Aurangzeb Army Salary: मुगल शासक औरंगजेब अपनी कठोर नीतियों और प्रशासनिक व्यवस्था के लिए प्रसिद्ध था.अब जानिए ,बात उन दिनों की है जब औरंगजेब का सिक्का पूरे हिंदुस्तान में चलता था. मुगल बादशाह औरंगजेब की सेना इतनी बड़ी थी कि उसे मैनेज करना कोई बच्चों का खेल नहीं था. अब इतने सारे जवानों को रखने के लिए उनका वेतन भी तो देना पड़ता था ना! आइए जानते हैं कि औरंगजेब के ज़माने में सैनिकों की जेब में कितने पैसे जाते थे.
साधारण सैनिकों का हाल
जो पैदल सेना में होते थे, उन्हें हर महीने करीब 2-3 रुपये की सैलरी मिलती थी. अब सोच रहे होंगे कि इतने में क्या होता होगा? लेकिन भइया, उस जमाने में 1 रुपये की वैल्यू आज के हजारों रुपये के बराबर होती थी.
घुड़सवार सैनिकों का ठाठ
अब जो लोग घोड़े पर सवार होकर लड़ाई करते थे, उनका खर्चा थोड़ा ज्यादा होता था. घुड़सवार सैनिकों को 5-7 रुपये तक का वेतन दिया जाता था. इसमें उनके घोड़े का खर्च और हथियारों का इंतजाम खुद करना पड़ता था, इसलिए इनकी सैलरी ज्यादा होती थी.
अफसरों की मौज
अब जो अफसर थे, उनकी तो बल्ले-बल्ले थी! अनुभवी और ऊंचे पदों पर बैठे सैनिकों को 15-20 रुपये तक मिलते थे. सिपहसालार और बाकी बड़े अफसरों को तो सीधे 50 रुपये तक की मोटी रकम दी जाती थी.
अब आपको ये रकम छोटी लग रही होगी, पर उस जमाने में ये बहुत बड़ा पैसा था. इसके अलावा सैनिकों को अनाज, कपड़े और जरूरत की दूसरी चीजों के लिए अलग से भत्ता भी दिया जाता था.औरंगजेब की ये सैलरी पॉलिसी ही थी जिसने उसकी सेना को इतना मजबूत और अनुशासित बनाए रखा. यही वजह थी कि उसकी सत्ता लंबे समय तक कायम रही. समझे बाबू?
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