24.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Bank News: फ्री समझकर बार-बार ATM इस्तेमाल तो नहीं कर रहे आप? यहां जानिए कैसे पैसा वसूलती है बैंक

Bank News, ATM news, ATM free transaction limit: अगर आप बैंक के ग्राहक हैं और आप एटीएम (ATM) से नकदी की निकासी करते हैं, तब आपको तो यह पता ही होगा कि किसी भी बैंक के एटीएम से डेबिट कार्ड के जरिये नकदी की निकासी करने पर आपको किसी प्रकार के शुल्क का भुगतान नहीं करना पड़ता है.

Bank news in hindi: अगर आप बैंक के ग्राहक हैं और आप एटीएम (ATM) से नकदी की निकासी करते हैं, तब आपको तो यह पता ही होगा कि किसी भी बैंक के एटीएम से डेबिट कार्ड के जरिये नकदी की निकासी करने पर आपको किसी प्रकार के शुल्क का भुगतान नहीं करना पड़ता है. अगर आपको इस बात की जानकारी नहीं है, तब आपको यह जान लेना बेहद जरूरी है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आपको कौन-कौन से अधिकार दिये हैं. वर्ष 2019 में ही आरबीआई ने गाइडलाइन जारी कर बैंक के ग्राहकों को कई प्रकार के अधिकार दिये थे, जिसमें एक यह भी शामिल है.

Also Read: Corona crisis : सेविंग्स अकाउंट में मिनिमम बैलेंस नहीं रहने पर चार्ज से मिली राहत, ATM से नकदी निकासी पर नहीं लगेगा पैसा

एटीएम से नकदी निकासी और जमा पर कब और कैसे नहीं लगता है कोई पैसा : बैंक के खाताधारकों को एटीएम से लेन-देन यानी नकदी निकासी और नकदी जमा करने पर कोई पैसा नहीं देना पड़ता है, लेकिन इसमें भी फर्क है. ऐसे में आपको यह जानना और भी जरूरी है कि किन शर्तों पर एटीएम से नकदी निकासी पर बैंक के ग्राहकों को किसी प्रकार का चार्ज नहीं देना पड़ता है. रिजर्व बैंक के गाइडलाइन के अनुसार, यदि किसी बैंक का खाताधारक एटीएम से नकदी की निकासी या फिर नकदी जमा करता है, तो उसे पैसा नहीं देना है. यह छूट महानगरीय क्षेत्र, शहरी क्षेत्र और ग्रामीण इलाकों के लिए अलग-अलग है.

क्या है बैंकों का नियम : अब देश के कोई-कोई बैंक अपने ग्राहकों को एटीएम से पांच नकदी निकासी पर कोई शुल्क नहीं लेते हैं, तो कोई बैंक सात बार की निकासी के बाद भी पैसा नहीं वसूलते. इससे ऊपर यदि कोई खाताधारक एटीएम से नकदी निकासी या नकदी जमा करता है, तो उसे उस पर चार्ज देना पड़ता है. कई बार आपके सामने एक समस्या बार-बार आती होगी कि आप एटीएम से नकदी निकासी करने गए, लेकिन पैसा नहीं निकला या फिर आप नकदी जमा करने गए, मगर आपकी नकदी को एटीएम ने स्वीकार नहीं किया… तब ऐसी स्थिति में आपका काम भले ही नहीं बना हो, लेकिन बैंक की नजर में यह काम मुफ्त नहीं है. बैंक इसको भी उन्हीं पांच या सात निकासी में शामिल कर लेते हैं और फिर बाद निकासी या जमा पर आपसे शुल्क की वसूली कर ली जाती है.

क्या कहता है रिजर्व बैंक : आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक, अगर कोई लेन-देन तकनीकी दिक्कतों की वजह से पूरा नहीं हो पाता है, तो इसे मुफ्त सेवा या फिर लेन-देन के तौर पर नहीं समझा जाएगा. वहीं, एटीएम से नकदी निकासी के समय मशीन में पैसा नहीं होने या फिर ट्रांजेक्शन फेल हो जाने पर भी बैंक इस सेवा को मुफ्त लेन-देन में नहीं गिनते हैं. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, शहरी सहकारी बैंक, राज्य सहकारी बैंक और जिला सहकारी बैंक सहित सभी कॉमर्शियल और नेशनलाइज बैंकों पर यह नियम लागू होता है.

मुफ्त की सेवा नहीं है एटीएम से चेकबुक रिक्वेस्ट भेजना : रिजर्व बैंक ने अपनी गाइडलाइन में यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई खाताधारक एटीएम के माध्यम से अपने बैंक को चेकबुक प्राप्त करने के लिए रिक्वेस्ट भेजता है, तो उसके द्वारा बैंक को भेजा गया रिक्वेस्ट मुफ्त सेवा में शामिल नहीं है. इसके साथ ही, अगर आप एटीएम से अपना बैलेंस चेक करते हैं, टैक्स का भुगतान करते हैं या फिर फंड ट्रांसफर करते हैं, तो यह सब काम भी रिजर्व बैंक की नजर में मुफ्त सेवा में शामिल नहीं है. कुल मिलाकर यह कि आपको एक महीने में एटीएम से पांच या सात बार की निकासी का ही अधिकार है. अगर आप इससे अधिक बार एटीएम से नकदी निकासी या फिर नकदी जमा करते हैं, तो आपका बैंक आपसे एटीएम चार्ज की वसूली करेगा ही करेगा.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel