Ram Krishna Dalmia: राम कृष्ण डालमिया का जीवन इस बात का प्रमाण है कि सफलता के लिए उच्च शिक्षा आवश्यक नहीं होती. राजस्थान के चिरावा गाँव में जन्मे डालमिया ने 18 वर्ष की आयु में व्यापार की दुनिया में कदम रखा. उनके पिता ने कोई आर्थिक विरासत नहीं छोड़ी थी, लेकिन उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से एक विशाल औद्योगिक साम्राज्य खड़ा कर दिया. उनका औपचारिक शिक्षा का रिकॉर्ड केवल प्राथमिक शिक्षा तक ही सीमित था, लेकिन व्यापारिक कौशल ने उन्हें देश के शीर्ष उद्योगपतियों में शामिल कर दिया.
व्यवसायिक विस्तार और सफलता
राम कृष्ण डालमिया ने अनेक क्षेत्रों में अपना प्रभाव छोड़ा. उन्होंने चीनी फैक्ट्री, सीमेंट, कागज, बैंक, इंश्योरेंस कंपनी, बिस्कुट उद्योग, एविएशन कंपनी और मीडिया हाउस जैसे व्यवसायों में सफलता हासिल की. उनके कारोबार में अद्वितीय वृद्धि देखने को मिली और वे जिस क्षेत्र में भी गए, वहां सफलता ने उनके कदम चूमे.
गांधी और जिन्ना दोनों से थे घनिष्ठ संबंध
डालमिया न केवल एक सफल व्यवसायी थे, बल्कि उनकी राजनीतिक और सामाजिक पकड़ भी मजबूत थी. महात्मा गांधी और मोहम्मद अली जिन्ना दोनों के साथ उनके मधुर संबंध थे. यह भी कहा जाता है कि जिन्ना के परिवार के साथ भी उनकी नजदीकियाँ थीं. उन्होंने अपने प्रभाव का उपयोग न केवल व्यापार बल्कि सामाजिक गतिविधियों में भी किया.

महिलाओं के प्रति विशेष आकर्षण
डालमिया अपने रसिक मिजाज के लिए भी जाने जाते थे. उन्होंने कुल छह शादियां की, जो उस समय एक असाधारण बात थी. उनकी पहली पत्नी नर्मदा मात्र 12 वर्ष की थीं, लेकिन कुछ वर्षों बाद उनकी मृत्यु हो गई. इसके बाद उनकी माँ ने दुर्गा से उनका विवाह करवा दिया. हालांकि, उनका प्रेम-प्रसंग यहीं नहीं रुका.
एक के बाद एक विवाह और प्रेम प्रसंग
दूसरी शादी के बाद डालमिया को प्रीतम नामक एक पंजाबी युवती से प्रेम हो गया और उन्होंने गुपचुप शादी कर ली. हालांकि, परिवार के विरोध के बावजूद उन्होंने अपनी प्रेम कहानी को अंजाम दिया. इसके बाद उन्होंने सरस्वती और आशा नामक दो और महिलाओं से विवाह किया, जिनमें से आशा बंगाली थीं. उनकी पांचवी पत्नी राजस्थान की उभरती कवियित्री दिनेश नंदिनी थीं.
शादी के लिए दो साल तक किया मनाने का प्रयास
दिनेश नंदिनी से विवाह के लिए डालमिया ने दो साल तक पत्राचार किया और उन्हें मनाने में लगे रहे. अंततः उन्होंने एक शर्त पर शादी के लिए हामी भरी कि इसके बाद वह और विवाह नहीं करेंगे. उनकी यह शादी बनारस में गंगा किनारे स्थित उनके घर में गुप्त रूप से संपन्न हुई. शादी के बाद उन्होंने अपनी पत्नी को लंदन में बसने का सुझाव दिया, लेकिन उन्होंने दिल्ली में ही रहने का निर्णय लिया.
परिवार और समाज का विरोध
छठी शादी के बाद डालमिया के परिवार और समाज में हलचल मच गई. उनके भाई और माँ ने इस पर ऐतराज जताया, लेकिन उन्होंने इन सबकी परवाह नहीं की. उनकी बेटी नीलिमा डालमिया बताती हैं कि उनकी मां को समाज से काफी आलोचनाएं झेलनी पड़ीं, क्योंकि अक्सर ऐसे मामलों में महिलाओं को ही दोषी ठहराया जाता है.
विदेशी महिला के साथ पकड़े गए
डालमिया की रसिक प्रवृत्ति उनके विवाहों तक सीमित नहीं रही. छठी शादी के बाद उन्होंने ‘वन वर्ल्ड मूवमेंट’ की शुरुआत की और कई देशों की यात्रा की. अमेरिका में उनके दिल को एक अंग्रेज महिला भा गई और उनकी पत्नी ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया. यह घटना उनकी निजी जिंदगी की चर्चाओं को और हवा दे गई.
फातिमा जिन्ना से भी थे करीबी रिश्ते
ऐसा भी कहा जाता है कि जिन्ना की बहन फातिमा जिन्ना के साथ भी उनके घनिष्ठ संबंध थे. उनकी बेटी नीलिमा डालमिया बताती हैं कि उनकी मां अक्सर इस बात का जिक्र करती थीं कि उनके पिता फातिमा जिन्ना के साथ काफी समय बिताते थे. हालांकि, इस बारे में कोई ठोस प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन यह निश्चित है कि जिन्ना और उनके परिवार के साथ डालमिया के बेहद करीबी रिश्ते थे.
राम कृष्ण डालमिया का जीवन व्यापारिक सफलता और विवादों से भरा रहा. 1978 में उनका निधन हुआ, लेकिन वे एक ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किए जाते हैं, जिन्होंने बिना औपचारिक शिक्षा के अपनी मेहनत और दूरदर्शिता से उद्योग जगत में अपना नाम अमर कर लिया.
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