22.4 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Export: भारत की रोटी खाएगा पूरा नेपाल, 2 लाख टन गेहूं का होगा निर्यात

Export: भारत सरकार ने निर्यात नीति में लचीलापन दिखाते हुए नेपाल में गेहूं के निर्यात अनुमति दी. इस निर्यात के लिए नेपाल को प्राथमिकता दी गई, जिससे पड़ोसी देश की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके.

Export: केंद्र सरकार ने नेपाल को 2 लाख टन गेहूं निर्यात करने की अनुमति दी है. सरकार की ओर से यह फैसला दोनों देशों के बीच खाद्य सुरक्षा और आपसी सहयोग को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. इस निर्णय से नेपाल में गेहूं की आपूर्ति बढ़ेगी और वहां की खाद्य वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने अधिसूचना में कहा कि निर्यात की अनुमति राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (एनसीईएल) के माध्यम से दी गई है.

नेपाल में बढ़ी गेहूं की मांग

नेपाल में हाल के महीनों में गेहूं की मांग बढ़ी है, जबकि वहां का उत्पादन घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है. भारत और नेपाल के बीच वर्षों से मजबूत व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंध हैं. यह कदम दोनों देशों के बीच आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों को और सुदृढ़ करेगा. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण वैश्विक स्तर पर गेहूं की आपूर्ति में कमी आई है, जिसका नेपाल देशों पर सीधा असर पड़ रहा है.

निर्यात के लिए पड़ोसी देश को प्राथमिकता

भारत सरकार ने निर्यात नीति में लचीलापन दिखाते हुए यह अनुमति दी. इस निर्यात के लिए नेपाल को प्राथमिकता दी गई, जिससे पड़ोसी देश की खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके. भारत से नेपाल 2 लाख टन गेहूं की खेप चरणबद्ध तरीके से भेजी जाएगी. इसके साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नेपाल को गेहूं उचित दरों पर उपलब्ध हो.

इसे भी पढ़ें: टमाटर ने पहले आम आदमी को रुलाया, अब किसानों का बिगाड़ रहा हाल

भारत के सहयोग से नेपाल में महंगाई घटेगी

भारत की ओर से किए जाने वाले निर्यात से नेपाल में गेहूं की कमी को पूरा किया जा सकेगा और वहां के बाजारों में स्थिरता आएगी. भारत-नेपाल संबंधों में मजबूती आएगी और दोनों देशों के बीच भरोसा बढ़ेगा. गेहूं के निर्यात से भारतीय किसानों को भी अतिरिक्त आय प्राप्त होगी. कृषि मंत्रालय ने कहा, “यह कदम भारत की पड़ोसी पहले नीति का हिस्सा है. हम अपने पड़ोसी देशों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.”

इसे भी पढ़ें: SIP: एचडीएफसी के इस फंड को आधा भारत नहीं जानता, वर्ना 1000 देकर बन जाता 2 करोड़ का मालिक

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel