25.6 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

‘चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत के जीडीपी में 6.1 फीसदी तक आ सकती है गिरावट’

जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने मंगलवार को कहा कि भारत में आर्थिक गतिविधियां अभी भी कमजोर बनी हुई है और देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में चालू वित्त वर्ष में 6.1 फीसदी तक की गिरावट आने की आशंका है. नोमुरा ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि रिजर्व बैंक अगस्त में होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को यथावत रख सकता है, लेकिन अक्टूबर और दिसंबर में इसमें 0.25-0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है. सभी विश्लेषकों का मानना है कि कोविड-19 महामारी के कारण जीडीपी में गिरावट आएगी, क्योंकि इस संकट से मार्च से ही अर्थव्यवस्था में आपूर्ति और मांग दोनों प्रभावित हुई हैं.

मुंबई : जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने मंगलवार को कहा कि भारत में आर्थिक गतिविधियां अभी भी कमजोर बनी हुई है और देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में चालू वित्त वर्ष में 6.1 फीसदी तक की गिरावट आने की आशंका है. नोमुरा ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि रिजर्व बैंक अगस्त में होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर को यथावत रख सकता है, लेकिन अक्टूबर और दिसंबर में इसमें 0.25-0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है. सभी विश्लेषकों का मानना है कि कोविड-19 महामारी के कारण जीडीपी में गिरावट आएगी, क्योंकि इस संकट से मार्च से ही अर्थव्यवस्था में आपूर्ति और मांग दोनों प्रभावित हुई हैं.

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मुद्रास्फीति बढ़ी है, जिससे वास्तविक आधार पर जीडीपी में गिरावट दर्ज की जाएगी. नोमुरा ने कहा कि वृद्धि के नजरिये से जून तिमाही में का आंकड़ा सबसे निम्न स्तर पर होगा और अर्थव्यवस्था में 15.2 फीसदी की गिरावट आएगी. साथ ही, जीडीपी चालू वित्त वर्ष की बची हुई अवधि में कभी भी सकारात्मक दायरे में नहीं आएगी.

ब्रोकरेज कंपनी के अनुसार, सितंबर तिमाही में इसमें 5.6 फीसदी, दिसंबर तिमाही में 2.8 फीसदी और मार्च तिमाही में 1.4 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान है. इससे पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी पिछले वित्त वर्ष से 6.1 फीसदी कम रहेगा. रिपोर्ट के अनुसार, सकल आपूर्ति के मुकाबले सकल मांग कमजोर बनी रहेगी. इसका कारण खासकर सेवा क्षेत्र की कमजोर गतिविधियां और शहरी खपत मांग में कमी है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘लॉकडाउन’ के कारण मांग पर व्यापक प्रभाव पड़ा है. संकट और आमदनी की अनश्चितता को देखते हुए लोग एहतियातन बचत पर जोर दे रहे हैं. वहीं, आपूर्ति उतनी ही बाधित हुई है, जितने समय तक ‘लॉकडाउन’ के रूप में पाबंदियां लगायी गयीं. नोमुरा ने कहा कि रोजगार और बिजली मांग समेत उच्च आवृत्ति वाले आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर जीडीपी का अनुमान लगाया गया है.

Also Read: कोरोना काल में आर्थिक सुस्ती से उबार सकता है ग्रामीण भारत, एग्रीकल्चर जीडीपी ग्रोथ ने तोड़ा पिछले पांच साल का रिकॉर्ड

Posted By : Vishwat Sen

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel