26.9 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

रघुराम राजन के कार्यकाल में ही शुरू हो गयी थी 2000 रुपये के नये नोट की छपाई, मगर सिग्नेचर हुआ पटेल का!

नयी दिल्ली : देश में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों का चलन बंद करने के बाद बाजार में आये 2000 रुपये के नये नोट की छपाई रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के कार्यकाल में ही शुरू कर दी गयी थी, लेकिन इस पर हस्ताक्षर केंद्रीय बैंक के नये गवर्नर उर्जित पटेल […]

नयी दिल्ली : देश में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों का चलन बंद करने के बाद बाजार में आये 2000 रुपये के नये नोट की छपाई रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के कार्यकाल में ही शुरू कर दी गयी थी, लेकिन इस पर हस्ताक्षर केंद्रीय बैंक के नये गवर्नर उर्जित पटेल का कराया गया. अंग्रेजी के अखबार हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित खबर के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक ने दो हजार के नये नोटों की छपाई की प्रक्रिया 22 अगस्त, 2016 को ही शुरू कर दी गयी थी और ठीक इसके अगले ही दिन सरकार ने रिजर्व बैंक के नये गवर्नर के रूप में उर्जित पटेल के नाम की घोषणा की थी.

सोचने वाली बात यह भी है कि रिजर्व बैंक के नये गवर्नर के नाम की घोषणा के करीब दो हफ्ते 4 सितंबर, 2016 तक रिजर्व बैंक के नये गवर्नर उर्जित पटेल ने रघुराम राजन के स्थान पर अपना पदभार ग्रहण नहीं किया था. इसके बावजूद, रिजर्व बैंक की ओर से शुरू किये गये नये नोटों की छपाई के समय निवर्तमान गवर्नर रघुराम राजन के नाम का हस्ताक्षर नहीं कराया गया. इस संबंध में जब हिंदुस्तान टाइम्स की ओर से ई-मेल के जरिये वित्त मंत्रालय से सवाल किया कि जब रघुराम राजन के कार्यकाल में ही 500 और 1000 रुपये के बड़े नोटों को बंद कर 2000 रुपये के नये नोट को चलाने के बारे में फैसला लिया गया, तो फिर उस पर रघुराम राजन का हस्ताक्षर क्यों नहीं कराया गया, तो वित्त मंत्रालय की ओर से कोई माकूल जवाब भी नहीं दिया गया. इतना ही नहीं, इसी तरह का सवाल ई-मेल के जरिये रघुराम राजन से भी किया गया, लेकिन उन्होंने भी सवाल का जवाब देना उचित नहीं समझा.

7 जून, 2016 को ही ले लिया गया था फैसला

अंग्रेजी का अखबार हिंदुस्तान टाइम्स अपनी खबर में इस बात का भी जिक्र करता है कि नये नोटों के प्रचलन के बारे में वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से सवाल करने के बाद भी कोई माकूल जवाब नहीं मिला, तो भी अखबार के पास 2000 रुपये के नये नोटों की छपाई से संबंधित सबूत उसके पास मौजूद हैं. बताते चलें कि बीते साल के दिसंबर महीने में रिजर्व बैंक के नये गवर्नर उर्जित पटेल ने खुद वित्त मंत्रालय की संसदीय समिति के समक्ष इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि 2000 रुपये के नये नोटों को छापने को लेकर 7 जून, 2016 को ही कर लिया गया था.

22 अगस्त को शुरू कर दी गयी थी प्रक्रिया

रिजर्व बैंक की ओर से संसदीय समिति को दिये गये जवाब के अनुसार, 2000 रुपये के नये नोट को छापने की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला जून, 2016 में ही ले लिया गया था. हिंदुस्तान टाइम्स के पास रिजर्व बैंक की ओर से संसदीय समिति को पत्र के जरिये दिये गये जवाब की वह छायाप्रति भी मौजूद है, जिसमें रिजर्व बैंक के गवर्नर ने इस बात को स्वीकार किया है. आम तौर पर नये नोटों के छपाई की प्रक्रिया केंद्रीय बैंक की ओर से आदेश जारी होने के बाद ही शुरू कर दिया जाता है, लेकिन 2000 रुपये के नये नोट की छपाई की प्रक्रिया रिजर्व बैंक की ओर से दिये गये आदेश के करीब ढाई महीने पहले ही 22 अगस्त, 2016 को ही शुरू कर दी गयी थी.

आठ नवंबर के बाद छापा गया 500 रुपये का नया नोट

रिजर्व बैंक बोर्ड और भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (बीआरबीएनएमपीएल)के पूर्व सदस्य विपिन मलिक ने नये नोटों की छपाई शुरू होने के पहले ही कहा था कि पहले रिजर्व बैंक के बोर्ड ने इसके सुरक्षा फीचर्स को बदलने के लिए अपनी अनुमति दिया और तब इसके बाद बीआरबीएनएमपीएल ने इसकी पुष्टि की. इस संबंध में अखबार ने भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड से सूचना अधिकार कानून के तहत आरटीआई के जरिये सूचना भी एकत्र किया है, जिसमें इस बात की पुष्टि की गयी है. कंपनी ने आरटीआई के जवाब में यह भी कहा है कि उसने 500 रुपये के नये नोटों की छपाई का काम आठ नंवबर, 2016 को नोटबंदी की घोषणा के बाद शुरू किया गया था. इसमें आरोप यह भी लगाया गया है कि 500 रुपये के नये नोटों की छपाई का काम तब शुरू किया गया, जब आठ नवंबर को प्रधानमंत्री की ओरसे नोटबंदी की घोषणा के बाद बाजार में 2000 रुपये के नोटों की कमी के बाद अफरा-तफरी का माहौल शुरू हो गया.

नोटबंदी के 100 दिन पूरे होने के बाद नष्ट किये जा रहे हैं पुराने नोट

चौंकाने वाली बात यह भी है कि सरकार की ओर से नोटबंदी की घोषणा के 100 दिन पूरे होने के बाद 500 और 1000 रुपये के नये नोटों को नष्ट करने काम तब शुरू किया गया, जबकि दूसरी तरफ रिजर्व बैंक को अब भी अर्थव्यवस्था में नये नोटों की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी ओर यह भी बताया जा रहा है कि पुराने दो बड़े नोटों को बंद कर नये नोटों के प्रचलन को शुरू करने की बात को गुप्त रखा गया था और उधर, रिजर्व बैंक की ओर से इस बात की पुष्टि होने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूरदर्शन पर पुराने नोटों के प्रचलन को बंद करने की घोषणा की थी.

इतना ही नहीं, रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने हमेशा सरकार के इस फैसले पर कुछ बोलने से बचते रहे हैं, क्योंकि सरकार ने नोटबंदी पर फैसला लेने के पहले उनके कार्यकाल को बढ़ाया नहीं था. हालांकि, सरकार और रिजर्व बैंक ने नोटबंदी की प्रक्रिया के संबंध में किसी प्रकार की जानकारी देने से इनकार किया है. आर्थिक मामलों के सचिव शशिकांत दास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से नोटबंदी की घोषणा के तुरंत बाद ही कहा था कि नोटबंदी की प्रक्रिया से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराना कोई जरूरी नहीं है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel