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McDonald’s के अमेरिकी दफ्तर पर अस्थायी तौर पर लगा ताला, छंटनी के बन रहे आसार

मैकडोनाल्ड्स ने अपने कर्मचारियों को वेंडर्स के साथ किसी प्रकार की बैठक नहीं करने का भी निर्देश दिया है. कंपनी ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि तीन अप्रैल से शुरू हो रहे कारोबारी सप्ताह में हम कंपनी स्तर पर भूमिकाओं और कर्मचारियों को को लेकर लिए गए अहम फैसलों की जानकारी देंगे.

नई दिल्ली : वैश्विक आर्थिक मंदी और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच ग्लोबल फास्टफूड चेन मैकडोनाल्ड्स ने अपने अमेरिकी दफ्तर को फिलहाल अस्थायी तौर पर बंद करने का फैसला किया है. इसके साथ ही, कंपनी ने अपने कर्मचारियों को सूचना दी है कि आने वाले दिनों में कर्मचारियों की संख्या में कटौती की जा सकती है. शिकागो आधारित कंपनी मैकडोनाल्ड ने पिछले सप्ताह अपने अमेरिकी कर्मचारियों और अंतरराष्ट्रीय कर्मचारियों को बुधवार तक दूर-दराज के इलाकों में काम करने का निर्देश दिया था. कंपनी की ओर से कर्मचारियों को दूरस्थ इलाके में इसलिए काम करने के लिए कहा गया है, ताकि उसे कर्मचारियों से जुड़े फैसलों की वर्चुअल तरीके से जानकारी उपलब्ध कराई जा सके.

वेंडर्स के साथ बैठक नहीं करने का निर्देश

मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, मैकडोनाल्ड्स ने अपने कर्मचारियों को वेंडर्स के साथ किसी प्रकार की बैठक नहीं करने का भी निर्देश दिया है. कंपनी ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि तीन अप्रैल से शुरू हो रहे कारोबारी सप्ताह में हम कंपनी स्तर पर भूमिकाओं और कर्मचारियों को को लेकर लिए गए अहम फैसलों की जानकारी देंगे.

दुनिया भर में मैकडोनाल्ड्स के 1.5 लाख कर्मचारी

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पूरी दुनिया में विभिन्न कॉरपोरेट भूमिकाओं में मैकडोनाल्ड्स में तकरीबन 1.5 लाख से अधिक कर्मचारी काम करते हैं. कंपनी के 70 फीसदी रेस्टोरेंट अमेरिका से बाहर हैं. जनवरी में मैकडोनाल्ड्स ने इस बात का ऐलान किया था वह बर्गर चेन के लिए अपनी समग्र रणनीतिक योजना के तहत अप्रैल तक अपने कर्मचारियों की संख्या को लेकर कठिन बदलावों को लागू कर सकती है.

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कॉस्ट कटिंग के लिए छंटनी करेगी कंपनी

मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मैकडोनाल्ड्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) क्रिस क्रिस केम्पजिंस्की ने जनवरी में दिए गए एक साक्षात्कार में कहा था कि वह कर्मचारियों की संख्या में कटौती के जरिए कंपनी की लागत को बचाना चाहते हैं. हालांकि, उन्होंने उस समय यह नहीं बताया था कि वह कर्मचारियों की छंटनी के जरिए कितनी रकम बचाना चाहते हैं या कितने कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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