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उम्मीद है भारत निम्न मुद्रास्फीति को प्राथमिकता देना बरकरार रखेगा : राजन

न्यूयार्क : आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने उम्मीद जताई कि देश में बैंकों की सफाई की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और सरकार निम्न मुद्रास्फीति को प्राथमिकता देना बरकरार रखेगी हालांकि उन्होंने वैश्विक स्तर पर निम्न ब्याज दर के प्रति चेतावनी दी. गौरतलब है कि राजन का कार्यकाल भारत के केंद्रीय बैंक में इस […]

न्यूयार्क : आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने उम्मीद जताई कि देश में बैंकों की सफाई की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और सरकार निम्न मुद्रास्फीति को प्राथमिकता देना बरकरार रखेगी हालांकि उन्होंने वैश्विक स्तर पर निम्न ब्याज दर के प्रति चेतावनी दी. गौरतलब है कि राजन का कार्यकाल भारत के केंद्रीय बैंक में इस महीने समाप्त हुआ. राजन ने चार सितंबर को भारत के शीर्ष केंद्रीय बैंक के प्रमुख के पद से विदा हुए.उन्होंने न्यूयार्क टाइम्स को दिए साक्षात्कार में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि देश बैंकों की सफाई की प्रक्रिया पूरी कर लेगा जो अभी चल रही है. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सख्त मौद्रिक नीति से भारत की मुद्रास्फीति को सरकार के लक्ष्य के उपरी दायरे से कम पर लाने में मदद मिली जो फिलहाल करीब छह प्रतिशत है.

राजन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमने वही किया जिसकी जरुरत थी.’ केंद्रीय बैंक को निम्न मुद्रास्फीति को प्राथमिकता देना बरकरार रखना चाहिए.विश्व के केंद्रीय बैंक जहां वैश्विक वृद्धि को आगे बढाने के संबंध में परेशान हैं, ऐसे में राजन ने एक नयी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर कम ब्याज दर से बाजार प्रभावित हो सकता है और इसे छोडना मुश्किल हो जाएगा. अमेरिका और यूरोप समेत विश्व भर के विभिन्न देशों के वृद्धि प्रोत्साहित करने के लिए ब्याज दर निम्न स्तर पर रखने के बीच उन्होंने कहा कि उन देशों को डर घेर लेगा कि जब वे आखिरकार दर बढाएंगे तो वृद्धि घट जाएगी.

राजन ने कहा कि कम ब्याज दर अन्य नीतिगत पहलों और विभिन्न किस्म के सुधारों का विकल्प नहीं होना चाहिए. उन्होंने इस बात का भी विरोध किया कि उनकी सख्त मौद्रिक नीतियों के कारण उन्हें सरकार का समर्थन नहीं मिला. साथ ही कहा कि उनकी विदाई उनकी सरकार के साथ कार्यकाल बढाने लेकिन पूरे तीन साल तक का कार्यकाल स्वीकार नहीं करने के संबंध में सहमति नहीं बनने के कारण हुई. उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह कहना उचित है कि सख्त नीति के कारण सरकार चाहती किसी और की नियुक्ति करना चाहती थी.’

केंद्रीय बैंक के प्रमुख के तौर पर उनके विदा होने की घोषणा के बाद सरकार द्वारा अगले पांच साल के लिए निम्न मुद्रास्फीति के लिए चार प्रतिशत का लक्ष्य तय करने का उल्लेख करते हुए राजन ने कहा कि उनके उत्तराधिकारी उर्जित पटेल ने देश के सख्त मुद्रास्फीतिक लक्ष्य तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र दीर्घकालिक वृद्धि के लिए बेहतर प्रणाली है. उन्होंने कहा, ‘भारत की ताकत कुछ हद तक लोकतंत्र से आती है. भारत में हालात बुरे हो सकते हैं लेकिन एक सीमा के बाद नहीं क्योंकि लोकतांत्रिक प्रकिया दृढता से अपनी बात रखती है और हमारे यहां सरकार में बदलाव हुआ है.’ राजन लंबे समय बाद शिकागो विश्वविद्यालय वापस लौटेंगे.

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Prabhat Khabar Digital Desk
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