22.6 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

RBI गवर्नर ने कहा- रेपो रेट में हर बार नहीं की जा सकती कटौती, वित्तीय एवं मौद्रिक नीतियों में बेहतर तालमेल

मुंबई : रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखे जाने के बाद बृहस्पतिवार को कहा कि इसमें हर बार मशीनी तौर पर कटौती नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा कि नीतिगत दरों के बारे में कोई निर्णय लेने से पहले आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए पिछले कुछ […]

मुंबई : रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखे जाने के बाद बृहस्पतिवार को कहा कि इसमें हर बार मशीनी तौर पर कटौती नहीं की जा सकती है.

उन्होंने कहा कि नीतिगत दरों के बारे में कोई निर्णय लेने से पहले आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए पिछले कुछ महीनों में केंद्र सरकार तथा रिजर्व बैंक द्वारा किये गये उपायों के समग्र प्रभाव को देखने की जरूरत है. उन्होंने मौद्रिक नीति समिति के उस विश्लेषण की ओर इशारा किया जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि अभी नीतिगत दर में कटौती की गुंजाइश बनी हुई है. दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था में बेहतरी दिखी है, लेकिन अभी यह कहना जल्दीबाजी होगी यह कितनी देर तक मौजूद रहने वाली है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किये गये हालिया उपायों से धारणा को सुधारने में मदद मिलेगी और घरेलू मांग बढ़ेगी.

उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि की चुनौतियों को दूर करने में राजकोषीय तथा मौद्रिक नीति में अब तक अच्छा तालमेल रहा है. उन्होंने कहा कि राजकोषीय घाटे के तय लक्ष्य से आगे निकलने को लेकर केंद्रीय बैंक चिंतित नहीं है. रिजर्व बैंक गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंक सरकार द्वारा चक्रीय सुस्ती का मुकाबला करने के लिए किये जा रहे उपायों के प्रभाव में अधिक स्पष्टता से देखना चाहेगा. उन्होंने कहा कि दूसरी और तीसरी तिमाही में आम तौर पर राजकोषीय घाटा ऊपर चढ़ता है, लेकिन चौथी तिमाही में राजस्व का संग्रह बढ़ने से यह नीचे आ जाता है. उन्होंने कहा कि हमें अंतिम आंकड़ों का इंतजार करना चाहिए.

उल्लेखनीय है कि अक्तूबर माह में ही राजकोषीय घाटा बजट अनुमान के 102 प्रतिशत तक पहुंच गया है. दास ने कहा कि अल्पावधि में खुदरा मुद्रास्फीति में तेजी देखी गयी है, लेकिन वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही तक इसके चार प्रतिशत के लक्ष्य के दायरे में आ जाने का अनुमान है. हालांकि, उन्होंने दूरसंचार कंपनियों द्वारा 50 प्रतिशत तक शुल्क बढ़ाये जाने को लेकर चेतावनी देते हुए कहा कि इसका खुदरा मुद्रास्फीति पर इसका बुरा असर पड़ सकता है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel