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घबराइये मत, ब्योरा जमा कराने से चूकने पर कल के बाद सबके खाते नहीं होंगे ब्लॉक, जानिये क्यों…?

मुंबई : यदि आपने 30 अप्रैल यानी रविवार तक अपने खातों से जुड़ा ब्योरा बैंकों अथवा वित्तीय संस्थानों को उपलब्ध नहीं कराया, तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है. इसका कारण यह है कि आयकर विभाग की ओर से निर्धारित समयसीमा के अंदर सभी को अपने-अपने बैंक खातों की डिटेल देने की जरूरत नहीं है. […]

मुंबई : यदि आपने 30 अप्रैल यानी रविवार तक अपने खातों से जुड़ा ब्योरा बैंकों अथवा वित्तीय संस्थानों को उपलब्ध नहीं कराया, तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है. इसका कारण यह है कि आयकर विभाग की ओर से निर्धारित समयसीमा के अंदर सभी को अपने-अपने बैंक खातों की डिटेल देने की जरूरत नहीं है. आयकर के इस समयसीमा के दायरे में वही लोग आते हैं, जिनके खाते एक जुलाई, 2014 से लेकर 31 अगस्त, 2015 के बीच खोले गये हैं.

इसे भी पढ़िये : कल तक ब्योरा नहीं तो एमएफ खाते बंद, पढें क्या है मामला

आयकर विभाग के अनुसार, जिन लोगों ने इस समयसीमा के अंदर बैंकों अथवा वित्तीय संस्थानों में अपना खाता खुलवाया है, उन लोगों को अपने केवाईसी का ब्योरा देने के साथ ही खातों को आधार से लिंक करवाना जरूरी है. इसके अलावा, शेयर बाजारों में म्यूचुअल फंडों के जरिये निवेश करने के लिए बैंकों में खाता खुलवाया है, उन लोगों को अपनी डिटेल देनी होगी. इस तरह की डिटेल देने के साथ ही उन्हें इसे स्वप्रमाणित भी करना होगा. एक जुलाई, 2014 से लेकर 31 अगस्त, 2015 के बीच खोले गये खातों के लोग यदि आयकर विभाग में अपनी डिटेल नहीं जमा कराते हैं, तो ऐसा नहीं करनेवालों के खातों को फॉरेन टैक्स कॉम्प्लायंस एक्ट (एफएटीसीए) नियमों के तहत ब्लॉक कर दिया जायेगा.

खाता ब्लॉक होने के बाद डिटेल देने से दोबारा कर सकेंगे वित्तीय लेन-देन

पिछले दिनों आयकर विभाग की ओर से जारी किये गये दिशा-निर्देशों के अनुसार, एक जुलाई, 2014 से लेकर 31 अगस्त, 2015 के बीच खोले गये बैंक खातों के लोग 30 अप्रैल तक डिटेल नहीं जमा कराने के बाद खातों को ब्लॉक कर दिये जाने पर किसी प्रकार का वित्तीय लेन-देन नहीं कर सकेंगे. हालांकि, ब्लॉक करने के बाद डिटेल्स देने पर खाते फिर से चालू कर जायेंगे. इस संबंध में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने भी बयान जारी कर ऐसे खाता धारकों को स्पष्ट आदेश जारी किया है.

म्यूचुअल फंडों में निवेश करने वालों के लिए क्यों है आवश्यक

अगर आप म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं तो 30 अप्रैल तक अपने खातों से जुड़ी जानकारी संबंधित रजिस्ट्रार को मुहैया करा देना जरूरी है. अन्यथा आपका म्युचुअल फंड खाता बंद किया सकता है. वित्त मंत्रालय की ओर से जारी निर्देश उन लोगों के लिए जरूरी है, जिन्होंने म्युचुअल फंड खाते एक जुलाई 2014 से 31 अगस्त, 2015 के बीच खोले हैं. उन्हें एफएटीसीए का अनुपालन करते हुए अपेक्षित विवरण अनिवार्य रूप से 30 अप्रैल तक जमा करना होगा. 30 अप्रैल के बाद ऐसे ऐसे विवरण नहीं देने वाले खातों को बंद कर दिया जायेगा. फिर ऐसे खातों से कोई भी वित्तीय लेन-देन नहीं किया सकेगा. वित्तीय लेन-देन के तहत खरीद व छूट की अनुमति तब ही दी जा सकेगी, जब एफटीसीए के प्रावधानों का अनुपालन किया जायेगा.

क्या है मामला

आपको बता दें कि एफएटीसीए को लागू करने के लिए भारत और अमेरिका के बीच 31 मार्च 2015 को अंतर सरकारी समझौता (आइजीए) किया गया था. इस समझौते के बाद ऐसे खाताधारकों के वित्तीय लेन-देन की जानकारी एक दूसरे से साझा की जाती है. दोनों देशों ने इस संबंध में 31 अगस्त, 2015 को एक संधि पर हस्ताक्षर किये थे. इसे विदेशी खाते कर क्रियान्वयन कानून का नाम दिया गया.

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Prabhat Khabar Digital Desk
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