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RBI का ”यू-टर्न”! अब एक बार पुराने नोट जमा करने पर कोई सवाल-जवाब नहीं करेगा बैंक

नयी दिल्ली: पुराने नोट जमा कराने को लेकर रिजर्व बैंक की तरफ से ढील देने का आदेश दिया गया है. अब पुराने नोट जमा करने पर सवाल-जवाब नहीं किया जाएगा. इससे पहले पुराने नोट जमा करने वाले ग्राहकों से बैंक पूछताछ कर रहा था लेकिन रिजर्व बैंक ने एक आदेश जारी करके ऐसा करने पर […]

नयी दिल्ली: पुराने नोट जमा कराने को लेकर रिजर्व बैंक की तरफ से ढील देने का आदेश दिया गया है. अब पुराने नोट जमा करने पर सवाल-जवाब नहीं किया जाएगा. इससे पहले पुराने नोट जमा करने वाले ग्राहकों से बैंक पूछताछ कर रहा था लेकिन रिजर्व बैंक ने एक आदेश जारी करके ऐसा करने पर रोक लगा दी है.

आपको बता दें कि इससे पहले 19 दिसंबर को आरबीआइ ने कहा था कि पांच हजार रुपये से ज्यादा के नोट जमा करने पर बैंकों की तरफ से सवाल पूछने की प्रक्रिया होगी. यह मामला तक और पेचिदा हो गया जब सरकार की तरफ से सफाई दी गई कि एक बार 5000 से ज्यादा जमा करने वालों से सवाल नहीं पूछे जाएंगे, लेकिन मंगलवार को पैसा जमा करने पहुंचे लोगों से बैंक की तरफ से सवाल पूछे गए.

इस भ्रम की स्थिति को खत्म करने के लिए आज आरबीआई ने नया नोटिफिकेशन जारी किया और इस प्रक्रिया पर विराम लगा दिया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा था कि तीस दिसंबर तक लोगों को बैंक में नोट जमा कराने की छूट होगी हालांकि नोट बंदी का एलान करते वक्त भी पीएम मोदी ने 30 दिसंबर तक के वक्त का ही जिक्र किया था.

डिजिटल लेन-देन पर सरकार का जोर

डिजिटल लेन-देन:छोटे कारोबारियों को राहत

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि डिजिटल भुगतान का विकल्प चुनने वाले छोटे व्यापारियों की टैक्स देनदारी में 30 प्रतिशत तक की कमी आयेगी. इसके लिए अनुमानित आयकर के नियमों को संशोधित किया गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है. मतलब साफ है कि यदि आप डिजिटल लेन-देन करते हैं, तो कम टैक्स दे सकते हैं. यदि हम इसका विश्लेषण करें, तो पायेंगे कि डिजिटल माध्यम से लेन-देन करनेवाले व्यापारियों को 30 प्रतिशत से अधिक का लाभ मिलेगा. हालांकि वित्त मंत्रालय ने बाद में एक बयान में कहा कि इस संशोधन के बाद डिजिटल माध्यमों से लेन-देन से करीब 46 प्रतिशत कर देनदारी में कमी आयेगी. साथ ही यदि बैंक चैनलों के जरिये लेन-देन होता है, तो जिसका भी सालाना कारोबार 66 लाख रुपये तक है, तो धारा 80 सी का लाभ उठाने के बाद उन पर कर देनदारी शून्य होगी.

आम बजट 2016-17 पर एक नजर

मालूम हो कि आम बजट 2016-17 में दो करोड़ तक के कारोबारी, जो समुचित खाते नहीं रखते हैं, उनके बारे में माना गया था कि टैक्स के लिहाज से उन्होंने आठ प्रतिशत का लाभ कमाया है. यदि छोटे कारोबारी अब लेन-देन डिजिटल माध्यम से करते हैं, तो उनका मुनाफा कारोबार का छह प्रतिशत माना जायेगा न कि आठ प्रतिशत. इससे पहले केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने अधिसूचना में कहा कि आयकर कानून की धारा 44 एडी के तहत लाभ आठ प्रतिशत माने जाने की मौजूदा दर को कम कर छह प्रतिशत करने का निर्णय किया गया है. यह 2016-17 के लिए बैंक चैनल, डिजिटल माध्यमों से प्राप्त कुल कारोबार या सकल प्राप्ति की राशि के संदर्भ में लागू होगा.

रिजर्व बैंक के पास पर्याप्त मुद्रा

वित्त मंत्री दावा किया रिजर्व बैंक के चेस्ट में पर्याप्त करेंसी है, जो 30 दिसंबर के आगे भी आसानी से चलेगी. यह भी कहा कि नोटबंदी के लिए रिजर्व बैंक ने पूरी तैयारियां की थीं. नोटबंदी से पहले करीब 23 लाख करोड़ के नये नोट छपे थे. चलन में मौजूद मुद्रा की संख्या पर कहा कि 30 दिसंबर के बाद ही सही आंकड़ा उपलब्ध होगा.

डिजिटल लेन-देन 300 प्रतिशत तक बढ़ा

नोटबंदी के बाद डिजिटल , क्रेडिट-डेबिट कार्ड के इस्तेमाल में इजाफा हुआ है. जेटली ने कहा कि कुछ केस में यह 300 प्रतिशत बढ़ा है. ऐसे मामले जहां आधार कम है, वहां तो इसमें 1,500 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.

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Prabhat Khabar Digital Desk
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