22.4 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

CEA ने अरविंद सुब्रमण्यन कहा, सरकारी बैंकों के स्वामित्व पर नये सिरे से विचार करने की जरूरत

नयी दिल्ली : बैंकिंग क्षेत्र में बड़े सुधारों की वकालत करते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यन ने गुरुवार को कहा कि अब समय आ गया है, जब देश में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के स्वामित्व पर नये सिरे से विचार करने की जरूरत है. सुब्रमण्यन ने इस बात पर क्षोभ जताया कि पंजाब […]

नयी दिल्ली : बैंकिंग क्षेत्र में बड़े सुधारों की वकालत करते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यन ने गुरुवार को कहा कि अब समय आ गया है, जब देश में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के स्वामित्व पर नये सिरे से विचार करने की जरूरत है. सुब्रमण्यन ने इस बात पर क्षोभ जताया कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) जैसे हालिया घोटालों की वजह से दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आर्इबीसी) के तहत डूबे कर्ज की समस्या को सुलझाने के प्रयासों को झटका लगा है.

इसे भी पढ़ेंः CBI ने लोन धोखाधड़ी में टोटम इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ दर्ज किया केस

दिल्ली स्कूल आॅफ इकनॉमिक्स (डीएसर्इ) के छात्रों के साथ परिचर्चा में सुब्रमण्यन ने कहा कि मेरा मानना है कि हम अधिक से अधिक इस विचार के करीब आ रहे हैं कि यदि आप चाहते हैं कि भविष्य में सरकारी बैंकों में धोखाधड़ी के मामलों की पुनरावृत्ति न हो, तो फिर हम अपना पैसा ‘ब्लेक होल’ में नहीं डाल सकते. उन्होंने कहा कि मेरा मजबूत विचार है कि हमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के स्वामित्व पर नये सिरे से विचार करना चाहिए.

सुब्रमण्यन ने कहा कि आगे चलकर यदि हम भविष्य में इन चीजों की पुनरावृत्ति नहीं चाहते हैं, तो हमें बैंकिंग क्षेत्र सुधारों के लिए व्यापक एजेंडा अपनाना होगा. सीईए ने कहा कि दोहरे बही-खाते की चुनौती से निपटने के लिए सरकार ने दो महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं. कंपनियों के बही-खातों को साफ-सुथरा करने किे लिए आईबीसी प्रक्रिया और बैंकों का पुन: पूंजीकरण. सुब्रमण्यन ने हालांकि इसके साथ ही जोड़ा कि ईमानदारी से कहूं, तो मुझे लगता है कि बैंकिंग घोटाले की खबरों से इन प्रयासों को झटका लगा है.

नोबेल से सम्मानित पॉल क्रुगमैन के भारत में विनिर्माण नौकरियों में कमी के हालिया बयान के बारे में पूछे जाने पर सीईए ने स्वीकार किया कि देश ने विनिर्माण क्षेत्र में बड़ी पहल का समय 25-30 साल पहले गंवा दिया है. उन्होंने कहा कि यदि आप भविष्य की ओर देखें, तो मुझे नहीं पता कि विनिर्माण क्षेत्र पूर्व की तरह रोजगार दे पायेगा. उन्होंने कहा कि बदलते परिदृय में निर्माण, कृषि और सेवा क्षेत्र अधिक रोजगार देने वाले हो सकते हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel