Bihar Success Story in Hindi: आज जहां आईआईटी और आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से पढ़कर युवा विदेशों में बड़ी नौकरियों की तलाश में निकल जाते हैं, वहीं बिहार के शशांक कुमार ने एक अलग राह चुनी. आईआईटी से ग्रेजुएट होने के बावजूद उन्होंने न गूगल में काम किया, न माइक्रोसॉफ्ट में, बल्कि बिहार में रहकर ही कुछ बड़ा करने का सपना देखा और उसे सच भी कर दिखाया. उन्होंने अपने दोस्तों के साथ मिलकर ‘देहात’ (DeHaat) नाम की कंपनी की शुरुआत की, जो आज देशभर के लाखों किसानों के लिए एक भरोसेमंद मंच बन चुकी है.
भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि क्षेत्र की भूमिका बेहद अहम है, लेकिन इस क्षेत्र में पारदर्शिता की कमी और कार्यकुशलता की समस्याएं लंबे समय से बनी हुई हैं. इन्हीं चुनौतियों को हल करने के उद्देश्य से शशांक कुमार ने देहात की नींव रखी. यह कंपनी किसानों को तकनीक, कृषि इनपुट, फसल सलाह और बाजार तक पहुंच जैसे समाधान एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराती है. आज देहात न केवल बिहार बल्कि पूरे भारत में किसानों की जिंदगी बदल रही है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी मजबूत पहचान बना चुकी है.
शशांक कुमार, बिहार से आईआईटी तक का किया सफर
शशांक कुमार बिहार के छपरा जिले से ताल्लुक रखते हैं. उनकी मां एक शिक्षिका थीं और पिता बिहार नेशनल इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड में कार्यरत थे. शशांक ने झारखंड के नेतारहाट आवासीय विद्यालय से स्कूली शिक्षा प्राप्त की और फिर 2008 में आईआईटी दिल्ली से टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की. इसके साथ ही उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में भी पढ़ाई की.
नौकरी छोड़ी, किसानों के लिए बनाई नया प्लेटफॉर्म
आईआईटी से पास होने के बाद शशांक ने करीब ढाई साल तक बीकन एडवाइजरी सर्विसेज नामक कंसल्टेंसी कंपनी में काम किया. लेकिन किसानों की हालत सुधारने का सपना उन्हें बड़ा कदम उठाने के लिए प्रेरित करता रहा. साल 2011 में उन्होंने अपने दोस्त मनीष कुमार (आईआईटी खड़गपुर) के साथ मिलकर Firm & Farmers नाम की एक गैर-लाभकारी संस्था शुरू की. इसके बाद 2012 में Green Agrevolution नामक सामाजिक उद्यम की नींव रखी, जिसे आज हम DeHaat के नाम से जानते हैं. शुरुआत में जब वह किसानों से मिलने जाते थे, तो लोग यह सोचकर हैरान होते थे कि 24 साल का एक युवक खेती के बारे में क्या जानता होगा.
दोस्तों के साथ शुरुआत की
अब मनीष कुमार कंपनी से अलग हो चुके हैं. फिलहाल देहात की टीम में शशांक कुमार के साथ अमरेंद्र सिंह, श्याम सुंदर और आदर्श श्रीवास्तव जैसे प्रोफेशनल्स हैं, जो आईआईटी, आईआईएम और एनआईटी से पढ़े हैं. कंपनी के दफ्तर पटना और गुरुग्राम में स्थित हैं. देहात का उद्देश्य किसानों तक जरूरी कृषि सामग्री, सलाह और बाजार पहुंच को तकनीक के माध्यम से उपलब्ध कराना है.
Bihar Success Story in Hindi: क्या है DeHaat?
देहात एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जो छोटे किसानों को एक नेटवर्क से जोड़ता है. यह नेटवर्क माइक्रो-बिजनेस मालिकों का है जो बीज, खाद, कीटनाशक, कृषि उपकरण जैसी जरूरी चीजें किसानों तक पहुंचाते हैं. इसके अलावा ये किसानों को फसल से जुड़ी सलाह और उपज बेचने के लिए बाजार से संपर्क भी दिलाते हैं.
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Bihar Success Story in Hindi: देहात की कमाई और ग्रोथ
2022 में दिए हुए इंटरव्यू में सीईओ शशांक कुमार के अनुसार, मौजूदा वित्त वर्ष में DeHaat का टर्नओवर 80% से ज्यादा बढ़कर 2,300 करोड़ तक बताया था. कंपनी की कमाई में बढ़ोतरी की वजह है किसानों को इनपुट सप्लाई और उनके उत्पादों की देश-विदेश में बिक्री. साल 2022 में कंपनी का टर्नओवर 1,250 करोड़ के करीब था.
DeHaat आज भारत के लाखों किसानों की मदद कर रहा है और खेती को एक लाभकारी व्यवसाय बनाने की दिशा में काम कर रहा है. यह साबित करता है कि सही सोच, तकनीक और लगन से देश के सबसे पुराने पेशे कृषि में भी क्रांतिकारी बदलाव लाया जा सकता है.