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घरेलू आपूर्ति सुधरने तक गेहूं के निर्यात पर लगा रहेगा प्रतिबंध, एफसीआई चीफ ने कही ये बात

एफसीआई प्रमुख अशोक के मीणा ने मंगलवार को कहा कि जब तक भारत गेहूं की घरेलू आपूर्ति में सहज महसूस नहीं करता, तब तक इस अनाज के निर्यात पर प्रतिबंध जारी रहेगा. उधर, इंदौर की एक अनाज मंडी में व्यापारियों द्वारा एमएसपी से कम दाम पर गेहूं खरीदे जाने को लेकर भड़के किसानों ने जमकर हंगामा और चक्काजाम किया.

नई दिल्ली : भारत के घरेलू बाजार में जब तक आपूर्ति दुरुस्त होने तक गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध जारी रहेगा. भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के प्रमुख अशोक के मीणा ने मंगलवार को कहा कि जब तक भारत गेहूं की घरेलू आपूर्ति में सहज महसूस नहीं करता, तब तक इस अनाज के निर्यात पर प्रतिबंध जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि हालिया बारिश से गेहूं का उत्पादन प्रभावित नहीं होगा और उन्हें गेहूं का उत्पादन लक्ष्य हासिल करने का भरोसा है. मीणा ने कहा कि देश भर में गेहूं की खरीद शुरू हो गई है और मध्य प्रदेश में अब तक 10,727 टन गेहूं खरीदा गया है.

मध्य प्रदेश में किसानों का चक्काजाम

उधर, खबर यह भी है कि मध्य प्रदेश के इंदौर की एक अनाज मंडी में व्यापारियों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम पर गेहूं खरीदे जाने को लेकर भड़के किसानों ने मंगलवार को जमकर हंगामा और चक्काजाम किया. कुछ दिन पहले बेमौसम बारिश से गेहूं की फसल में नमी की मात्रा अधिक होने का हवाला देते हुए प्रदेश सरकार ने इंदौर, उज्जैन,भोपाल और नर्मदापुरम संभागों में गेहूं की सरकारी खरीद मंगलवार 28 मार्च से 31 मार्च शुक्रवार तक स्थगित कर दी थी. हालांकि, किसानों के भारी हंगामे के बाद राज्य सरकार को यह आदेश मंगलवार को ही वापस लेना पड़ा.

किसानों ने लगाया मुनाफावसूली का आरोप

मीडिया से बातचीत करते हुए इंदौर के जिला आपूर्ति नियंत्रक एमएल मारू ने यह आदेश वापस लिए जाने की से पुष्टि की. उन्होंने बताया कि चारों संभागों में एमएसपी पर गेहूं की सरकारी खरीद बहाल कर दी गई है. इससे पहले, गेहूं बेचने के लिए इंदौर की लक्ष्मीबाई नगर अनाज मंडी पहुंचे किसानों ने यह आरोप लगाते हुए हंगामा और चक्काजाम किया कि मंडी व्यापारी उनसे 2,125 रुपये प्रति क्विंटल के एमएसपी से कम कीमत में गेहूं खरीदकर मुनाफा वसूली कर रहे हैं. चश्मदीदों ने बताया कि पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर आक्रोशित किसानों को शांत किया और करीब दो घंटे चला चक्काजाम समाप्त कराया.

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व्यापारियों ने 200 रुपये क्विंटल घटा दिए दाम

कृषकों के संगठन भारतीय किसान एवं मजदूर सेना के अध्यक्ष बबलू जाधव ने आरोप लगाया कि गेहूं की सरकारी खरीद चार दिन के लिए स्थगित किए जाने के आदेश के बाद व्यापारियों ने गुट बनाकर इस खाद्यान्न के दाम 200 रुपये प्रति क्विंटल तक घटा दिए. उधर, लक्ष्मीबाई नगर अनाज मंडी व्यापारी संघ के सचिव प्रवीण गर्ग ने कहा कि फिलहाल, केवल उसी गेहूं को अपेक्षाकृत कम कीमत में खरीदा जा रहा है, जिसमें तय मानकों से बहुत ज्यादा नमी, कचरा और मिट्टी है. बढ़िया गुणवत्ता वाले गेहूं को एमएसपी से भी ज्यादा दाम में खरीदा जा रहा है. उन्होंने बताया कि शहर में अलग-अलग गुणवत्ता का गेहूं 1,600 रुपये से लेकर 2,950 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है.

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