26.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

एक्सप्रेसवे और हाईवे पर मिलेगा वर्ल्ड क्लास लजीज खाना, मोदी सरकार का ये है मास्टर प्लान

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से एक्सप्रेसवे और हाईवे के किनारे वेसाइड एमेनिटी सुविधाओं का निर्माण कराया जा रहा है. संभावना जाहिर की जा रही है कि देश के विभिन्न शहरों से होकर गुजरने वाले एक्सप्रेसवे और हाईवे के किनारे मार्च 2026 तक 600 से अधिक वेसाइड एमेनिटी उपलब्ध हो जाएंगे.

नई दिल्ली: सड़क मार्ग का सफर सुगम बनाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार की ओर से देश के कोने-कोने में जोरशोर से एक्सप्रेसवे का निर्माण कराया जा रहा है. कई एक्सप्रेसवे तो बनकर तैयार भी हो गए हैं और उन पर 200 किलोमीटर की स्पीड से गाड़ियां सरपट दौड़ भी रही हैं. लेकिन, इन एक्सप्रेसवे पर सफर के दौरान सबसे बड़ी परेशानी खाने-पीने की हो जाती है. कई-कई किलोमीटर तक लोगों को खाने-पीने की चीजें नहीं मिल पाती हैं. खासकर, जब आप परिवार के साथ लंबे सफर पर जा रहे हों, तो इस प्रकार की परेशानियां और बढ़ जाती हैं. लेकिन, एक्सप्रेसवे के जरिए लंबी दूरी का सफर करने वालों के लिए खुशखबरी है. वह यह कि देश में बन चुके या बन रहे एक्सप्रेसवे और हाईवे के किनारे लोगों को ढाबे में नहीं, बल्कि फाइव स्टार होटलों में वर्ल्ड क्लास लजीज व्यंजन खाने को मिलेंगे. इतना ही नहीं, इन बड़ी और लंबी सड़कों के किनारे बच्चों और परिवार के मनोरंजन की सुविधाएं भी मिलेंगी.

एक्सप्रेसवे और हाईवे के किनारे 600 से अधिक वेसाइड एमेनिटी

मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से देश के तमाम एक्सप्रेसवे और हाईवे के किनारे वेसाइड एमेनिटी सुविधाओं का निर्माण कराया जा रहा है. संभावना यह भी जाहिर की जा रही है कि देश के विभिन्न शहरों से होकर गुजरने वाले एक्सप्रेसवे और हाईवे के किनारे मार्च 2026 तक 600 से अधिक वेसाइड एमेनिटी उपलब्ध हो जाएंगे. सबसे बड़ी बात यह है कि ये एक्सप्रेसवे और हाईवे पर प्रत्येक 40 से 60 किलोमीटर की दूरी पर विकसित किए जा रहे हैं. इसकी जिम्मेदारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को दी गई है. फिलहाल, देश के विभिन्न एक्सप्रेसवे और हाईवे के किनारे करीब 185 स्थानों पर वेसाइड एमेनिटी फैसलिटी विकसित कर दी गई है. बाकी के स्थानों पर इनका काम जोरशोर से चल रहा है.

वेसाइड एमेनिटीज में किस तरह की होंगी सुविधाएं

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि एक्सप्रेसवे और हाईवे के किनारे विकसित की जाने वाली वेसाइड एमेनिटी फैसलिटी में फूड कोर्ट और रेस्टोरेंट के अलावा मॉल्स, कार-बस पार्किंग, दिव्यांगों के लिए व्हील चेयर, इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग प्वाइंट और बच्चों के मनोरंजन के लिए चिल्ड्रेन पार्क आदि की सुविधाएं दी जाएंगी.

Also Read: सानिया मिर्जा ने 5 कारों के साथ पकड़ा था शोएब मलिक का हाथ

ड्राइवरों के लिए ओपेन जिम

इतना ही नहीं, सरकार की ओर से एक्सप्रेस वे और हाईवे के किनारे विकसित कराए जाने वाले वेसाइड एमेनिटीज के तहत ओपेन जिम भी खोला जाएगा. इस जिम में लंबी दूरी के लिए वाहन चलाने वाले ड्राइवर थकान मिटाने के लिए जिम भी कर सकेंगे. आम तौर पर लंबी दूरी के लिए ड्राइविंग करने वाले चालकों को एक ही पोस्चर में घंटों तक बैठे रहना पड़ता है. ऐसे में उनकी पीठ अकड़ जाती है और थकान अधिक हो जाती है. उनकी पीठ की अकड़न और थकान को जिम में एक्सरसाइज के जरिए मिटाया जाएगा.

Also Read: छेड़छाड़ करते ही हाईवे पर उठा के पटक देती है Toyota Fortuner!

प्राथमिक उपचार की व्यवस्था

इसके साथ ही, एक्सप्रेसवे और हाईवे के किनारे विकसित किए जाने वाले वेसाइड एमेनिटीज के तहत प्राथमिक उपचार की भी व्यवस्था होगी. इसमें मेडिकल क्लीनिक और एंबुलेंस के भी इंतजाम किए जाएंगे. सफर के दौरान किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने के बाद इन क्लीनिकों में समय पर प्राथमिक उपचार कराया जा सकेगा. इसके अलावा स्‍थानीय वस्तुओं को बढ़ावा देने के लिए इसमें विलेज हॉट, पेट्रोल, डीजल और सीएनजी पंप, एटीएम, कनवेंसन सेंटर, चाइल्‍ड केयर रूम, मोटेल, ट्रामा सेंटर और शौचालय की व्‍यवस्‍था होगी.

Also Read: हाईवे से कितनी दूरी पर मकान बनाने से आपकी फैमिली रहेगी सुरक्षित, जानें क्या है नियम

KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel