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Dr Zakir Hussain in Hindi: जर्मनी से पढ़ाई…किताबों से बदली जिंदगी, ‘भारत रत्न’ डॉ जाकिर हुसैन ऐसे बने थे राष्ट्रपति

Dr Zakir Hussain in Hindi: डॉ. जाकिर हुसैन एक महान शिक्षाविद् और विचारक थे जिन्होंने जर्मनी से पढ़ाई की और भारत में शिक्षा के क्षेत्र में नई दिशा दी. किताबों के प्रति उनका प्रेम इतना गहरा था कि उन्होंने शिक्षा को ही जीवन का मकसद बना लिया. उनकी सोच और सेवा भावना ने ही उन्हें ‘भारत रत्न’ और राष्ट्रपति पद तक पहुंचाया.

Dr Zakir Hussain in Hindi: डॉ. जाकिर हुसैन भारत के तीसरे राष्ट्रपति थे. वे एक महान शिक्षाविद, समाजसेवी और राष्ट्रभक्त थे. उनका जन्म 8 फरवरी 1897 को हैदराबाद में हुआ था और उनका निधन 3 मई 1969 को हुआ था. वह सिर्फ एक नेता ही नहीं बल्कि एक महान शिक्षक और बुद्धिमान व्यक्ति भी थे. उनके बारे में छात्रों से पूछा जाता है और 3 मई को उनकी पुण्यतिथि पर ‘भारत रत्न’ और भारत के राष्ट्रपति रहे डॉ जाकिर हुसैन (Dr Zakir Hussain Biography in Hindi) के बारे में विस्तार से जानेंगे.

शुरुआती जीवन और पढ़ाई (Dr Zakir Hussain in Hindi)

डॉ. जाकिर हुसैन का जन्म 8 फरवरी 1897 को हैदराबाद में हुआ था. उनकी पढ़ाई हैदराबाद और अलीगढ़ में हुई. उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की और बाद में जर्मनी के बर्लिन विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की. जर्मनी में पढ़ाई ने उनकी सोच को और गहरा बनाया और उन्होंने भारत के लिए बेहतर शिक्षा प्रणाली का सपना देखा.

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शिक्षा के क्षेत्र में योगदान (Dr Zakir Hussain in Hindi)

डॉ. हुसैन 1920 में शुरू हुए जामिया मिलिया इस्लामिया के संस्थापक सदस्यों में से थे. उन्होंने इस यूनिवर्सिटी को भारतीय संस्कृति, आत्मनिर्भरता और आधुनिक सोच के आधार पर आगे बढ़ाया. वे कई वर्षों तक इसके वाइस चांसलर (कुलपति) रहे. बाद में, उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भी कुलपति के रूप में शिक्षा की नई दिशा दी.

राजनीति और राष्ट्रपति पद (Dr Zakir Hussain Biography in Hindi)

शिक्षा के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा. 1962 में वे भारत के उपराष्ट्रपति बने और 1967 में राष्ट्रपति. वे पहले मुस्लिम राष्ट्रपति बने और अपने काम से सबका दिल जीत लिया. उनके कार्यकाल में वे बेहद सादगी, ईमानदारी और लोकतंत्र की भावना के लिए पहचाने गए. अफसोस की बात है कि 3 मई 1969 को पद पर रहते हुए ही उनका निधन हो गया. वे पहले ऐसे राष्ट्रपति थे जिनका निधन कार्यकाल में हुआ.

सम्मान और विरासत (Dr Zakir Hussain Biography in Hindi)

1963 में उन्हें भारत का सबसे बड़ा नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ मिला. आज भी लोग उन्हें एक सच्चे राष्ट्र निर्माता के रूप में याद करते हैं. जामिया मिलिया इस्लामिया और उनके विचार आज भी युवाओं को प्रेरणा देते हैं.

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Shubham
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