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Harshad Mehta के फेवरेट स्टॉक ने लाखों को बनाया करोड़पति, आज क्या है स्थिति

Harshad Mehta Stock: साल 1990 के दशक में शेयर बाजार में हर्षद मेहता तूती बोलती थी. उन्होंने जिस शेयर में हाथ लगाया, उसके निवेशक करोड़पति हो गए. ये बहुत कम लोग ही जानते हैं कि हर्षद मेहता का फेवरिट शेयर कौन है और आज उसकी स्थिति क्या है.

Harshad Mehta Stock: शेयर बाजार में निवेश करने वाला शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा, जो हर्षद मेहता को नहीं जानता होगा. हर्षद मेहता उस व्यक्ति का नाम है, जिसे शेयर बाजार की अच्छी समझ थी और कम समय में ही बहुत बड़ा नाम बन गया. थोड़े ही समय में उसने काफी पैसा कमाया, लेकिन कमाई करने का तरीका गैर-कानूनी था. इस व्यक्ति के पास शेयरों की इतनी अधिक समझ थी कि वह बाजार को बहुत ही आसानी से मैनिपुलेट कर लेता था. शेयर बाजार के सबसे बड़े मैनिपुलेटर हर्षद मेहता का भी फेवरेट शेयर था, जिसने लाखों निवेशकों को करोड़पति बना दिया. उस शेयर का नाम एसीसी है. इसी फेवरिट स्टॉक की बदौलत हर्षद में महज तीन महीने में ही बुलंदियों पर पहुंच गया था. आज इस स्टॉक की क्या स्थिति है, आइए जानते हैं.

1936 में स्थापित हुई थी एसीसी

सीमेंट इंडस्ट्री की बड़ी कंपनी एसीसी (एसोसिएट सीमेंट कंपनी) की स्थापना 1936 में की गई थी, जिसका मुख्याल मुंबई है. टाटा, खटाऊ, किलिक निक्सन और एफई दिनशॉ जैसी 11 सीमेंट कंपनियों का आपस में विलय करके एसीसी की स्थापना की गई है. सर नौरोजी बी सकलतवाला एसीसी के पहले अध्यक्ष थे. पहले निदेशक मंडल में जेआरडी टाटा, अंबालाल साराभाई, वालचंद हीराचंद, धर्मसे खटाऊ, सर अकबर हैदरी, नवाब सालार जंग बहादुर और सर होमी मोदी शामिल थे.

अब अदाणी ग्रुप का हिस्सा है हर्षद मेहता का फेवरेट एसीसी

अंबुजा सीमेंट्स एसीसी की सहायक कंपनी है. फिलहाल, यह कंपनी अब अदाणी ग्रुप का एक हिस्सा है और 1 सितंबर 2006 को एसोसिएटेड सीमेंट कंपनी लिमिटेड का नाम बदलकर एसीसी लिमिटेड कर दिया गया.

हर्षद मेहता और एसीसी की है दिलचस्प कहानी

1990 के दशक में शेयर बाजार के सबसे बड़े मैनिपुलेटर हर्षद मेहता और एसीसी की कहानी काफी दिलचस्प है. हर्षद मेहता ने एसीसी के स्टॉक को अपना फेवरेट बना रखा था और उसने आंख बंद करके इसमें पैसा लगाना शुरू कर दिया. जब हर्षद मेहता ने इसमें निवेश करना शुरू किया, तब एसीसी स्टॉक की कीमत सिर्फ 200 रुपये ही थी. महज तीन महीने के अंतराल में यह शेयर शेयर 9000 रुपये पहुंच गया. मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, हर्षद मेहता खुद एसीसी के स्टॉक को अंडरवैल्युड कहता था. इसीलिए उसके स्टॉक में खुदरा निवेशकों ने जमकर निवेश किया.

आज हर्षद मेहता के फेवरेट स्टॉक की क्या है स्थिति

आज जब हर्षद मेहता के फेवरेट स्टॉक एसीसी पर नजर डालते हैं, तो 27 जून 2024 के कारोबार में एसीसी के स्टॉक में बढ़त देखी जा रही है. शुरुआती कारोबार में हर्षद मेहता का फेवरेट स्टॉक 2,571.05 रुपये प्रति शेयर पर खुला और दोपहर 12 बजे से पहले तक यह 2,671.85 रुपये प्रति शेयर के हाई पर पहुंचा. फिलहाल, 2,635.85 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा है.

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क्या है हर्षद मेहता घोटाला

शेयर बाजार का मैनिपुलेटर मोटी कमाई करने के लिए मार्केट पर बारीक नजर रखी. शेयरों की चाल को समझा और बैंकिग सिस्टम की कमियों का फायदा उठाया. बैंकिंग सिस्टम की कमियों का फायदा उठाने के लिए उसने बाजारी समझ का इस्तेमाल किया. उसने बैंकों से कर्ज लिया और बाजार में झोंक दिया. सबसे खास यह कि वह किसी भी बैंक से सिर्फ 15 दिन के लिए कर्ज लेता था. फिर बैंक की ब्याज दर से भी अधिक मुनाफा कमाने के बाद वह सूद समेत पैसा लौटा भी देता था. बैंकों के साथ गठजोड़ की बात सामने आते ही बाजार में जोरदार गिरावट आई और फिर उस पर 72 आपराधिक मामले दर्ज किए गए. सेबी को जांच की जिम्मेदारी दी गई. तब पता चला कि हर्षद मेहता ने 4000 करोड़ रुपये का घोटाला कर दिया है.

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Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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