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कैफे कॉफी डे की फिर से शुरू हुई दिवाला प्रक्रिया, सुप्रीम कोर्ट की समयसीमा चूकी

Cafe Coffee Day Insolvency: कैफे कॉफी डे (CDEL) के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है. इसका कारण यह है कि एनसीएलएटी (NCLAT) सुप्रीम कोर्ट की ओर से तय की गई 21 फरवरी 2025 की समयसीमा के भीतर आदेश पारित नहीं कर सका.

Cafe Coffee Day Insolvency: कैफे कॉफी डे की मूल कंपनी सीडीईएल (CDEL) को बड़ा झटका लगा है. इसका कारण यह है कि राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) का अंतिम फैसला लंबित होने के बावजूद दिवाला प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है. निवेशकों और कॉर्पोरेट सेक्टर की नजरें अब NCLAT के आगामी आदेश पर टिकी हैं. कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड (CDEL) के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया दोबारा शुरू होने का प्रमुख कारण राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) सुप्रीम कोर्ट की ओर से तय की गई 21 फरवरी 2025 की समयसीमा के अंदर इस मामले पर अपना आदेश पारित नहीं कर सका.

क्या है पूरा मामला?

  • कैफे कॉफी डे (Cafe Coffee Day) ब्रांड की मालिक CDEL के खिलाफ कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) फिर से प्रभावी हो गई.
  • NCLAT की चेन्नई पीठ ने अपील पर सुनवाई पूरी कर ली थी, लेकिन आदेश सुरक्षित रख लिया था.
  • सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि 21 फरवरी 2025 तक अपील का निपटारा किया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
  • फैसला सुनाने में देर होने की वजह से NCLAT की ओर से पारित पूर्व आदेश निरस्त माना गया और 22 फरवरी 2025 से CIRP प्रक्रिया दोबारा शुरू हो गई.

कंपनी ने शेयर बाजार को दी जानकारी

CDEL ने शेयर बाजार को जानकारी दी कि NCLAT का अंतिम आदेश आना अभी बाकी है, लेकिन फिलहाल CIRP लागू रहेगा.

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दिवाला प्रक्रिया पर NCLAT और सुप्रीम कोर्ट का रुख

  • 14 अगस्त 2024: IDBI ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड (IDBITSL) की याचिका पर NCLAT ने दिवाला प्रक्रिया पर रोक लगाई थी.
  • 31 जनवरी 2025: IDBITSL ने सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी और कोर्ट ने NCLAT को 21 फरवरी 2025 तक अपील का निपटारा करने का निर्देश दिया.
  • 22 फरवरी 2025: समयसीमा बीत जाने से CIRP प्रक्रिया फिर से बहाल हो गई.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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