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ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर और उनके पति को बंबई HC से मिली जमानत, SC का रुख कर सकती है सीबीआई

ICICI Bank Videocon Loan Fraud Case: बंबई हाईकोर्ट ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी रिहाई का आदेश दिया है.

ICICI Bank Videocon Loan Fraud Case: बंबई हाईकोर्ट ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को जमानत दे दी है. कोर्ट ने गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए उनकी रिहाई का आदेश दिया है. साथ ही बंबई हाईकोर्ट ने कहा है कि यह गिरफ्तारी कानून के मुताबिक नहीं हुई थी. जानकारी के मुताबिक, सीबीआई ने दोनों को रिहा करने का विरोध किया है. बताया जा रहा है कि सीबीआई इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकती है.

सीबीआई ने पति-पत्नी को हिरासत में ले लिया गया था

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति पीके चव्हाण की एक खंडपीठ ने कहा कि कोचर दंपति गिरफ्तारी सीआरपीसी की धारा 41ए का उल्लंघन है, जिसके तहत संबंधित पुलिस अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए नोटिस भेजना अनिवार्य है. सीबीआई ने वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई 2022 लोन धोखाधड़ी मामले में कोचर दंपति को 23 दिसंबर, 2022 को गिरफ्तार किया था. वे अभी न्यायिक हिरासत में हैं. केंद्रीय जांच एजेंसी का आरोप था कि वे जवाब देने में टालमटोल कर रहे थे और जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे. जिसके बाद पति-पत्नी को हिरासत में ले लिया गया था. कोचर दंपति के अलावा सीबीआई ने वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को भी मामले में गिरफ्तार किया है और वह भी न्यायिक हिरासत में हैं.

कोचर दंपति को पासपोर्ट सीबीआई के पास जमा कराने का निर्देश

अदालत ने कहा कि तथ्यों के अनुसार, कोचर दंपति की गिरफ्तारी कानून के प्रावधानों के तहत नहीं की गई. धारा 41 (ए) का पालन नहीं किया गया और इसलिए वे रिहाई के हकदार हैं. अदालत ने कहा, गिरफ्तारी कानूनी के प्रावधानों के तहत नहीं की गई. खंडपीठ ने कोचर दंपति को एक-एक लाख रुपये की जमानत राशि जमा कराने का निर्देश दिया. दंपति के वकील ने बाद में कहा कि वे रिहाई के लिए सीबीआई की अदालत में आगे की प्रक्रिया शुरू करेंगे. अदालत ने कहा कि दोनों को जांच में सहयोग करना चाहिए और जब भी तलब किया जाए, दोनों सीबीआई कार्यालय में पेश हों. कोचर दंपति को अपने पासपोर्ट सीबीआई के पास जमा कराने का निर्देश भी दिया गया. यह आदेश चंदा कोचर और उनके पति द्वारा, बैंक ऋण मामले में सीबीआई द्वारा उन्हें गिरफ्तार किए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के दौरान दिया गया. दोनों ने अपनी याचिकाओं में कहा था कि सीबीआई की गिरफ्तारी मनमानी व अवैध है.

कोचर के वकील ने कोर्ट में दी ये दलील

चंदा कोचर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने दलील दी कि सीआरपीएस की धारा 46 (ए) का पालन किए बिना गिरफ्तारी की गई, क्योंकि चंदा कोचर की गिरफ्तारी के समय वहां कोई महिला पुलिस अधिकारी नहीं थी. धारा 46 (ए) के तहत किसी भी महिला को न्यायिक मजिस्ट्रेट की पूर्व अनुमति के बिना सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. देसाई ने कहा कि चंदा कोचर की गिरफ्तारी के संबंध में पेश किए गए दस्तावेज में किसी पुलिस महिला अधिकारी का नाम नहीं है. उन्होंने कहा कि चंदा कोचर ने हमेशा जांच में सहयोग किया है और एजेंसी ने जब भी पूछताछ के लिए उन्हें तलब किया गया वह पेश हुईं. देसाई ने अदालत को बताया कि 2019 में जब प्राथमिकी दर्ज की गई थी, तब चंदा कोचर ने अपना बयान दर्ज करवाया था. हालांकि, उस पर उन्हें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.

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Samir Kumar
Samir Kumar
More than 15 years of professional experience in the field of media industry after M.A. in Journalism From MCRPV Noida in 2005

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