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बजट में क्या सस्ता और क्या महंगा? जानें खास बातें

वित्त मंत्री सीतारमण के लगभग 1 घंटे के बजट अभिभाषण के बाद अगर आप भी यह ढूंढ़ रहे हैं कि इस बार के बजट के बाद क्या सस्ता हुआ और क्या महंगा? तो हम बताते हैं आपके काम की बात-

Budget 2024, Kya hua sasta or Kya hua Mehnga, FM Nirmala Sitharaman News: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज देश के सामने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट पेश किया. चुनावी साल होने की वजह से यह एक अंतरिम बजट था. इसके बावजूद लोगों को इस बजट से कई सारी उम्मीदें थीं.

किसी भी बजट के बाद आमतौर पर लोग जिस चीज की सबसे ज्यादा तलाश करते हैं, वह है कि क्या सस्ता हुआ और क्या महंगा? वित्त मंत्री सीतारमण के लगभग 1 घंटे के बजट अभिभाषण के बाद अगर आप भी यह ढूंढ़ रहे हैं कि इस बार के बजट के बाद क्या सस्ता हुआ और क्या महंगा? तो हम बताते हैं आपके काम की बात-

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बजट में कुछ भी महंगा या सस्ता नहीं हुआ

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में अंतरिम बजट पेश किया. इस बार बजट में कुछ भी सस्ता या महंगा नहीं हुआ है. ऐसा इसलिए क्योंकि 2017 में लागू किये गए GST के बाद से बजट में केवल कस्टम ड्यूटी, एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाया या घटाया जाता है, जिसका असर गिनी-चुनी चीजों पर ही पड़ता है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस अंतरिम बजट में किसान, महिलाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर सहित कई सारे सेक्टर्स के लिए कई सारे ऐलान किये हैं. हालांकि, इसके बावजूद अंतरिम बजट के बाद कुछ भी महंगा या सस्ता नहीं होगा. जी हां, इस बजट में ऐसे कोई भी ऐलान नहीं हुए हैं, जिसके कारण देश में कुछ महंगा या सस्ता होगा.

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वित्त वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट से जुड़ी मुख्य बातें

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट बृहस्पतिवार को पेश किया. इसकी मुख्य बातें निम्नलिखित हैं-

बुनियादी ढांचा के विकास के लिए पूंजीगत व्‍यय 11.1 प्रतिशत बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये किया गया. यह सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) का 3.4 प्रतिशत होगा.

प्रत्‍यक्ष तथा अप्रत्यक्ष करों की मौजूदा दरों को बरकरार रखा गया. पिछले 10 साल के दौरान प्रत्‍यक्ष कर संग्रह तिगुना, रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्‍या 2.4 गुना बढ़ी.

वित्त वर्ष 2009-10 तक की अवधि से जुड़ी 25 हजार रुपये तक की बकाया प्रत्‍यक्ष कर मांग को वापस लिया जाएगा. वित्‍त वर्ष 2010-11 से 2014-15 तक की 10 हजार रुपये तक की बकाया प्रत्‍यक्ष कर मांग को वापस लिया जाएगा.

सरकारी संपत्ति कोष अथवा पेंशन कोष द्वारा किये गए निवेश, स्‍टार्टअप के लिए कर लाभ 31.03.2025 तक बढ़ाया गया.

आईएफएससी इकाईयों की कुछ आय पर कर रियायत को एक साल बढ़ाकर 31.03.2024 से 31.03.2025 किया गया.

खुदरा व्‍यवसायों के अनुमानित कराधान के लिए कारोबार सीमा को दो करोड़ से बढ़ाकर तीन करोड़ रुपये किया गया.

पेशेवरों के लिए अनुमानित कराधान सीमा को 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये किया गया.

वर्तमान घरेलू कंपनियों के लिए कॉरपोरेट आयकर दर 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत की गई.

विनिर्माण क्षेत्र की नई कंपनियों के लिए कॉरपोरेट आयकर कर दर 15 प्रतिशत की गई.

वित्त वर्ष 2024-25 में उधारी के अलावा कुल प्राप्तियां तथा कुल व्‍यय क्रमश: 30.80 लाख करोड़ रुपये और 47.66 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान. कर प्राप्तियां 26.02 लाख करोड़ रुपये रहने की संभावना.

वित्त वर्ष 2024-25 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान.

वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान दिनांकित प्रतिभूतियों के जरिए सकल तथा शुद्ध बाजार उधारी क्रमश: 14.13 लाख करोड़ रुपये और 11.75 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान.

50 वर्षीय ब्‍याज मुक्‍त ऋण के साथ एक लाख करोड़ रुपये का कोष स्‍थापित किया जाएगा. कोष से दीर्घकालिक वित्‍त पोषण या पुनर्वित्‍तपोषण कम या शून्‍य ब्‍याज दरों पर उपलब्‍ध कराये जाएंगे.

पीएम-आवास योजना (ग्रामीण) के तहत अगल पांच वर्षों में दो करोड़ अतिरिक्‍त मकानों का लक्ष्‍य लिया जाएगा.

छत पर सौर प्रणाली लगाने से एक करोड़ परिवार हर महीने 300 यूनिट तक निशुल्‍क बिजली प्राप्‍त करेंगे.

आयुष्‍मान भारत योजना के तहत स्‍वास्‍थ्‍य सेवा सुरक्षा में सभी आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को भी शामिल किया जाएगा.

पीएम गतिशक्ति के तहत तीन प्रमुख आर्थिक रेल गलियारा कार्यक्रमों की पहचान की गई है.

40,000 सामान्‍य रेल डिब्‍बों को ‘वंदे भारत’ मानकों के अनुरूप बदला जाएगा.

वर्ष 2030 तक 100 मीट्रिक टन की कोयला गैसीकरण और तरलीकरण क्षमता स्‍थापित की जाएगी.

राज्‍य सरकारों द्वारा विभिन्‍न पड़ावों से जुड़े सुधार के लिए 50 वर्ष के ब्‍याज मुक्‍त ऋण के रूप में 75,000 करोड़ रुपये के प्रावधान का प्रस्‍ताव.

राज्‍यों के पूंजीगत व्‍यय के लिए 50 वर्षीय ब्‍याज मुक्‍त ऋण योजना कुल 1.3 लाख करोड़ रुपये के परिव्‍यय के साथ इस वर्ष भी जारी रखी जाएगी. (भाषा इनपुट के साथ)

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Rajeev Kumar
Rajeev Kumar
राजीव, 14 वर्षों से मल्टीमीडिया जर्नलिज्म में एक्टिव हैं. टेक्नोलॉजी में खास इंटरेस्ट है. इन्होंने एआई, एमएल, आईओटी, टेलीकॉम, गैजेट्स, सहित तकनीक की बदलती दुनिया को नजदीक से देखा, समझा और यूजर्स के लिए उसे आसान भाषा में पेश किया है. वर्तमान में ये टेक-मैटर्स पर रिपोर्ट, रिव्यू, एनालिसिस और एक्सप्लेनर लिखते हैं. ये किसी भी विषय की गहराई में जाकर उसकी परतें उधेड़ने का हुनर रखते हैं. इनकी कलम का संतुलन, कंटेंट को एसईओ फ्रेंडली बनाता और पाठकों के दिलों में उतारता है. जुड़िए [email protected] पर

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