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मुंबई: बैंक सस्ते आवासों के लिए ऋण देने के लिए और कोष अलग कर सकेंगे क्योंकि रिजर्व बैंक ने आज आवास ऋण पर न्यूनतम जोखिम प्रावधान घटाने का प्रस्ताव किया है जो फिलहाल 50 प्रतिशत है.आरबीआई ने कहा जोखिम की चिंता को ध्यान में रखते हुए आर्थिक रुप से कमजोर वर्गों तथा निम्न आय वर्ग […]

मुंबई: बैंक सस्ते आवासों के लिए ऋण देने के लिए और कोष अलग कर सकेंगे क्योंकि रिजर्व बैंक ने आज आवास ऋण पर न्यूनतम जोखिम प्रावधान घटाने का प्रस्ताव किया है जो फिलहाल 50 प्रतिशत है.आरबीआई ने कहा जोखिम की चिंता को ध्यान में रखते हुए आर्थिक रुप से कमजोर वर्गों तथा निम्न आय वर्ग के लिए सस्ते आवास की सुलभता बढाने और सबके लिए आवास योजना को प्रोत्साहन देने के लिए जोखिम प्रावधान घटाने का प्रस्ताव किया गया है लेकिन शर्त यह है कि व्यक्तिगत आवास ऋण पर जमानत का प्रावधान अच्छा है.

फिलहाल व्यक्तिगत आवास पर न्यूनतम जोखिम प्रावधान 50 प्रतिशत है.आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष की मौद्रिक नीति की चौथी द्विमासिक समीक्षा में कहा कि इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश अलग से जारी किया जा रहा है.संपत्ति परामर्शक सीबीआरई (दक्षिण एशिया) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अंशुमान मैगजीन ने कहा आरबीआई के सस्ते आवास के लिए व्यक्तिगत आवास ऋण पर न्यूनतम जोखिम प्रबंधन घटाने के प्रस्ताव से बिक्री बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.
जेएलएल इंडिया के अध्यक्ष और भारतीय कारोबार प्रमुख अनुज पुरी ने कहा कि कुछ भी हो सस्ते आवास क्षेत्र का परिदृश्य अच्छा है और आरबीआई गवर्नर ने इस क्षेत्र कोऋणदेने के लिए जो प्रावधान किए हैं वे कम सख्त हैं और इनका दायरा बडा है.
न्यूनतम जोखिम प्रावधान घटाने का अर्थ है बैंकों को सस्ते आवास केऋणके लिए कम पूंजी अलग करनी होगी जिससे इस खंड के लिए ज्यादा कोष उपलब्ध होंगे. इस बीच रीयल एस्टेट डेवलपरों ने आरबीआई द्वारा नीतिगत दर में 0.5 प्रतिशत की कटौती के फैसले का स्वागत किया है.

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Prabhat Khabar Digital Desk
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