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फेडरल रिजर्व ने नहीं बढाई दर, विकासशील देशों को बड़ी राहत

वाशिंगटन : भारत और दुनिया के अन्य विकासशील देशों को बडी राहत देते हुये अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने अपनी नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया और इसे शून्य के करीब ही बरकरार रखा है. फेडरल रिजर्व द्वारा पिछले करीब एक दशक में पहली बार इसमें बदलाव की उम्मीद की जा रही […]

वाशिंगटन : भारत और दुनिया के अन्य विकासशील देशों को बडी राहत देते हुये अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने अपनी नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया और इसे शून्य के करीब ही बरकरार रखा है. फेडरल रिजर्व द्वारा पिछले करीब एक दशक में पहली बार इसमें बदलाव की उम्मीद की जा रही थी. फेडरल रिजर्व ने अपनी समिति की बैठक के बाद जारी वक्तव्य में कहा, ‘ज्यादा से ज्यादा रोजगार और मूल्य स्थिरता को निरंतर समर्थन देते हुये समिति अपने इस विचार को दोहराती है कि फेडरल कोष की मौजूदा 0 से 0.25 प्रतिशत दर का दायरा उपयुक्त है.’

समिति ने कहा कि यह दर इस दायरे में कब तक रहेगी इसके बारे में वह अपने उद्देश्य को ध्यान में रखते हुये ही आकलन करेगी. समिति का लक्ष्य देश में अधिक से अधिक रोजगार पैदा करना और मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत के आसपास बनाये रखना है. फेडरल रिजर्व ने कहा कि उसका मानना है कि उसके कोष के लिये दर वृद्धि का लक्ष्य बढाना तभी अनुकूल होगा जब उसे लगेगा की रोजगार के क्षेत्र में और सुधार हुआ है और उसे भरोसा होगा कि मध्यम अवधि में मुद्रास्फीति उसके दो प्रतिशत के लक्ष्य के आसपास आ जायेगी.

फेडरल रिजर्व की प्रमुख जेनेट एल. येलेन ने खचाखच भरे संवाददाता सम्मेलन में कहा कि समिति अभी भी यही मानना है कि फेडरल कोष दर में पहली वृद्धि तभी उपयुक्त होगी जबकि रोजगार के क्षेत्र में कुछ और सुधार आ जाये और वह तार्किक तौर पर इस बात को लेकर संतुष्ट होगी कि मध्यम अवधि में मुद्रास्फीति की दर लौटकर दो प्रतिशत के दायरे में आ जायेगी. येलेन ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘मुद्रास्फीति परिदृश्य में कुछ नरमी दिखाई दी है. कुछ और घटनाक्रम भी हुये हैं जैसे कि कच्चे तेल के दाम में गिरावट, डालर के मूल्य में मजबूती, इनसे निकट भविष्य में मुद्रास्फीति में कमी के लिये दबाव बढा है. अब हमें यह पूरी तरह से अनुमान लग गया है कि डालर में हाल में जो मजबूती आई और तेल के दाम में गिरावट अस्थायी होगी, लेकिन मुद्रास्फीति पर गिरावट का दबाव है.’

फेडरल बैंक की प्रमुख ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘मैं बताना चाहती हूं कि घरेलू घटनाक्रम काफी मजबूत रहे हैं. हमने देखा कि घरेलू मांग मजबूती के साथ बढ रही है. श्रम क्षेत्र में भी सुधार हो रहा है. हम अपनी उम्मीदों के बारे में आने वाले आंकडों पर नजर रखेंगे. इस दौरान हम वैश्विक वित्तीय एवं आर्थिक घटनाक्रमों पर भी नजर रखेंगे.’ उन्होंने कहा कि वैश्विक बाजार में कई तरह की अनिश्चिततायें हैं. हम इन घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रखे हुये हैं. हम यह देख रहे हैं कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के आर्थिक और वित्तीय घटनाक्रम किसा प्रकार से हमारे परिदृश्य के लिये जोखिम खडा कर सकते हैं. फेडरल रिजर्व की प्रमुख ने कहा कि हमारा पूरा ध्यान चीन और उसको लेकर पैदा होने वाले जोखिम पर है. न केवल चीन बल्कि सभी उभरते बाजारों पर हमारी नजर है. हम देख रहे हैं कि उनकी आर्थिक स्थिति का अमेरिका पर क्या असर पड़ सकता है.

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Prabhat Khabar Digital Desk
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