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Adani Group: थमेगा हिंडनबर्ग का कहर? रेटिंग एजेंसी मूडीज और फिच ने दी गुड न्यूज

Adani Hindenburg Row: प्रमुख रेटिंग एजेंसियां फिच और मूडीज ने कहा कि अदाणी समूह की कंपनियों को भारतीय बैंकों की तरफ से दिया गया कर्ज इतना अधिक नहीं है कि उनकी ऋण गुणवत्ता पर किसी तरह का जोखिम पैदा हो.

Adani Hindenburg Row: सियासी गहमागहमी के बीच अदाणी ग्रुप को लेकर एक अच्छी खबर सामने आई है. दुनिया की प्रमुख रेटिंग एजेंसियां फिच और मूडीज ने मंगलवार को कहा कि अदाणी समूह की कंपनियों को भारतीय बैंकों की तरफ से दिया गया कर्ज इतना अधिक नहीं है कि उनकी ऋण गुणवत्ता पर किसी तरह का जोखिम पैदा हो.

अदाणी समूह के शेयरों में आई तगड़ी गिरावट

इसके साथ ही दोनों प्रमुख रेटिंग एजेंसी ने कहा कि जरूरत पड़ने पर बैंकों को असाधारण सरकारी समर्थन मिलने की उम्मीद को ध्यान में रखते हुए बैंक रेटिंग निर्धारित की जाती हैं. अमेरिकी निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की प्रतिकूल रिपोर्ट आने के बाद से अदाणी समूह के शेयरों में तगड़ी गिरावट आई है. इसकी वजह से भारतीय बैंकों के समूह को दिए गए कर्ज को लेकर भी आशंका जताई जाने लगी है.

अदाणी समूह को भारत के बैंकों का कर्ज अधिक नहीं

फिच रेटिंग्स ने इस संदर्भ में अपनी एक टिप्पणी में कहा है कि अदाणी समूह को भारत के बैंकों का कर्ज अपने-आप में इतना अधिक नहीं है कि बैंकों के ऋण प्रोफाइल को किसी तरह का ठोस जोखिम पैदा हो सके. उसने कहा कि बैंकों की रेटिंग इस उम्मीद पर आधारित होती है कि उन्हें कर्ज फंसने की स्थिति में जरूरत पड़ने पर असाधारण सरकारी समर्थन मिल जाएगा. फिच ने कहा है कि अगर अदाणी समूह के बड़े हिस्से के दबाव में आने की काल्पनिक स्थिति में भी भारतीय बैंकों का कर्ज जोखिम प्रबंधन-योग्य होगा और इन बैंकों की व्यवहार्यता रेटिंग पर भी उसका कोई प्रतिकूल परिणाम नहीं होगा. हालांकि, फिच ने कहा कि अदाणी समूह से संबंधित कुछ ऐसे गैर-पोषित कर्ज हो सकते हैं जिनकी जानकारी नहीं दी गई हो. लेकिन, रेटिंग एजेंसी को ऐसी होल्डिंग के वितरित कर्ज की तुलना में कम ही रहने की उम्मीद है. इसी के साथ फिच ने ऐसे जोखिम को लेकर आगाह भी किया है कि इस विवाद का असर व्यापक हो जाए और भारत की साख पर असर डाले.

मूडीज ने कही ये बात

वहीं, एक अन्य क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर सर्विस ने कहा कि अदाणी समूह को कर्ज देने के मामले में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक निजी बैंकों से कहीं आगे हैं, लेकिन ज्यादातर बैंकों के कुल ऋण वितरण में अदाणी समूह की हिस्सेदारी एक प्रतिशत से भी कम है. हालांकि, मूडीज ने कहा है कि भारतीय बैंकों के कर्ज को लेकर भले ही जोखिम कम है, लेकिन मौजूदा घटनाक्रम की वजह से अदाणी समूह को अंतरराष्ट्रीय बाजार से मिलने वाले वित्त में गिरावट आ सकती है. अदाणी समूह ने कहा है कि उसके कर्ज का बड़ा हिस्सा विदेश से आया है. इस संदर्भ में मूडीज ने कहा कि बैंकों का जोखिम बढ़ सकता है अगर अदाणी समूह बैंकों से लिए गए कर्ज पर अधिक निर्भर हो जाता है. रेटिंग एजेंसी को उम्मीद है कि भारतीय बैंकों के कंपनियों को दिए गए कर्ज की गुणवत्ता कुल मिलाकर स्थिर बनी रहेगी. (भाषा इनपुट के साथ)

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Samir Kumar
Samir Kumar
More than 15 years of professional experience in the field of media industry after M.A. in Journalism From MCRPV Noida in 2005

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