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कारीगरों को 3 लाख तक सस्ता कर्जा दे रही सरकार, जानते हैं आप?

PM Vishwakarma Yojana: सरकार ने पारंपरिक तौर पर घरेलू सामान बनाने वाले कारीगरों को कर्जा देने के लिए 17 सितंबर 2024 को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की थी. इस योजना का पूरा नाम का पूरा नाम प्रधानमंत्री विश्वकर्मा सम्मान योजना है.

PM Vishwakarma Yojana: पारंपरिक कौशल के तहत सामान बनाने वाले देश के लाखों कारीगरों को केंद्र की मोदी सरकार 5% के सस्ते ब्याज पर 3 लाख रुपये तक का कर्जा दे रही है. सरकार की ओर से यह कर्जा पारंपरिक तौर पर घरेलू सामान बनाने वाले कारीगरों को दिया जाता है, जो पैसे के अभाव में अपना कारोबार शुरू नहीं कर पाते हैं. इतना ही नहीं, 3 लाख का कर्जा देने के साथ ही सरकार गरीब कारीगर को सामान और उपकरण खरीदने के लिए 15,000 रुपये की आर्थिक मदद भी दे रही है. कारीगरों को सरकार प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत 3 लाख रुपये का कर्जा देती है.

कारीगर और शिल्पकारों को कारोबार शुरू कराना मकसद

केंद्र की मोदी सरकार ने पारंपरिक तौर पर घरेलू सामान बनाने वाले कारीगरों को कर्जा देने के लिए 17 सितंबर 2024 को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की थी. सरकार की इस योजना का मकसद पारंपरिक कारीगर और शिल्पकारों सुनार, लोहार, कुम्हार, नाई, बढ़ई, नाई, नाव बनाने वाले, ताला बनाने वाले, मछली का जाल बनाने वाले, खिलौना बनाने वाले, राज मिस्त्री, मूर्तिकार और चर्मकार आदि को अपना कारोबार शुरू करने के लिए सस्ती दरों पर कर्जा मुहैया कराना है. इस योजना में सरकार ने 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया है.

ऐसे मिलेगा सरकार से कर्जा

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का पूरा नाम प्रधानमंत्री विश्वकर्मा सम्मान योजना है. इसके तहत अपना कारोबार शुरू करने की चाहत रखने वाला हुनरमंद कारीगर और शिल्पकार सरकार से 3 लाख रुपये का कर्जा लेने के लिए आवेदन कर सकता है. सरकार कारीगरों और शिल्पकारों को दो बार में कर्जा का पैसा देती है. कर्जा की मंजूरी मिलने के बाद कारोबार शुरू करने के लिए पहले 1 लाख रुपये दिए जाते हैं. फिर उस कारोबार को बढ़ाने के लिए सरकार 2 लाख रुपया और देती है. इस कर्जा के बदले में सरकार खाली 5% ब्याज लेती है. 18 साल से 50 साल के बीच की उम्र का कोई भी कारीगर और शिल्पकार सरकार से कर्जा ले सकता है.

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कारीगरों और शिल्पकारों को ट्रेनिंग भी देती है सरकार

मान लीजिए कि कोई कारीगर या शिल्पकार अपने हुनर को निखारने के लिए ट्रेनिंग लेना चाहता है, तो सरकार उसका भी इंतजाम करती है. सबसे बड़ी बात यह है कि कारीगर या शिल्पकार जब तक ट्रेनिंग लेंगे, तब तक सरकार उनको रोजाना 500 रुपये का स्टाइपेंड भी देती है. ट्रेनिंग पूरा होने के बाद सरकार प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का प्रमाणपत्र, पहचान कार्ड, 15,000 रुपये का टूलकिट और डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है.

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कर्जा के लिए ऐसे करें आवेदन

  • प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कर्जा लेने के लिए आपको इसकी आधिकारिक वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in पर विजिट करना होगा.
  • इसके होमपेज पर PM Vishwakarma Kaushal Samman Yojana दिखेगा.
  • यहां मौजूद Apply Online ऑप्शन लिंक पर क्लिक कर दें.
  • अब यहां पर आपको अपना रजिस्ट्रेशन करने की जरूरत होगी.
  • रजिस्ट्रेशन नंबर और पासवर्ड आपके मोबाइल पर SMS से भेजा जाएगा.
  • इसके बाद रजिस्ट्रेशन फॉर्म को अच्छी तरह से पढ़कर पूरा भरें.
  • भरे गए फॉर्म के साथ मांगे गए सभी दस्तावेजों को स्कैन कर अपलोड करें.
  • अब फॉर्म में दर्ज जानकारियों को एक बार फिर जांचकर इसे सब्मिट कर दें.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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