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शीतकालीन सत्र में GST विधेयक पारित होने की उम्मीदें धुंधली

नयी दिल्ली: जीएसटी विधेयक को लेकर सरकार और कांग्रेस के बीच बातचीत होने के बावजूद इस पर सहमति बनने की उम्मीदें धूमिल होती लग रही हैं जहां वित्त मंत्री अरुण जेटली मौजूदा संसद सत्र के बेकार चलने जाने की आशंका जता चुके हैं. वित्त मंत्री अरुण जेटली के जीएसटी विधेयक के मुद्दे पर मतभेदों को […]

नयी दिल्ली: जीएसटी विधेयक को लेकर सरकार और कांग्रेस के बीच बातचीत होने के बावजूद इस पर सहमति बनने की उम्मीदें धूमिल होती लग रही हैं जहां वित्त मंत्री अरुण जेटली मौजूदा संसद सत्र के बेकार चलने जाने की आशंका जता चुके हैं. वित्त मंत्री अरुण जेटली के जीएसटी विधेयक के मुद्दे पर मतभेदों को दूर करने के लिए कांग्रेस नेताओं से बातचीत किये जाने के बाद भी गतिरोध बना हुआ है. विपक्षी दल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार और विपक्ष के बीच बातचीत बस एक मुद्दे पर सीमित नहीं हो सकती.

शीतकालीन सत्र समाप्त होने में अब महज सात दिन बाकी रह गये हैं. जेटली और संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने आज राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, उप नेता आनंद शर्मा और लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ विचार विमर्श किया. लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे के दिल्ली से बाहर होने का हवाला देते हुए कांग्रेस नेताओं ने एक और बैठक की मांग की जिसे सरकार ने सहर्ष स्वीकार कर लिया.
आनंद शर्मा ने संवाददाताओं को बताया ‘‘आज की बातचीत अधूरी रही. काम प्रगति पर है. आज कोई सिलसिलेवार बातचीत नहीं हुई.’ उन्होंने यह भी कहा कि सरकार और विपक्ष के बीच बातचीत सिर्फ एक मुद्दे पर सीमित नहीं रह सकती. 18 महीने तक विपक्ष से बातचीत नहीं करने के बाद सरकार अब एक विधेयक को लेकर हमसे बस एक विधेयक पर बातचीत करने को लेकर परेशान है. सिर्फ एक विधेयक को लेकर सरकार को इतना परेशान नहीं होना चाहिए क्योंकि अन्य महत्वपूर्ण विधेयक भी लंबित है.
कांग्रेस नेताओं ने इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान पांच सालों तक गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री जो अब देश के प्रधानमंत्री हैं, के विरोध के कारण यह विधेयक पारित नहीं हो पाया था.जीएसटी पर गतिरोध के बीच अरुण जेटली ने आज एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘‘संसद का पिछला सत्र नहीं चला. संसद के मौजूदा सत्र के भी बेकार चले जाने की आशंका मंडरा रही है. मौजूदा सत्र में कामकाज नहीं होने देने की वजह हर घंटे बदल रही है.’ उन्होंने कांग्रेस को संसद के माध्यम से देश के शासन की सांसदों की जिम्मेदारी याद दिलाने के लिए पंडित जवाहर लाल नेहरु के एक भाषण का उल्लेख भी किया.
संसदीय कार्य मंत्री नायडू ने कहा ‘‘मैं यह देख कर निराश हूं कि संसद को बाधित करने के लिए वे कोई न कोई बहाना ढूंढ रहे हैं. हम महत्वपूर्ण मुद्दों और विधेयकों पर चर्चा नहीं कर पा रहे हैं. शर्मा ने इन आरापों पर पलटवार करते हुए कहा कि हम घडी घडी नहीं बदल रहे हैं. मोदी सरकार मुद्दे पैदा कर रही है और राज्यों में हमारी सरकारों को अस्थिर कर रही है.

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Prabhat Khabar Digital Desk
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