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रेलवे अब 92 पैसे में देगा 10 लाख रुपये का बीमा कवर

नयी दिल्ली : रेलवे ने आज से एक नयी बीमा पॉलिसी शुरू कर रही है. इसके अंतर्गत यात्रियों को दुर्घटना में मृत्यु होने पर 10 लाख रुपये अतिरिक्त दिये जायेंगे. रेलवे पहले दुर्घटना में यात्री की मृत्यु होने पर 4 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर देता था. वहीं अब प्राइवेट कंपनियों के साथ आईआरसीटीसी […]

नयी दिल्ली : रेलवे ने आज से एक नयी बीमा पॉलिसी शुरू कर रही है. इसके अंतर्गत यात्रियों को दुर्घटना में मृत्यु होने पर 10 लाख रुपये अतिरिक्त दिये जायेंगे. रेलवे पहले दुर्घटना में यात्री की मृत्यु होने पर 4 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर देता था. वहीं अब प्राइवेट कंपनियों के साथ आईआरसीटीसी ने समझौता किया है जिसमें ई टिकट लेने वाले यात्री 92 पैसे के अतिरिक्त भुगतान के साथ इस योजना का लाभ ले सकेंगे. रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने योजना को आकार देने की जिम्मेदारी आईआरसीटीसी को दी थी. औपचारिक रूप से आज गुरुवार को स्वयं रेलमंत्री योजना का उद्घाटन करेंगे. अभी तक हवाई यात्रियों को ही ऑप्शनल इंश्योरेंस स्कीम का फायदा मिलता था.

हवाई यात्रियों को लगभग 100 रुपये के भुगतान पर 10 लाख रुपए का बीमा-कवर दिया जाता है. लेकिन रेलवे यात्रियों को यह सुविधा केवल 92 पैसे में ही मिलेगा. आईआरसीटीसी से ऑनलाइन टिकट लेने वाले सभी यात्रियों को बुकिंग के समय एक विकल्प दिया जायेगा. इसमें पूछा जायेगा कि क्या वे बीमा कवर लेना चाहते हैं. हां के विकल्प पर क्लिक करते ही कुल किराए में 92 पैसे प्रति यात्री बीमा के प्रीमियम के रूप में जुड़ जाएगा.

जैसे ही कोई रेलयात्री बीमा के लिए प्रीमियम जमा करता है वैसे ही टिकट डीटेल के साथ उनके मोबाइल पर एक एसएमएस और उनके ई-मेल एकाउंट में एक मेल संबंधित बीमा कंपनी के द्वारा बीमा कवर का मैसेज आएगा. उसके बाद एक नॉमिनी-फॉर्म मेल पर भोजा जायेगा, उसे भरकर भेजना होगा. नॉमिनी-फार्म नहीं भरने के एवज में दुघटनाग्रस्त यात्रियों के कानूनी वारिस को बीमित राशि का भुगतान किया जाएगा.

सभी औपचारिकता पूरी करने के बाद आईआरसीटीसी के वेबसाइट पर टिकट बुक हिस्ट्री पर यात्री अपना बीमा कवर सर्टिफिकेट देख सकेंगे. बीमा योजना कंफर्म टिकट और आरएसी टिकटों पर ही लागू होगा. पांच साल से छोटे बच्चों और विदेशी नागरिकों को बीमा कवर में नहीं दिया जाएगा. आईआरसीटीसी केवल सुविधा मुहैया करा रहा है उसके बाद उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं होगी. दुर्घटना की स्थिति में यात्रियों को व्यक्तिगत रूप से बीमा कंपनी से क्लेम वसूलना होगा.

मिशन 350 प्लस : रेलवे अल्ट्रा-हाई स्पीड टेक्नोलाजी की संभावना तलाशेगी

अपने मिशन 350 प्लस पर आगे बढते हुए रेलवे 500 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर ट्रेनों को चलाने के लिए अल्ट्रा-हाई स्पीड प्रौद्योगिकी पेश करने की संभावना तलाशने के उद्देश्य से एक वैश्विक सम्मेलन आयोजित करेगी. रोलिंग स्टॉक सदस्य हेमंत कुमार ने यहां कहा, ‘ रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने मिशन 350 तैयार किया है जिसमें रेलवे को अल्ट्रा-हाई स्पीड रेल नेटवर्क के भावी क्षेत्र में उतरना चाहिए और एक भारतीय प्रौद्योगिकी के निर्माण की दिशा में काम करना चाहिए जोकि किफायती होने के साथ ही सर्वोत्तम स्तर का हो.’ इसके मुताबिक, रेलवे ने भारत में पीपीपी आधार पर अल्ट्रा-हाई स्पीड रेलवे प्रणाली विकसित करने, उसका निर्माण करने और चलाने के लिए एक इच्छा पत्र जारी किया है. इसके लिए अंतिम तिथि 6 सितंबर है और अभी तक चार वैश्विक कंपनियों ने इस परियोजना में दिलचस्पी दिखाई है.

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