24.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

महंगाई का भेदभाव: बिहार के लोगों को जमकर लूटा, तेलंगाना पर बरसाया प्यार

Inflation: इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर का अनुमान है कि सितंबर में महंगाई एक बार फिर अपने चरम पर होगी. चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में इसके 4.4% से 4.7% के बीच रहने का अनुमान है. जिंस की कीमतों में हाल की नरमी के बावजूद वित्त वर्ष की बची हुई अवधि के दौरान मुख्य सीपीआई मुद्रास्फीति बढ़ेगी.

Inflation: महंगाई भी अजब हो गई है. भेदभाव करने में कतई कोताही नहीं बरतती. एक ही देश के दो राज्य बिहार और तेलंगाना हैं. अब अगस्त महीने के दौरान महंगाई ने भेदभाव बरतते हुए बिहार के लोगों को जमकर लूटा, जबकि तेलंगाना के लोगों पर प्यार लुटाया. यह हम नहीं कर रहे हैं, बल्कि राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े बता रहे हैं. एनएसओ ने बुधवार को अगस्त महीने के दौरान खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी किए हैं, जिसमें इस प्रकार के लोमहर्षक तथ्य निकलकर सामने आए हैं.

बिहार में 6.62% बढ़ी महंगाई, तेलंगाना में 2.02%

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों में कहा गया है कि अगस्त 2024 महीने के दौरान बिहार में महंगाई सबसे अधिक 6.62% रही, जबकि तेलंगाना में यह सबसे कम 2.02% हो गई. आंकड़ों में यह भी बताया गया है कि शहरी क्षेत्रों में खुदरा मुद्रास्फीति 3.14% रही, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह 4.16% थी. एनएसओ के आंकड़ों में कहा गया है कि अगस्त महीने के दौरान सब्जियों की महंगाई 10.71% और दलहन और इसके बने उत्पादों की महंगाई बढ़कर 13.6% हो गई. एनएसओ सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को शामिल करते हुए चयनित 1,114 शहरी बाजारों और 1,181 गांवों से मूल्य आंकड़े एकत्र करता है.

राष्ट्रीय स्तर पर महंगाई में आई गिरावट

वहीं, राष्ट्रीय स्तर पर खुदरा महंगाई अगस्त महीने में मामूली बढ़कर 3.65% पर रही है. हालांकि, इस दौरान सब्जियों और दाल की महंगाई दहाई अंक में रही. यह लगातार दूसरा महीना है, जब उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई दर का यह आंकड़ा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 4% के संतोषजनक स्तर के दायरे में है. यह जुलाई में 5 साल के निचले स्तर 3.6% पर थी, जबकि अगस्त, 2023 में यह 6.83% थी.

5 साल में महंगाई का दूसरा सबसे निचला स्तर

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने कहा कि सालाना आधार पर अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक अगस्त में 3.65% रहा. यह पिछले 5 साल में महंगाई का दूसरा सबसे निचला स्तर है. मसालों के मामले में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई दर में 4.4% की कमी आई, जबकि तेल और वसा की महंगाई 0.86% कम हुई. खाद्य वस्तुओं की महंगाई अगस्त महीने में मामूली बढ़कर 5.66% रही जो जुलाई में 5.42% थी. अगस्त महीने की खाद्य पदार्थों की महंगाई का आंकड़ा जून, 2023 के बाद दूसरा सबसे निचला स्तर है.

टमाटर हुआ सस्ता

एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, वस्तुओं के स्तर पर टमाटर की महंगाई सालाना आधार पर 47.91% घटी. वहीं मासिक आधार पर इसमें 28.8% की कमी आई है. फ्यूल और ऊर्जा के क्षेत्र में भी मुद्रास्फीति में 5.31% की कमी आई है. सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा महंगाई 2% घट-बढ़ के साथ 4% पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है. महंगाई दर सितंबर, 2023 से 6% के नीचे बनी हुई है.

इसे भी पढ़ें: एक थे सीताराम येचुरी : आईसीएसई के गोल्ड मेडलिस्ट का छात्र कार्यकर्ता से माकपा महासचिव तक का सफर

सितंबर से फिर बढ़ेगी महंगाई

महंगाई के बारे में इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर का कहना है कि तुलनात्मक आधार सामान्य होने के साथ हमारा अनुमान है कि सितंबर में यह तेजी से बढ़कर करीब 4.8% हो सकती है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में इसके 4.4% से 4.7% के बीच रहने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि हालांकि, मुख्य (कोर)-सीपीआई मुद्रास्फीति थोड़ी कम होकर अगस्त, 2024 में 3.5% हो गई, जो जुलाई, 2024 में 3.6% थी. लेकिन, इसमें अनियमित रूप से गिरावट होने की संभावना है. हमारा अनुमान कि जिंस की कीमतों में हाल की नरमी के बावजूद वित्त वर्ष की बची हुई अवधि के दौरान मुख्य सीपीआई मुद्रास्फीति बढ़ेगी. इसका कारण सेवाओं की मांग के साथ-साथ कपास की बुवाई में सालाना आधार पर गिरावट है.

इसे भी पढ़ें: Bihar Weather: बिहार में बारिश की संभावना फिर से बनी, जानिए कब बदलेगा मौसम का मिजाज…

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel