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Fish Farming: घर में पालें मछली, सब्सिडी देगी सरकार

Fish Farming: घर में मछली पालन करने के लिए जमीन की जरूरत नहीं पड़ती है. इसके लिए सीमेंट की एक बड़ी टंकी या हौदा बनवाना पड़ता है. इसके लिए सीमेंट की टंकी बनाना जरूरी नहीं है. प्लास्टिक की टंकी में भी मछली पालन किया जा सकता है.

Fish Farming: मछली पालन व्यवसाय पैसा कमाने का एक अच्छा जरिया है. अभी तक तो पारंपरिक तौर पर तालाब, आहर, पोखर, जोहड़ और नदियों में मछली पालनकर इसका उत्पादन किया जाता रहा है. बदलते जमाने के साथ मछली पालन व्यवसाय के तौर-तरीकों में भी बदलाव आ रहा है. वैज्ञानिक रोजाना नया शोध करके इसके व्यवसाय और उत्पादन में आमूल परिवर्तन की दिशा में कारगर कदम उठा रहे हैं. इसके साथ ही, सरकार भी घर पर मछली पालन व्यवसाय को लघु उद्यम के तौर पर बढ़ावा दे रही है. इसके लिए सरकार उन लोगों को सब्सिडी भी देती है, जो घर पर मछली पालन कर इसका उत्पादन करते हैं. आइए, इसकी पूरी प्रक्रिया के बारे में जानते हैं.

घर में मछली पालन करने पर सरकार कितनी सब्सिडी देती है?

सरकार ने घर पर मछली पालन करने वालों को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत सब्सिडी देने की व्यवस्था की है. सरकार की इस योजना के तहत घर पर मछली पालन करने वालों को 40 फीसदी सब्सिडी दी जाती है. इस योजना के तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं को 60 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है.

घर में मछली का पालन कैसे किया जाता है?

घर में मछली पालन करने के लिए जमीन की जरूरत नहीं पड़ती है. इसके लिए सीमेंट की एक बड़ी टंकी या हौदा बनवाना पड़ता है. इसके लिए सीमेंट की टंकी बनाना जरूरी नहीं है. प्लास्टिक की टंकी में भी मछली पालन किया जा सकता है. सीमेंट या प्लास्टि की टंकी या हौदा इतना बड़ा होना चाहिए, जिसमें करीब 70 से 80 किलो मछली आराम से रखी जा सके. अगर किसी के पास दो कमरों का घर है, तो वह एक कमरे में आसानी से मछली पालन कर सकता है. इस टंकी में सिंघी मछली के बीज से मछली पालन आराम से किया जा सकता है.

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इन चीजों पर भी रखें ध्यान

अगर आप घर में मछली पालन करने जा रहे हैं, तो आपको पानी और बीज पर खास ख्याल रखना होगा. घर में मछली पालन करने के लिए जरूरी यह है कि टंकी का पानी क्षारीय हो. यह मछलियों की वृद्धि और सेहत के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा. पानी का पीएच मान 7.5 से 8 के बीच रहना चाहिए. मछलियों को आहार के तौर पर चावल की भूसी और सरसों की खली देना चाहिए. आहार के तौर पर चूरा सबसे अधिक फायदेमंद हो सकता है. इसके साथ ही, टंकी के पानी को नियमित रूप से बदलते रहना चाहिए.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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