24.5 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

भारत में ईंधन की मांग मार्च में 4 प्रतिशत बढ़कर तीन साल के उच्च स्तर पर

कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के असर से अर्थव्यवस्था के उबरने के बीच परिवहन ईंधन की मांग मार्च में बढ़ गयी. देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले ईंधन डीजल का कुल ईंधन खपत में हिस्सा 40 फीसदी रहा.

नयी दिल्ली: पेट्रोल एवं डीजल की खपत महामारी-पूर्व स्तर पर पहुंचने के बीच मार्च में देश की ईंधन मांग 4.2 प्रतिशत बढ़कर तीन साल के उच्चस्तर पर पहुंच गयी. पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम नियोजन एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ की तरफ से सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च, 2022 में पेट्रोलियम उत्पादों की कुल खपत 1.94 करोड़ टन रही, जो मार्च, 2019 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है.

मार्च में बढ़ी परिवहन ईंधन की मांग

इन आंकड़ों से पता चलता है कि कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर के असर से अर्थव्यवस्था के उबरने के बीच परिवहन ईंधन की मांग मार्च में बढ़ गयी. देश में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले ईंधन डीजल का कुल ईंधन खपत में हिस्सा 40 फीसदी रहा. मार्च में डीजल की मांग 6.7 प्रतिशत बढ़कर 77 लाख टन पर पहुंच गयी. वहीं पेट्रोल की खपत 6.1 प्रतिशत बढ़कर 29.1 लाख टन रही.

पेट्रोल की कीमतों में वृद्धि की आशंका के बीच बढ़ रहे ईंधन के दाम

खास बात यह है कि पेट्रोल एवं डीजल दोनों ही ईंधनों की मांग मार्च में महामारी-पूर्व स्तर को पार कर गयी. डीजल की मांग कृषि कार्यों के कारण बढ़ी, जबकि पेट्रोल की मांग बढ़ने की एक वजह कीमतों में वृद्धि की आशंका रही. खाना पकाने में इस्तेमाल होने वाली एलपीजी की मांग मार्च में 9.8 प्रतिशत बढ़कर 24.8 लाख टन हो गयी.

Also Read: Petrol Diesel Price: बसों से सफर करना 40 फीसदी तक हुआ महंगा, डीजल की बढ़ती कीमत ने बिगाड़ा खेती का गणित

ईंधन की मांग 4.3 प्रतिशत बढ़ी

अगर समूचे वित्त वर्ष की बात करें, तो वर्ष 2021-22 में ईंधन की मांग 4.3 प्रतिशत बढ़कर 20.27 करोड़ टन पर पहुंच गयी, जो वर्ष 2019-20 के बाद का उच्चस्तर है. इस दौरान वाहन ईंधन एवं रसोई गैस की खपत बढ़ी, जबकि औद्योगिक ईंधन की खपत में गिरावट दर्ज की गयी. पेट्रोल की खपत 10.3 प्रतिशत बढ़कर 3.08 करोड़ टन हो गयी, जो अब तक का रिकॉर्ड स्तर है. वहीं डीजल की बिक्री 5.4 प्रतिशत बढ़कर 7.67 करोड़ टन हो गयी.

विमान ईंधन एटीएफ की मांग 35 प्रतिशत बढ़ी

विमान ईंधन एटीएफ की मांग 35 प्रतिशत बढ़कर 50 लाख टन हो गयी, लेकिन यह अब भी महामारी-पूर्व स्तर से काफी कम है. इसकी वजह यह है कि देश में विमानन सेवाएं पूरी तरह से वित्त वर्ष 2021-22 के आखिर में ही बहाल हुईं. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, कारखानों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन नाफ्था और सड़क निर्माण में लगने वाले बिटुमेन की खपत क्रमशः 1.42 करोड़ टन और 77 लाख टन रही.

Posted By: Mithilesh Jha

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel