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बड़ी खुशखबरी! पीएफ अकाउंट से अब 5 लाख तक एडवांस निकाल सकेंगे कर्मचारी

EPFO News: सरकार ने ईपीएफओ सदस्यों के लिए पीएफ खातों से अग्रिम निकासी की स्वतः निपटान सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी है. अब कर्मचारी तीन दिन में बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के 5 लाख तक की राशि निकाल सकेंगे. यह सुविधा शिक्षा, विवाह, बीमारी और आवास जैसी जरूरतों पर लागू होगी. वित्त वर्ष 2024-25 में ईपीएफओ ने रिकॉर्ड 2.34 करोड़ दावों का निपटान किया है, जिससे डिजिटल प्रक्रिया की पारदर्शिता और प्रभावशीलता साबित होती है.

EPFO News: देश के करोड़ों कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी है. अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्य अपने पीएफ खातों से 5 लाख रुपये तक की अग्रिम राशि ऑटोमैटिक तरीके से निकाल सकेंगे. श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को इस नई सुविधा की घोषणा की है, जो तत्काल जरूरतों के समय बड़ी राहत देगी.

1 लाख से बढ़कर 5 लाख हुई सीमा

अब तक ईपीएफओ की ओर से 1 लाख रुपये तक की अग्रिम निकासी का स्वतः निपटान संभव था, लेकिन सरकार ने इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया है. इसका मतलब यह कि अब तीन दिनों के भीतर बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के यह रकम कर्मचारियों के खातों में पहुंच सकेगी.

किन मामलों में मिलती है अग्रिम निकासी?

ईपीएफओ ने यह सुविधा पहली बार कोविड-19 महामारी के दौरान शुरू की थी. इसके तहत कर्मचारी बीमारी, शिक्षा, विवाह और आवास जैसे जरूरतों के लिए अग्रिम रकम निकाल सकते हैं. यह पूरी प्रक्रिया सिस्टम से ऑटोमैटिक होती है, जिससे पारदर्शिता और तेजी दोनों सुनिश्चित होती हैं.

रिकॉर्ड स्तर पर बढ़ा ऑटोमैटिक निपटान

केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में ईपीएफओ ने 2.34 करोड़ अग्रिम दावों का स्वतः निपटान किया, जबकि 2013-14 में यह आंकड़ा मात्र 89.52 लाख था. यह 161% की वृद्धि को दर्शाता है. वित्त वर्ष 2023-24 में स्वतः निपटान दावों की हिस्सेदारी 31% थी, जो अब बढ़कर 59% हो चुकी है.

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2024-25 के पहले ढाई महीने में ही 76 लाख दावे निपटाए

चालू वित्त वर्ष की शुरुआत में ही ईपीएफओ ने 76.52 लाख दावों का ऑटोमैटिक निपटान कर दिया है. इससे स्पष्ट है कि नई प्रणाली को कर्मचारियों का भरपूर लाभ मिल रहा है और प्रक्रिया काफी तेज व भरोसेमंद हो गई है.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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