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सड़क हादसों पर नितिन गडकरी का बड़ा बयान, GDP को सालाना 3% का नुकसान

Road Accidents in India: सड़क हादसे भारत के लिए एक गंभीर समस्या बन चुके हैं, जिससे हर साल लाखों लोग प्रभावित होते हैं और देश की अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचता है. सरकार सड़क सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नई तकनीकों और कड़े नियमों को लागू कर रही है. सड़क सुरक्षा को लेकर सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाना बेहद जरूरी है, ताकि दुर्घटनाओं की संख्या को कम किया जा सके.

Road Accidents in India: भारत में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या न केवल जनहानि का कारण बन रही है, बल्कि इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान हो रहा है. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में बताया कि भारत में हर साल लगभग 5 लाख सड़क हादसे होते हैं. इससे देश को GDP का 3% नुकसान उठाना पड़ता है.

सड़क हादसों की चौंकाने वाली वास्तविकता

नितिन गडकरी ने ‘सड़क सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप: अमेरिका-भारत साझेदारी’ कार्यक्रम में यह महत्वपूर्ण आंकड़े प्रस्तुत किए. उन्होंने बताया कि देश में हर साल 4,80,000 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें से 1.88 लाख लोग अपनी जान गंवा देते हैं. इनमें 18 से 45 वर्ष की आयु वर्ग के लोग सबसे अधिक प्रभावित होते हैं. चिंताजनक बात यह है कि इनमें से 10,000 मौतें 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की होती हैं.

भारत की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

नितिन गडकरी ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं के कारण देश की GDP का लगभग 3% नुकसान हो रहा है. यह समस्या केवल जनहानि तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत की आर्थिक वृद्धि को भी बाधित कर रही है. सड़क दुर्घटनाओं की वजह से सरकार और नागरिकों को चिकित्सा, बीमा और अन्य खर्चों में भारी नुकसान उठाना पड़ता है.

सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण

नितिन गडकरी ने सड़क हादसों के बढ़ते मामलों के पीछे खराब विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) को एक बड़ा कारण बताया. उन्होंने कहा कि कई बार सड़क डिजाइन में कमियों की वजह से दुर्घटनाएं होती हैं. इसके अलावा, लापरवाह ड्राइविंग, ओवरस्पीडिंग, सड़क पर अनियमित गड्ढे और यातायात नियमों की अनदेखी भी प्रमुख कारण हैं.

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सरकार द्वारा उठाए गए कदम

  • सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने नई योजनाएं लागू की हैं.
  • जो भी व्यक्ति सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद करेगा, उसे 25,000 रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा.
  • अगर कोई व्यक्ति दुर्घटना के बाद अस्पताल में भर्ती होता है, तो सरकार अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का चिकित्सा खर्च वहन करेगी.
  • सात साल तक मुफ्त इलाज की सुविधा भी प्रदान की जा सकती है.

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KumarVishwat Sen
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कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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