकत्र करते हैं।

क्या सीसीटीवी कैमरे रात में भी काम करते हैं?

हाँ, ट्रैफिक कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे सक्रिय रहता है, जिससे रात के समय भी ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन रिकॉर्ड किया जा सकता है।

यदि चालान का भुगतान नहीं किया जाए तो क्या होगा?

चालान का भुगतान नहीं करने पर वाहन जब्त किया जा सकता है और गंभीर उल्लंघनों के मामले में जेल की सजा भी हो सकती है।

सीसीटीवी कैमरे किस प्रकार के उल्लंघनों को पकड़ते हैं?

ये कैमरे गति सीमा के उल्लंघन, लाल बत्ती की अनदेखी, और अन्य ट्रैफिक नियमों के उल्लंघनों का पता लगाते हैं।

चालान कैसे भेजा जाता है?

उल्लंघन होने के बाद, संबंधित वाहन चालक को एसएमएस, ई-मेल, या कूरियर के माध्यम से ई-चालान भेजा जाता है।

KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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